केरल में आईसीसी चैंपियंस ट्राफी 2017 के फाइनल में पाकिस्तान की जीत का कथित रूप से जश्न माना रहे 23 लोगों पर दंगा करने और गैरकानूनी तरीके से इकट्टा होने समेत कई अलग-अलग धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.
बीजेपी के स्थानीय नेता की शिकायत पर केस दर्ज
23 लोगों पर केस दर्ज के मामले में स्थानीय पुलिस ने बुधवार को बताया कि बीजेपी के स्थानीय नेता राजेश शेट्ठी द्वारा दर्ज कराई शिकायत के पर केरल के कुंबाडाजे पंचायत के रजाक, मसूद, सिराज और 20 अन्य लोगों पर अलग-अलग धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.
पाकिस्तान की जीत के बाद लगाए देश विरोधी नारे
बीजेपी के स्थानीय नेता राजेश शेट्ठी की शिकायत के बाद पुलिस ने बताया, कि सभी आरोपियों ने कथित तौर पर पाकिस्तान क्रिकेट टीम के समर्थन में नारे लगाए और आतिशबाजी भी की. 18 जून(रविवार) को लंदन में हुए आईसीसी चैंपियंस ट्राफी 2017 के फाइनल मुक़ाबले में पाकिस्तान ने एकतरफ़ा मुक़ाबले में भारत को 180 रनों से हराकर पहली बार आईसीसी चैंपियंस ट्राफी ख़िताब अपने नाम किया था.
इस मामले में अभी तक नहीं हुई कोई गिरफ़्तारी
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है, हालाँकि अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ़्तारी की कोई ख़बर सामने नहीं आई हैं. पुलिस का कहना है, कि गैर कानूनी तरीके से इक्ट्ठा होने, दंगा करने की मंशा और भारतीय दंड संहिता के तहत विस्फोटक पदार्थो का लापरवाहीपूर्ण प्रयोग करने के आरोप में कुल 23 लोगों पर केस दर्ज कर लिया गया है. फाइनल में मिली हार के बाद राहुल द्रविड़ ने चयनकर्ताओ को दिया धोनी और युवराज का विकल्प ढूढने की सलाह
पुलिस ने इस बात की भी पुष्ठी की है, कि अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. पुलिस इस मामले के अन्य 20 लोगों की पहचान करने में जुटी हुई हैं.
मध्यप्रदेश में भी देखने को मिला था ऐसा मामला
पाकिस्तान के समर्थन में नारीबाज़ी और आतिशबाजी करने का एक मामला मध्यप्रदेश के बुरहानपुर से भी सामने आया था. पाकिस्तान की जीत के समर्थन में नारे लगाने और पटाखे फोड़ने का आरोप में 15 लोगों के खिलाफ़ देशद्रोह का मामला दर्ज किया था, हालाँकि बाद में सभी आरोपियों के खिलाफ़ यह धाराये हटा दी गई है. फखर ज़मान ने लगाया विराट कोहली और धोनी जैसे दिग्गज खिलाड़ियों पर आरोप,कहा मैदान पर कर रहें थे ये शर्मनाक हरकत
इस मामले पर बुरहानपुर एसपी आरआर परिहार का कहना है कि आरोपियों पर देशद्रोह साबित करना मुश्किल है.
आरआर परिहार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “राजद्रोह का आरोप साबित करना बेहद मुश्किल है साथ ही उनमें से किसी का भी आपराधिक इतिहास नहीं है, इसलिए शुरूआती जांच के बाद धारा 153-A धारा की जगह 124-A धारा को उपयुक्त पाया गया है.”