WWE: WWE का अगला प्रीमियम लाइव इवेंट WrestleMania XL काफी नजदीक है। इस मेन इवेंट को मजेदार बनाने के लिए मैनेजमेंट टीम के द्वारा कई तगड़े मुकाबलों को बुक कर दिया गया है और आगामी स्मैकडाउन एवं रॉ के जरिए क्वालिफाइंग मैच का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही जीत दर्ज करने वाले दिग्गज […]
Category: WWE
WWE ( डब्लू डब्लू ई )
WWE (डब्लू डब्लू ई) आज दुनिया भर मे रेसलिंग का सबसे बड़ा ब्रांड है आइये हम आपको इसका इतिहास बताते है
1952 में रोड्रिक मैकमेहन और टूट्स मौंट ने CWC(Capitol Wrestling Corporation) से इस रैसलिंग कंपनी की शुरुआत की। एक वर्ष के पश्चात् ही CWC ने NWA(National Wrestling Alliance) से जुड़ने का फ़ैसला लिया। 1954 में रोड्रिक मैकमेहन के पिता की म्रत्यु हो गयी और यहाँ उदय हुआ विन्सेंट जेम्स मैकमेहन(विन्स मैकमेहन के पिता) के दौर का। विन्सेंट जेम्स मैकमेहन और टूट्स मौंट की रणनीतियां सफ़ल हो रहीं थी और जल्द ही इन्होने रैसलिंग की दुनिया पर जैसे राज करना शुरू कर दिया।
अगले नौ सालों तक ऐसे ही रैसलरों के बीच सबसे ताक़तवर होने की होड़ लगी रहती। 1963 आया और टूट्स मौंट के सम्बन्ध NWA के दूसरे सदस्यों से बिगड़ने लगे। बडी रोजर्स, उस दौर के सबसे ताक़तवर रैसलरों में से एक थे और उस समय NWA वर्ल्ड चैंपियन थे। उस समय चैंपियन को चैंपियनशिप बेल्ट के प्रति अपनी प्रतिबद्धता ज़ाहिर करने के लिए पच्चीस हज़ार डॉलर राशि जमा करनी होती थी, लेकिन रोजर्स इसके लिए तैयार नहीं थे। कारणवश रोजर्स को चैंपियनशिप गंवानी पड़ी।
WWWF(World Wide Wrestling Federation)
1963 में NWA से अलग होने के बाद विन्सेंट मैकमेहन, टूट्स मौंट और CWC(कैपिटोल रैसलिंग कॉर्पोरेशन) ने WWWF की स्थापना की। बडी रोजर्स, जिन्हें कुछ समय पूर्व ही NWA वर्ल्ड चैंपियनशिप गंवानी पड़ी थी। वो 25 अप्रैल, 1963 को एक बार फिर चैंपियन बने, लेकिन इस बार उनकी कमर से बंधी थी WWWF विश्व चैंपियनशिप।
रोजर्स के पास यह चैंपियनशिप केवल 22 दिन ही रह सकी। इतालवी रैसलर, ब्रूनो सम्मार्टिनो, रोजर्स को हरा, पहली बार WWWF चैंपियन बने। इसके सात साल बाद तक यानी पूरे 2803 दिन तक ब्रूनो सम्मार्टिनो को इस चैंपियनशिप की गद्दी से कोई उतार नहीं सका। यह वह दौर था जब WWWF के पास खोने को कुछ न था और पाने के लिए बहुत कुछ।
कंपनी अच्छी चल रही थी। इस दौरान बिली ग्राहम, बॉब बैकलंड जैसे रैसलर दिग्गज बन चुके थे। लेकिन 60 का दशक जैसे-जैसे नज़दीक आया, टूट्स मौंट ने WWWF से अपने हाथ खींच लिए। ऐसा कहा जाता है कि बढ़ती उम्र के कारण उन्होंने कंपनी छोड़ी।
उस दौरान केवल उन्हीं रैसलरों को स्टोरीलाइन के मुताबिक़ चैंपियन बनाया जाता था। जिन्हें क्राउड पसंद किया करता था। ब्रूनो सम्मार्टिनो का सात साल तक चैंपियन बने रहना भी इसी की एक बड़ी वजह रही।
1970 में ‘द मोंगोल्स’ की वजह से विवादास्पद स्थिति उत्पन्न हो गयी। ‘द मोंगोल्स’, गीटो मोंगोल और बेपो की टैग-टीम थी। इस टीम ने 1970 में इस टीम ने WWWF इंटरनेशनल टैग-टीम चैंपियनशिप, कुछ विवादों के चलते त्याग दी। कुछ समय तक टैग-टीम डिवीज़न खाली ही पड़ी रही। ऐसा तब तक रहा, जब ल्यूक ग्राहम और टार्ज़न टाइलर, टैग-टीम चैंपियनशिप टूर्नामेंट के फाइनल में ‘द मोंगोल्स’ को हरा WWWF इंटरनेशनल टैग-टीम चैंपियंस बने।
कंपनी अच्छी दिशा की ओर अग्रसर थी और 1979 आते-आते यह दुनिया की सबसे बड़ी रैसलिंग कंपनियों में से एक बन चुकी थी।
WWWF से WWF
1980 में विन्सेंट कैनेडी मैकमेहन(जिन्हें आज विन्स मैकमेहन के नाम से जाना जाता है) ने टाइटन स्पोर्ट्स कंपनी की स्थापना की। विन्स मैकमेहन के दौर की शुरुआत हो चुकी थी और दो वर्ष के पश्चात् ही विन्स मैकमेहन ने अपने पिता से CWC(Capitol Wrestling Corporation) को ख़रीदा। विन्स मैकमेहन के कंपनी ख़रीदने के कुछ समय बाद ही इसका नाम WWWF से WWF(World Wrestling Federation) कर दिया गया।
विन्सेंट जेम्स मैकमेहन हमेशा से उन रणनीतियों पर काम करते रहे कि WWWF एक स्पोर्ट ब्रांड होने से ज्यादा एक एंटरटेनमेंट ब्रांड है। लेकिन विन्स मैकमेहन ने कंपनी के शेयर ख़रीदने के साथ ही बहुत बड़े बदलाव किये। विन्स मैकमेहन ने यहाँ तक कि कंपनी की स्थापना के समय हुए कुछ करार भी ख़त्म कर दिए। रेवेन्यू में बढ़ोतरी के लिए मिस्टर मैकमेहन ने लाइव शोज़ की रिकार्डेड कैसेट भी बेचनी शुरू की।
पूरे यूएस/अमरीका में टीवी पर लाइव प्रसारण
अब कंपनी पूरी तरह विन्स मैकमेहन के हाथों में थी। मैकमेहन एक ही जगह अटके नहीं रहना चाहते थे, इसलिए नई रणनीतियों पर विचार विमर्श किये गए। अब लक्ष्य था तो WWF को पूरे यूएस की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बनाने का।
रणनीति यह थी कि अब WWF के लाइव शो पूरे अमरीका में टीवी पर लाइव प्रसारित किये जायेंगे। इससे दूसरी रैसलिंग कंपनियों पर डूबने का ख़तरा मंडराने लगा। अन्य रैसलिंग कंपनियाँ, मैकमेहन के इस निर्णय का लगातार विरोध कर रहीं थी। लेकिन मैकमेहन का लक्ष्य एक ही था, WWF को वहाँ पहुँचाने का, जहाँ कोई अन्य रैसलिंग ब्रांड सोच भी न सके।
मैकमेहन, नई एडवरटाइजिंग कंपनियों के संपर्क में आये। नई डील साइन की गईं। टीवी चैनलों के साथ नए करार हुए और रिकार्डेड टेप की बिक्री में भी बढ़ोतरी होने लगी।
रेवेन्यू बढ़ा, कंपनी ऊपर ही उठ रही थी, मैकमेहन अब पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहते थे। लेकिन टीवी राइट्स लेने के लिए NWA का हामी भरना बहुत ज़रूरी था। सभी रैसलिंग कंपनियों को साथ में लेकर चलना NWA का ही काम था। विन्स मैकमेहन के लिए मुसीबत आ खड़ी हुई थी कि उन्हें पूरे यूएस के टेलीविज़न राइट्स नहीं मिल सकते थे। इसका एक ही तोड़ था कि WWF को ये राइट्स तभी मिल सकते थे, जब वो NWA और कुछ चुनिन्दा रैसलिंग कंपनियों से बड़ा ब्रांड बन जाए।
हल्क होगन का आगमन
विन्स मैकमेहन के लिए हल्क होगन, एक प्रकाश की किरण बनकर उनकी ज़िन्दगी में आये। हल्क होगन ख़ासे लोकप्रिय रैसलर थे। इससे पहले वो कई रैसलिंग ब्रांड्स में लड़ चुके थे, इसलिए उनके पास रिंग का अनुभव और लोकप्रियता थी, जो विन्स मैकमेहन की सहायता कर सकता था। हल्क होगन को उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट ऑफर किया और हल्क ने जल्द ही इसे स्वीकार भी कर लिया।
राउडी रॉडी पाइपर, बिली ग्राहम और जैसी वेंच्यूरा को हल्क होगन के खिलाफ़ उतारा गया। ये सभी आगे चलकर न केवल WWF के बल्कि रैसलिंग की दुनिया के दिग्गज बने। हालाँकि जैसी वेंच्यूरा, WWF में ज्यादा फाइट नहीं लड़े, क्योंकि उन्हें फेफड़े सम्बंधित कुछ बीमारी से जूझना पड़ रहा था। लेकिन इससे पहले ही वो रैसलिंग की दुनिया में ख़ासा नाम कमा चुके थे। जल्द ही हल्क होगन को WWF का सबसे बड़ा रैसलर बना दिया गया। वो 1984 में WWF वर्ल्ड हैवी-वेट चैंपियन भी बने।
रेटिंग्स में बढ़ोतरी हुई और मैकमेहन ने आख़िरकार टेलीविज़न डील साइन की। यह शायद हल्क होगन के बिना असंभव था। WWF का लाइव प्रसारण पूरे यूएस के नॉर्थ-ईस्ट क्षेत्र में किया जाने लगा। इस तगड़े रैसलर की लोकप्रियता एक कारण रही कि WWF की भी लोकप्रियता बढ़ती ही रही।
बिज़नेस बड़ा हो चला, पैसा भी बढ़ रहा था, इसलिए विन्स मैकमेहन ने और रैसलरों को कॉन्ट्रैक्ट ऑफर किये। इनमें हैकसॉ जिम डुग्गन, ‘जेक द स्नेक रॉबर्ट्स’ जैसे प्रतिभावान रैसलर शामिल थे। लेकिन पूरे अमरीका के टेलीविज़न राइट्स पाने के लिए अभी भी एक बड़ी मुसीबत थी। कंपनी के पास इतना पैसा नहीं था कि वो दुनिया के तीसरे सबसे बड़े देश के टीवी चैनल राइट्स पा सकें।
रैसलमेनिया का पदार्पण इवेंट(गोल्डन एरा)
यहाँ वर्ष 1985 में रैसलमेनिया नाम की एक इवेंट पर बड़ा दांव खेला गया। मिस्टर मैकमेहन नहीं जानते थे कि इस इवेंट में पैसा लगाना उनके लिए मुनाफ़े का सौदा साबित होगा या घाटे का। यह पे-पर-व्यू इवेंट रही।
पे-पर-व्यू इवेंट, इसके लिए कोई भी व्यक्ति, कुछ राशि जमा कर इस बड़ी इवेंट की सदस्यता ले सकता है। प्रसारणकर्ता, इस सदस्य को इस इवेंट का लाइव प्रसारण मुहैया कराता है। 31 मार्च, 1985 को रैसलमेनिया की पहली इवेंट(रैसलमेनिया-1) का आयोजन किया गया।
इवेंट का इतना प्रोमोशन किया गया और अच्छे तरीके से किया गया कि बड़े-बड़े अभिनेताओं का ध्यान, इसने अपनी ओर खींचा। रैसलमेनिया-1 इवेंट में करीब 19 हज़ार दर्शक एरीना में मौजूद रहे। इस इवेंट में कुल नौ मैच लड़े गए और इवेंट बहुत हिट रही। उसके बाद लगातार रैसलमेनिया इवेंट का आयोजन किया जा रहा है और यह साल की सबसे बड़ी इवेंट है।
रैसलमेनिया पर खेला गया दांव इतना सफ़ल रहा कि इस दौर को रैसलिंग के इतिहास का गोल्डन एरा/ स्वर्णिम युग कहा जाने लगा। लगातार दर्शकों की संख्या बढ़ रही थी, लेकिन जैसे ही WWF, 1990 के दशक में दाखिल हुई, रेटिंग्स में अविश्वसनीय गिरावट देखी गयी। कंपनी एक बार फिर वहाँ पहुँच चुकी थी, जहाँ से इसकी शुरुआत हुई थी।
इसका कारण यह बताया जाता है कि लोग, हल्क होगन की जीत के आदी हो चुके थे। उन्हें हराने वाला कोई दूसरा रैसलर कंपनी में मौजूद नहीं था। 1989 के बाद रैसलमेनिया के साथ-साथ कंपनी को बिज़नेस के मामले में अच्छा ख़ासा घाटा हुआ। कंपनी में नए बदलावों का आगमन होने वाला था।
1991 में हल्क होगन, रॉडी पाइपर, रिक मार्टेल ब्रायन ब्लेयर और डैन स्पिवे पर आरोप लगे कि इन्होंने, WWF के नामी फिजिशियन, जॉर्ज ज़होरियन से स्टेरॉयड्स की ख़रीदारी की है। दो साल बाद विन्स मैकमेहन पर भी आरोप लगे कि विन्स मैकमेहन का इस स्टेरॉयड स्कैम में हाथ रहा है, उन्होंने ही ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में शॉर्ट-कट अपनाना चाहा। यदि मिस्टर मैकमेहन इसके दोषी पाए जाते तो उन्हें आठ साल की ज़ेल और पांच लाख डॉलर का भुगतान भी करना पड़ सकता था।
कुछ दिन के बाद हल्क होगन का बयान आया कि WWF रैसलरों का स्टेरॉयड का सेवन करना उन दिनों आम बात थी। मैकमेहन ने इसके लिए हमारे ऊपर कभी दबाव नहीं डाला। कुछ दिन बाद विन्स मैकमेहन को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया।
ट्यूसडे नाईट टाइटन्स
WWF द्वारा यह शो 1984 में लांच किया गया। समयसीमा रखी गयी 120 मिनट। पहली बार 29 मई, 1984 को इसका पहला एपिसोड टीवी पर प्रदर्शित किया गया। लेकिन 4 जनवरी, 1985 से इसे एक घंटे का कर दिया गया। यही नहीं इसे मंगलवार से शुक्रवार स्थानांतरित किया गया। 1 जनवरी. 1985 को लांच हुए नए शो, प्राइम टाइम रैसलिंग ने मंगलवार रात, ट्यूसडे नाईट टाइटन्स की जगह ली। लेकिन शो ज्यादा सफ़ल नहीं हो सका इसलिए 24 सितम्बर, 1986 को इसे बंद कर दिया गया।
WWF Prime Time Wrestling
WWF प्राइम टाइम रैसलिंग नाम का यह शो 1985 में लांच किया गया। मूल रूप से इसकी समयसीमा 120 मिनट लम्बी रखी गयी। इस बीच पूर्व रैसलर, गोरिला मानसून और बॉबी हीनन ने इस शो की होस्टिंग ज़ारी रखी। लेकिन हीनन कुछ ऐसे किरदार में थे कि वो विलेन रैसलरों को चीयर किया करते थे। दूसरी तरफ़ मानसून, बेबीफेस रैसलरों के पक्ष में कमेंटरी किया करते थे।
चार जनवरी, 1993 को प्राइम टाइम रैसलिंग का आख़िरी इवेंट टीवी पर प्रदर्शित किया गया। इसके दस दिन दिन बाद इसे WWF मंडे नाईट रॉ नाम से पुकारा जाने लगा।
न्यू जेनरेशन एरा
करीब तीन से चार साल के ख़राब दौर के बाद 1993 का आगमन हुआ। मध्य 1993 के दौरान ब्रेट हार्ट, शॉन माइकल्स, ‘द अंडरटेकर’, डीज़ल(केविन नैश) जैसे नाम WWF से जुड़े। रणनीतियां ऐसी बनाई गईं कि जल्द ही ये सभी WWF के स्टार रैसलर बन बैठे। हल्क होगन ने 1993 के मध्य WWF छोड़ी और WCW ज्वाइन की। हल्क होगन के कंपनी छोड़ने के बाद ब्रेट हार्ट बने इस जेनरेशन के सुपर-स्टार।
अब यह WCW(World Championship Wrestling), विन्स मैकमेहन के लिए मुसीबत बन चुकी थी। 11 जनवरी,1993 को WWF रॉ का डेब्यू हुआ। सोमवार रात इस इवेंट का आयोजन किया जाने लगा। लेकिन WCW के मालिक, टेड टर्नर ने 1995 में WCW मंडे नाइट्रो इवेंट लांच की। WCW में एंट्री हुई पूर्व WWF रैसलरों की, जो विन्स मैकमेहन का साथ छोड़ चुके थे। ये रैसलर थे, स्कॉट स्टाइनर, हल्क होगन, केविन नेश, स्कॉट हॉल।
इन चारों ने मिलकर एक टीम बनायी। इस टीम का नाम था nwo(New World Order)। अगले तीन से चार सालों तक इस टीम ने WCW पर ही नहीं बल्कि पूरी रैसलिंग की दुनिया पर राज किया। ख़ासी संख्या में WWF के रैसलर, WCW का रुख करने लगे। ज़ाहिर था कि WWF एक बार फिर नीचे की ओर जाने लगी थी। टीवी शो एक ही समय पर प्रदर्शित होने के कारण रेटिंग्स के लिए दोनों कंपनियों के बीच जद्दोजहद का माहौल बन खड़ा हुआ।
‘द कर्टेन कॉल’
WWF फैन्स, बेबीफेस और हील किरदार में ढले रैसलरों की वजह से ही रैसलिंग को पसंद किया करते थे। लेकिन 1996 में यह वाकया घटित हुआ, जिसने रैसलिंग की दुनिया को ही बदल कर रख दिया।
केविन नैश और माइकल्स के बीच मैच हुआ। मैच के बाद दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया, दर्शकों ने भी इस लम्हे का पूरा लुत्फ़ उठाया। क्योंकि ये दोनों उस वक़्त बेबीफेस थे, इस कारण दर्शकों को इससे बहुत ख़ुशी थी। इसके कुछ देर बाद ट्रिपल एच, रिंग में उतरे। जो उस समय हील रैस्लर थे, उन्होंने शॉन माइकल्स और स्कॉट हॉल को गले लगाया।
मैडिसन स्क्वायर गार्डन में हुई WWF लाइव इवेंट में केविन नैश और स्कॉट हॉल WWF का अपना आख़िरी मैच रिंग में लड़ने उतरने वाले थे। केविन नैश, शॉन माइकल्स, ट्रिपल एच(उस दौरान हेल्मस्ले नाम से जाने जाते थे), स्कॉट हॉल रिंग में आये और चारों ने एक दूसरे को गले लगा ऊपर हाथ उठा दिए। इस कारण फैन्स सकते में थे। क्योंकि अभी तक वो इन रैसलरों को एक-दूसरे के खिलाफ़ ही रिंग में लड़ते देखते थे।
इस वाकये से पूरा क्राउड सकते में था कि आख़िर यह क्या हो रहा है। क्राउड से मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिल रही थी इस सेगमेंट को। बैकस्टेज यह सब होता देख, विन्स मैकमेहन ने अपना सर पकड़ लिया कि आख़िर इन्होंने यह क्या किया?
स्कॉट हॉल और केविन नैश WCW में एंट्री करने वाले थे। इसलिए विन्स मैकमेहन जो भी निर्णय लेते, इससे इन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ने वाला था। लेकिन शॉन माइकल्स चैंपियन थे, इसलिए इसका ठीकरा उन पर फूटना तय था। विन्स मैकमेहन ने ट्रिपल एच पर भी इसके बाद उन्हें इसका सबक सिखाना शुरू किया। लेकिन ट्रिपल एच, प्रतिभा के धनी थे, इसलिए विन्स मैकमेहन का रवैया उन पर भारी पड़ता नहीं दिख रहा था। युवा रैसलरों के आक्रामक रवैये के कारण जो इसके बाद युग शुरू हुआ, उसे ‘द एटिट्यूड एरा’ कहा जाने लगा।
हैल इन ए सैल
एक दशक पहले जिस तरह रैसलमेनिया इवेंट पर दांव खेला गया। उसी तरह एक और इवेंट के डेब्यू को लेकर चर्चा होनी शुरू हुई। बैड ब्लड नामक इवेंट पहले भी कई बार आयोजित हो चुकी थी। 5 अक्टूबर, 1997 को इसका अठारहवां बार आयोजन हुआ। इवेंट इसलिए ख़ास बनी, क्योंकि इसमें WWF के इतिहास में पहली बार हैल इन ए सैल मैच/केज़ मैच लड़ा गया।
पहला ‘हैल इन ए सैल’ केज मैच, शॉन माइकल्स और अंडरटेकर के बीच हुआ। जिसे भी इस मैच में जीत हासिल होती, उसे दो महीने बाद होने वाली सर्वाइवर सीरीज़ इवेंट में चैंपियन, ब्रेट हार्ट के खिलाफ़ चैंपियनशिप जीतने का मौका मिलना था।
अंडरटेकर और शॉन माइकल्स, करीब आधे घंटे तक रिंग में लड़ते रहे। धमाकेदार मैच तो हुआ ही, शॉन माइकल्स खून से लथपथ हो चले, फिर भी हार मानने को तैयार नहीं थे। रेड डीमन, केन की सहायता से शॉन माइकल्स इस मैच के विजेता घोषित किये गए। अब उन्हें दो महीने बाद सर्वाइवर सीरीज़ में ब्रेट हार्ट के खिलाफ़ टाइटल शॉट मिल चुका था। केवल मैच को ही नहीं, बल्कि पूरी इवेंट को दर्शकों से अच्छी प्रतिक्रियाएं मिली। लेकिन कंपनी को फ़ायदा उतना नहीं हुआ जिससे WCW को पीछे धकेला जा सके।
‘द एटिट्यूड एरा’
WCW को टक्कर देने के लिए WWE के मालिक ने एक नया बदलाव लाने का प्रयास किया। यहाँ बनी टीम डी- जेनरेशन एक्स’। डी- जेनरेशन एक्स’(ट्रिपल एच, रिक रूड, चायना और शॉन माइकल्स की टीम) का गठन किया गया। इस टीम के साथ-साथ स्टोन कोल्ड स्टीव ऑस्टिन को भी बड़ा पुश दिया गया। कुछ ही सालों में स्टीव ऑस्टिन स्टार रैसलर बन चुके थे। लेकिन इसी बीच विन्स मैकमेहन के साथ भी उनके सम्बन्ध ठीक नहीं रहे।
‘द एटिट्यूड एरा’ की शुरुआत हो चुकी थी। रैसलमेनिया-14 के लिए नए लोगो/चिन्ह का इस्तेमाल किया गया। WCW के कारण बिज़नेस में लगातार मैकमेहन को नुकसान हो रहा था। कारणवश ब्रेट हार्ट को मिस्टर मैकमेहन ने जवाब दिया कि मैं उन्हें उतने पैसे नहीं दे पाउँगा, जितना उन्हें WCW ऑफर कर रही है।
ब्रेट हार्ट का WWF के साथ अनुबंध ख़त्म हुआ और कुछ दिन के पश्चात् ही यह पूर्व WWF वर्ल्ड चैंपियन, WCW से जा जुड़ा। ब्रेट हार्ट की WWF से निकासी के बाद जो कंपनी का बड़ा रैसलर बना, वह ‘स्टोन कोल्ड स्टीव ऑस्टिन’ रहा। स्टीव ऑस्टिन कुछ ही महीनों के भीतर रैसलिंग की दुनिया में ख़ासी लोकप्रियता हासिल कर चुके थे। इस दौरान शॉन माइकल्स पर भी उन्होंने विजय पाई और नए WWF वर्ल्ड हैवी-वेट चैंपियन बने।
टेड टर्नर की कंपनी, WCW के साथ अभी भी रेटिंग्स को लेकर मैकमेहन को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा था। कई नए रैसलरों का आगमन हुआ। ‘द रॉक’, ट्रिपल एच, मिक फ़ोले और केन जैसे रैसलर, स्टार से सुपर-स्टार बन चुके थे। एक टीम के रूप में काम करने का फ़ल भी मिस्टर मैकमेहन को जल्द ही मिलने लगा। सभी रैसलरों को मिल रहे बराबर मौकों के कारण WWF की लोकप्रियता बढ़ने लगी। जिससे बिज़नेस में भी कुछ हद तक नुकसान के दौर से बाहर निकल चुके थे।
13 अप्रैल, 1998 की WWF रॉ लाइव इवेंट ने पूरे डेढ़ दशक के बाद WWF को WCW से ज्यादा रेटिंग्स दिलाई। अभी तक WWF, टाइटन स्पोर्ट्स के अधीन थी। लेकिन 19 अक्टूबर, 1999 को WWF की पैतृक कंपनी का नाम बदल कर WWFE(World Wrestling Federation Entertainment) कर दिया गया।
नाम बदलने के साथ ही कंपनी ने आम लोगों के और भी नज़दीक आने के लिए मार्केट में शेयर ऑफर किये। मार्केट में एक करोड़ से ज्यादा शेयर लांच किये गए, प्रत्येक शेयर की कीमत थी 17 यूएस डॉलर। इससे कंपनी शेयर मार्केट में उतरी।
स्मैकडाउन का डेब्यू
मिस्टर मैकमेहन ने रणनीतियों में और भी बदलाव लाये। WCW की रेटिंग्स गिराने के लिए स्मैकडाउन नाम का नया शो मार्केट में उतारा गया। 29 अप्रैल, 1999 को इस इवेंट का डेब्यू हुआ। लेकिन तीन महीने बाद से इसे एक साप्ताहिक इवेंट बना दिया गया। नई स्टोरीलाइन बना रैसलरों को एक दूसरे के खिलाफ़ रिंग में उतारने का दौर शुरू हो चला। नई और रचनात्मक स्टोरीलाइन बनाने के लिए बैकस्टेज एक नई टीम बनाई गयी।
WCW का पतन
‘द एटिट्यूड एरा’ की सफ़लता का श्रेय विन्स मैकमेहन की रणनीतियों को ही जाता है। विन्स मैकमेहन के लिए वित्तीय समस्याएँ अब भूतकाल की बात हो चलीं। ढलान पर अब WWF नहीं, WCW थी। टेड टर्नर को साल दर साल लाखों डॉलर का नुकसान झेलना पड़ रहा था। आख़िरकार वह समय आया जब WCW की नीलामी की ख़बरें मीडिया में उछलने लगी। अंततः मार्च 2001 में WCW, WWF के अधीन हो चला।
टेड टर्नर की कंपनी ख़रीदने के साथ ही विन्स मैकमेहन ने WCW के सभी अन्य करार ख़त्म कर दिए। ऐसा कहा जाता है कि सात मिलियन डॉलर में विन्स मैकमेहन ने WCW अपने नाम की। इसी बीच ECW(Extreme Championship Wrestling) का भी पतन हुआ। ECW, जिसे पॉल हेमन और टॉड गॉर्डोन ने मिलकर स्थापित किया था।
ECW
ECW (Extreme Wrestling Championship) की स्थापना 1992 में हुई। पॉल हेमन और टॉड गॉर्डोन (अमरीकी बिज़नेस-मैन) ने साथ मिलकर इस रैसलिंग ब्रांड की स्थापना की थी। तीन वर्ष बाद पारिवारिक समस्याओं के चलते टॉड गॉर्डोन ने ECW के अपने शेयर बेच दिए और कंपनी से सभी सम्बन्ध ख़त्म कर लिए। ऐसा माना जाता है कि पॉल हेमन ने उन्हें अपने शेयर बेचने पर मजबूर किया था, क्योंकि वो यहाँ तैयार किये जा रहे रैसलरों को WCW में भेजने को तैयारी कर रहे थे।
WWF अपने नुकसान की भरपाई में लगा था क्योंकि ECW और WCW के बीच दरार पड़ने लगी थी। अगस्त,1999 में ECW ने अमरीकी टीवी चैनल, TNN से डील साइन की। जिससे ECW पूरे यूएस में अपने शो को टेलीकास्ट करने की तैयारी में था। लेकिन अक्टूबर 2000 में यह डील रद्द कर दी गयी। ECW की रेटिंग्स नीचे गिरने लगीं। आख़िरकार पॉल हेमन को मजबूरन मार्च, 2001 में कंपनी को बंद करना पड़ा।
WWE
वर्ष 2000 में WWF(World World-life Federation) ने विन्स मैकमेहन की कंपनी के खिलाफ़ याचिका दायर की। नाम चुराने का यह मामला काफ़ी समय तक मुद्दा कोर्ट में खिंचता रहा। मई 2002 में WWF ने गुप्त तरीके से अपनी सभी इन्टरनेट साइट्स पर कंपनी का नाम WWF से WWE कर दिया। अगले दिन अधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर बयान दिया कि कंपनी का नाम WWFE(1999 में पैतृक कंपनी का नाम टाइटन स्पोर्ट्स से बदल कर World Wrestling Federation Entertainment कर दिया गया था) से WWE(World Wrestling Entertainment) कर दिया गया है।
ब्रांड का विभाजन
नाम के बदलाव के साथ ही एक और बड़ा बदलाव लाया गया। यह था कि WWE को दो हिस्सों में बाँट दिया गया है। एक का नाम होगा WWE रॉ और दूसरी ब्रांड का नाम WWE स्मैकडाउन। लोगों ने यहाँ स्मैकडाउन शब्द पहली बार सुना। दोनों ब्रांड्स के लिए अलग-अलग जनरल मैनेजर पद बनाये गए।
विन्स मैकमेहन ने इस दौर को नाम दिया ‘रुथलेस एग्रेशन’। जिसका मतलब था आक्रामक दौर की शुरुआत। 2002 के अंतिम दौर में ब्रॉक लैसनर ने ख़ुद को स्मैकडाउन का अभिन्न हिस्सा करार दिया। इसके बाद चैंपियनशिप बेल्ट्स को भी अलग-अलग कर दिया गया। सभी इवेंट्स का भी बंटवारा कर दिया गया। केवल रॉयल रम्बल, रैसलमेनिया, समर-स्लैम और सर्वाइवर सीरीज़ मात्र ऐसी इवेंट्स बचीं थी, जिनमें रॉ और स्मैकडाउन के रैसलर साथ लड़ सकेंगे।
हर साल ड्राफ्ट-लाटरी नाम का एक सेगमेंट भी इन बदलावों में जोड़ा गया। जिसे आज सुपर-स्टार शेक-अप कहा जाता है। हर साल इस सेगमेंट का आयोजन किया जाने लगा, जिससे पता चल सके कि कौन सा रैसलर किस ब्रांड में लड़ेगा। WWE, दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार हो चली थी। लेकिन 2003 और 2004 में दो दिग्गज रैसलर WWE छोड़ बाहर हो गए।
ये दो रैसलर थे ‘द रॉक’ और स्टीव ऑस्टिन’, जिन्हें WWF/WWE के कारण ही दुनिया में लोकप्रियता हासिल हुई थी। ‘द एटिट्यूड एरा’ का अंत 2001 में ही हो चला था। जिन रैसलरों की वजह से 1997-2001 के दौर को ‘द एटिट्यूड एरा’ कहा जाता है। ये दोनों एकसाथ कंपनी छोड़ चुके थे। लेकिन यहाँ से शुरू हुआ ब्रॉक लैसनर और रैंडी ऑर्टन जैसे युवा रैसलरों का करियर।
रैंडी ऑर्टन- WWE के सबसे युवा चैंपियन
रैंडी ऑर्टन और लैसनर जैसे युवाओं को सुपर-स्टार बनाने की तैयारियां शुरू हो चली। समर-स्लैम 2004 में क्रिस बेनोइट को हरा वो WWE के इतिहास के सबसे WWE वर्ल्ड हैवी-वेट चैंपियन बने। अगले कुछ वर्षों में जो रैसलर चमके, उनमें रे मिस्टेरियो, कर्ट एंगल, ऐज़, एडी गुरैरो, रॉब वैन डैम जैसे नाम शामिल रहे।
रैसलरों की रिंग में आक्रामकता से दर्शकों की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा था। लेकिन 2005 में एडी गुरैरो की आकस्मिक मौत से पूरा रैसलिंग जगत स्तब्ध सा रह गया।
WWE की नीतियों में बदलाव
जाँच में पता चला कि एडी गुरैरो की मौत ड्रग्स के अत्यधिक सेवन के कारण हुई। इसी कारण, WWE ने अपनी कुछ नीतियों में बदलाव किये। यह केवल इसलिए किया गया, कि बाकी रैसलरों को भी तो कहीं ऐसी ही लत नहीं। इसी कारण रिंग में उतरने से पहले ड्रग टेस्ट पास करना ज़रूरी हो चला।
गुरैरो के करीबी दोस्त, रे मिस्टेरियो को गुरैरो की याद में इसके बाद एक मेन इवेंट सुपर-स्टार का पुश दिया गया। रे मिस्टेरियो ने 2006 रॉयल रम्बल जीता और रैसलमेनिया-22 में वो पहली बार WWE वर्ल्ड हैवी-वेट चैंपियन बने। जॉन सीना, बतिस्ता जैसे रैसलर भी दुनिया में अपनी पहचान बनाने को आतुर थे।
‘मनी इन द बैंक’
2005 में क्रिस जेरिको ने ‘मनी इन द बैंक’ इवेंट का आयडिया WWE के बड़े अधिकारियों तक पहुँचाया। WWE रॉ जनरल मैनेजर एरिक बिस्कॉफ़ को यह आयडिया पसंद आया। पहला ‘मनी इन द बैंक’ ब्रीफ़केस मैच रैसलमेनिया-21 में हुआ, जिसमें ऐज़ जीत हासिल की। वर्ष 2009 तक इसे रैसलमेनिया इवेंट का ही हिस्सा बनाए रखा गया।
22, फरवरी, 2010 को पुष्टि की गयी कि ‘मनी इन द बैंक’ को WWE की एक अलग पे-पर-व्यू इवेंट का दर्जा दे दिया गया है। मूल रूप से यह मैच, एक लैडर मैच है। हवा में लटके ब्रीफ़केस को उतारने के लिए दो या तीन नहीं, काफ़ी संख्या में रैसलर रिंग में उतरते हैं। जो ब्रीफ़केस जीतता है, उसे अधिकार होता है कि वो कभी भी और किसी भी समय मौजूदा WWE वर्ल्ड चैंपियन पर हमला कर उससे चैंपियनशिप के लिए चुनौती दे सकता है।
ECW की वापसी
चार वर्ष पूर्व जिस रैसलिंग कंपनी को वित्तीय समस्या के चलते पॉल हेमन को बंद करना पड़ा था। 2005 में उसकी वापसी पर चर्चाएँ शुरू हो चली। इस बार पॉल हेमन की सहायता के लिए उनके साथी के तौर पर खड़े हुए विन्स मैकमेहन।
अंततः मई 2006 को ECW की WWE की एक ब्रांड के रूप में वापसी हुई। ECW डब्लू डब्लू ई आज दुनिया भर मे रेसलिंग का सबसे बड़ा ब्रांड है आइये हम आपको इसका इतिहास बताते है अन्य ब्रांड्स, स्मैकडाउन और रॉ से कुछ अलग थी। हालाँकि शो का समय वही रखा गया जिस समय स्मैकडाउन और रॉ लाइव इवेंट्स का प्रसारण हुआ करता था, यानी रात आठ बजे से। नियमों में भी ज्यादा कुछ बदलाव नहीं किया गया। अभी पॉल हेमन को ECW चलाते हीक वर्ष भी नहीं बीता था की विन्स मैकमेहन ने उन्हें WWE-ECW की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया।
अगस्त 2007 तक इसे चलाने वाला तक कोई न था। अंततः पूर्व रैसलर, अरमांडो एस्ट्राडा को ECW का जनरल मैनेजर नियुक्त किया गया।
जैसे-जैसे समय बीता, WWE-ECW के टीवी प्रसारण के समय में भी बदलाव होते रहे। जून 2008 से सितम्बर 2008 तक अमरीकी समयानुसार इसे इवेंट को आठ बजे से दस बजे शुरू होने वाली इवेंट बना दिया गया।
2009 में चर्चाएँ शुरू हुईं कि ECW में बड़े बदलाव किये जा रहे हैं। बदलाव तो हुए नहीं, ECW एक बार फिर बंद हुई और 2 फरवरी, 2010 को विन्स मैकमेहन ने पुष्टि की, कि NXT नाम का शो ECW की जगह लेने जा रहा है।
NXT का आगमन
पॉल हेमन द्वारा शुरू की गयी कंपनी दूसरी बार डूब चली। इस बार डूबी नहीं थी बल्कि विन्स मैकमेहन ने इसे डब्लू डब्लू ई आज दुनिया भर मे रेसलिंग का सबसे बड़ा ब्रांड है आइये हम आपको इसका इतिहास बताते है की एक नई ब्रांड का रूप दे दिया था। NXT एक WWE की डेवलपमेंट ब्रांड के रूप में उभरी। जहाँ युवा रैसलरों को मेन रोस्टर में जगह बनाने के लिए कड़ी ट्रेनिंग से गुज़रना पड़ता है।
स्कॉटलैंड की रैसलिंग कंपनी, SWA(Scottish Wrestling Alliance) की भी एक डेवलपमेंट है। जिसे NXT के नाम से ही जाना जाता रहा है। इसलिए WWE ने SWA से संधि की, ताकि NXT ट्रेड-मार्क से उन्हें हाथ ना धोना पड़े।
नेक्सस टीम
सीएम पंक, डेविड ओटुन्गा, ब्रे वायट, मेसन रेयान, कर्टिस एक्सल, राइबैक, डेनियल ब्रायन, हीथ स्लेटर, माइकल टार्वर और वेड बैरट से मिलकर नेक्सस टीम बनी थी। लेकिन जैसे-जैसे रैसलरों को कॉन्ट्रैक्ट मिला, ये सभी अलग होते गए।
इस टीम ने NXT को पहले ही सीजन में वह औदा दिला दिया था कि रेटिंग्स चरम पर थीं। वेड बैरट ने NXT का पहला सीजन जीता। अगली ही WWE रॉ लाइव इवेंट में जॉन सीना और सीएम पंक के बीच मेन इवेंट लड़ा जा रहा था, लेकिन नेक्सस की पूरी टीम बाहर आई और जॉन सीना पर सभी ने अपने हाथ साफ़ किये।
यह किसी NXT टीम/रैसलर का आज तक के इतिहास में सबसे बेहतरीन डेब्यू रहा। वेड बैरट के NXT डेब्यू सीजन जीतने के बाद ही नेक्सस के सभी रैसलरों ने डब्लू डब्लू ई से फुल-टाइम कॉन्ट्रैक्ट की मांग की थी। तत्कालीन रॉ जनरल मैनेजर, ब्रेट हार्ट ने नेक्सस के लीडर और साथ में पूरी टीम को WWE बिल्डिंग से बाहर निकाल फ़ेंकने के आदेश दिए।
लेकिन जैसे ही शो ऑफ़-एयर हुआ, नेक्सस की पूरी टीम ने रॉ जनरल मैनेजर, ब्रेट हार्ट पर भी हमला कर, इसे बड़ा मुद्दा बना दिया। ऐसा माना जाता है कि नेक्सस का डेब्यू किसी स्टोरीलाइन का हिस्सा नहीं था। कॉन्ट्रैक्ट को लेकर इन युवा रैसलरों में आक्रोश था इसलिए बिना किसी को बताये वेड बैरट की यह टीम बिल्डिंग में दाखिल हो गयी और सभी जगह उथल-पुथल मचा दी।
पूरी टीम को कंपनी से बर्ख़ास्त कर दिया गया था। लेकिन कुछ समय के पश्चात् विन्स मैकमेहन ने टीम के छः रैसलरों को कॉन्ट्रैक्ट ऑफर किया।
2011 में स्मैकडाउन और रॉ एक बार फिर एक साथ
29 अगस्त, 2011 को पुष्टि की गयी कि रॉ और स्मैकडाउन के सभी रैसलर अब रॉ का हिस्सा बनने जा रहे हैं। हालाँकि स्मैकडाउन बंद नहीं हुई, लेकिन दोनों ब्रांड के रैसलर एक साथ लड़ेंगे। इसका उद्देश्य डब्लू डब्लू ई की टीवी रेटिंग्स बढ़ाना था। चैंपियनशिप के लिए रॉ और स्मैकडाउन के रैसलर एक दूसरे के साथ भिड़ सकते थे।
यह वह दौर रहा जब काफ़ी रैसलर, एक ही समय में WWE वर्ल्ड चैंपियन और WWE वर्ल्ड हैवी-वेट चैंपियन बने। इनमें डेनियल ब्रायन, रैंडी ऑर्टन और भी कई रैसलरों ने यह रिकॉर्ड अपने नाम किया। मॉडर्न एरा की शुरुआत हो चुकी थी। WWE एक ग्लोबल ब्रांड बन चुकी है। इसमें NXT का भी बहुत बड़ा योगदान रहा। कंपनी के पास ख़ुद की डेवलपमेंट ब्रांड है, यानी युवा प्रतिभा के लिए विन्स मैकमेहन को किसी अन्य व्यक्ति से मदद मांगने की ज़रूरत नहीं।
साल बीते लेकिन विन्स मैकमेहन ने World Wrestling Entertainment के लिए क्या नहीं किया। कुछ और बदलाव पर चर्चा की गयी। अंततः 25 मई, 2016 को घोषणा की गयी कि WWE एक बार फिर दो हिस्सों में बंटने जा रही है। जिसे ‘द न्यू एरा’ नाम दिया गया।
‘द रियलिटी एरा: 2014-2016
2014 रॉयल रम्बल के तुरंत बाद सीएम पंक ने डब्लू डब्लू ई छोड़ने का फ़ैसला लिया। इसका कारण उन्होंने यह बताया कि विन्स मैकमेहन के साथ-साथ, कंपनी के बड़े अधिकारियों ने उनके सह बुरा व्यवहार किया। सीएम पंक के कंपनी छोड़ने के कारण सभी स्टोरीलाइन के सभी समीकरण जैसे बिगड़ से गए। यहाँ पुश दिया गया डेनियल ब्रायन को। आगामी पे-पर-व्यू इवेंट, रैसलमेनिया-XXX(30) में डेनियल ब्रायन, WWE चैंपियन बने।
रैसलमेनिया-30 में डेनियल ब्रायन ने दो मैच लड़े। इससे पहले उन्हें ट्रिपल एच से भिड़ना था। ट्रिपल एच को हरा उन्होंने मेन इवेंट में होने वाले WWE चैंपियनशिप(ट्रिपल थ्रेट मैच) में जगह मिली। जब डेनियल ब्रायन को ट्रिपल एच पर जीत मिली, तो ट्रिपल एच ने इस दौरको नाम दिया ‘द रियलिटी एरा’।
अंडरटेकर की रैसलमेनिया स्ट्रीक का अंत
रैसलमेनिया-30 की ही रात ब्रॉक लैसनर और अंडरटेकर के बीच मैच लड़ा गया। ‘द डेड मैन’ लगातार 21 रैसलमेनिया मैच जीत चुके थे। अपने इस रिकॉर्ड को और भी मजबूती देने के लिए उन्हें इस बीस्ट के खिलाफ़ रिंग में जीत हासिल करनी थी। लेकिन 1991 के बाद से अंडरटेकर को किसी रैसलमेनिया मैच में पहली हार का सामना करना पड़ा।
डेनियल ब्रायन का संन्यास
इसी दौर में रैसलिंग जगत ने पूर्व WWE चैंपियन, डेनियल ब्रायन का संन्यास भी देखा। डेनियल ब्रायन उस समय बहुत लोकप्रिय रैसलर बन चुके थे। लेकिन गर्दन और रीढ़ में उन्हें ऐसी चोट लगी, जिससे उन्हें डॉक्टरों द्वारा रिंग में न उतरने की सलाह दी गयी। इसी साल, यानी 2015 में गर्दन की चोट के कारण ही टायसन किड के भी करियर का अंत हो चला।
‘द न्यू एरा’
एक बार फिर रॉ और स्मैकडाउन अलग हो गयी। दो अलग-अलग रोस्टर बनाये गए, कुछ रैसलरों को रॉ में और कुछ को स्मैकडाउन में भेज दिया गया। साथ ही चैंपियनशिप बेल्ट भी रोस्टर के मुताबिक़ बांट दी गईं। इन बड़े बदलाव के साथ डब्लू डब्लू ई रोस्टर से नई चैंपियनशिप बेल्ट भी जोड़ी गईं।
रॉ रोस्टर के लिए WWE यूनिवर्सल चैंपियनशिप तैयार की गयी। जो आज भी डब्लू डब्लू ई की सबसे नई चैंपियनशिप बेल्ट है। दूसरी तरफ़ WWE वर्ल्ड चैंपियनशिप को स्मैकडाउन का हिस्सा बना दिया गया। टैग-टीम चैंपियनशिप को भी दो हिस्सों में बांट दिया गया। WWE स्मैकडाउन टैग-टीम चैंपियनशिप और रॉ टैग-टीम चैंपियनशिप।
2016 में जब रॉ और स्मैकडाउन एक बार फिर अलग हुईं। WWE डीवाज़ चैंपियनशिप बेल्ट को ख़त्म कर दुया गया। इसकी जगह ली WWE रॉ वीमेंस चैंपियनशिप और WWE स्मैकडाउन वीमेंस चैंपियनशिप ने। वहीँ WWE यूनाइटेड स्टेट्स चैंपियनशिप को ब्लू-ब्रांड(स्मैकडाउन) का हिस्सा बनाया गया। वहीँ WWE इंटरकांटिनेंटल चैंपियनशिप रेड ब्रांड(रॉ) में मौजूद है। बदलाव यहीं नहीं थमे, कुछ लाइट-वेट रैसलरों के लिए नया प्लेटफ़ॉर्म तैयार किया गया।
क्रूज़रवेट डिवीज़न/WWE 205 लाइव
रेड ब्रांड और ब्लू ब्रांड के अलग होने के साथ ही डब्लू डब्लू ई ने एक नया प्रोग्राम लांच किया। जिसका नाम रखा गया WWE 205 लाइव। ऐसा इसलिए क्योंकि मेन रोस्टर में हैवी-वेट रैसलरों के आगे लाइट-वेट रैसलर कहीं न कहीं दबते जा रहे थे।
इस रिंग में केवल वो रैसलर भाग ले सकते हैं, जिनका बॉडी वेट 205 पाउंड या उससे कम है। भारतीय स्टैण्डर्ड के मुताबिक करीब 93 किग्रा। क्रूज़रवेट रैसलर यदि अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो सीधे उन्हें रॉ में एंट्री दी जाती है। 29 नवम्बर, 2016 से यह शो एक साप्ताहिक इवेंट के रूप में ही आयोजित होता आया है।
हालाँकि करीब एक साल तक इसका आयोजन उसी रात होता रहा, जिस रात WWE स्मैकडाउन लाइव इवेंट होती है। जिसे टॉकिंग स्मैक नाम दिया गया था। लेकिन जुलाई 2017 में WWE 205 लाइव इवेंट को बुधवार रात शिफ्ट कर दिया गया। NXT से तुरंत पहले इस इवेंट का आयोजन किया जाने लगा। यानी शाम सात बजे से शुरू होने वाली इस इवेंट की समयसीमा 60 मिनट है।
लेकिन सितम्बर 2018 से इवेंट का लाइव प्रसारण बंद कर दिया गया। अब इसका रिकार्डेड शो, अमरीकी समयानुसार, मंगलवार शाम स्मैकडाउन लाइव इवेंट से तुरंत पहले किया जाता है।