इतिहास के पन्नो से: जब भारतीय टीम के कप्तान और बोर्ड के बीच हुई लड़ाई, तो कप्तान को गंवाना पड़ा अपना पद, जाने क्या थी वजह 1

भारतीय उप महाद्वीप में क्रिकेट को एक खेल से कहीं अधिक समझा जाता है. साथ ही क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों को यहाँ बहुत ऊंचा दर्जा दिया जाता है. यदि बात की जाए भारत की तो भारत भी इस प्रथा से अछूता नही है. भारत में भी क्रिकेट एक खेल नही बल्कि एक धर्म समझा जाता है.

भारत में जब टीम जीतती  है तब तो उसे सर पर चढ़ा लिया जाता है, लेकिन जब टीम  हार जाती है तो आलोचना भी खूब होती है. इस आलोचना का फर्क टीम मैनेजमेंट पर पड़ता है. सबसे ज्यादा हार पर टीम के कप्तान और कोच को ही सुनना पड़ता है.

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भारत में कई बार ऐसा हुआ है कि टीम की हार का असर कोच और कप्तान के रिश्तों पर पड़ा है. कई बार हार पर चयन समिती से भी कप्तान की तकरार हो जाती है. तो बहुत बार ये विवाद बहुत बड़े भी हुए.

आज हम ऐसे ही 5 विवाद आप के सामने रखेंगे, जो बोर्ड और कप्तान के बीच हुए . इस लिस्ट में सचिन से लेकर गांगुली तक के नाम हैं.

मोहिंदर अमरनाथ- महेंद्र सिंह धोनी-

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टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के बीच की नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं. आईपीएल में धोनी श्रीनिवासन की सीएसके के टीम के कप्तान रहे हैं. श्रीनिवासन के कार्यकाल में धोनी को एक तरह से टीम इंडिया की कप्तानी में फ्री हैंड मिला हुआ था और टीम की नाकामी के बावजूद उनकी कप्तानी बरकरार रही थी. इस दौरान  भारतीय टीम का 0-4 से बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में सफाया हुआ था. साथ ही इंग्लैंड में भी बुरा हाल हुआ था.

साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया की नाकामी के बाद उस वक्त के सलेक्टर मोहिंदर अमरनाथ धोनी को कप्तानी से हटाना चाहते थे, लेकिन उनका दावा था कि तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने ऐसा करने से मना कर दिया था. साथ ही अमरनाथ को धोनी की खिलाफत करने पर अपनी कुर्सी भी गवानी पड़ी थी.

 

सौरव गांगुली- ग्रेग चैपल 

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साल 2005 में कप्‍तान सौरव गांगुली और कोच ग्रेग चैपल के बीच हुआ विवाद कोलकाता से लेकर संसद तक पहुंच गया था. इसमें दिलचस्‍प पहलू यह है कि गांगुली ने टीम इंडिया के कोच के लिए चैपल के नाम की सिफारिश की थी. चैपल के कोच का पद संभालने के बाद गांगुली को कप्‍तानी गंवानी पड़ी थी.

शुरुआत में गांगुली के चार मैचों के निलंबन के बाद मिस्‍टर भरोसेमंद राहुल द्रविड़ ने टीम की कमा संभाली थी. इस विवाद में चैपल ने बीसीसीआई से कहा था कि गांगुली शारीरिक और मानसिक रूप से अक्षम हैं. इसी साल भारत के जिम्‍बाब्‍वे दौरे पर चैपल ने गांगुली से कप्‍तानी छोड़कर अपनी बल्‍लेबाजी पर फोकस करने के लिए कहा था.

सचिन तेंदुलकर-

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90 के दशक में भारतीय टीम घर पर तो बढ़िया प्रदर्शन कर रही थी. मगर जैसे ही भारतीय टीम विदेशी दौरों में गयी, उसकी बड़ी फजीहत हुई. भारतीय टीम बुरी तरह मैच हार गयी. टर्निंग पिचों पर बल्लेबाजी करने वाले भारतीय खिलाड़ी विदेशी पिचों पर बिल्कुल बेकार साबित हुए.

भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने जल्दबाजी में कप्तान से लेकर कोच सभी को बदल दिया. इसके बाद सचिन तेंदुलकर और मोहम्मद अजहरउद्दीन के बीच भी विवाद सामने आए. 1999-2000 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर सचिन तेंदुलकर के नेतृत्व में गई टीम इंडिया को करारी हार का सामना करना पड़ा था, इस टीम में अजहर शामिल नहीं थे.

इसके बाद अजहर की टीम में वापसी की चर्चा होने लगी तो कई खिलाड़ियों ने उनको टीम में शामिल करने का विरोध किया था। इसके बाजवूद जब अजहर को टीम में शामिल किया गया तो सचिन तेंदुलकर ने कप्तानी छोड़ दी थी. कई सालों बाद, तेंदुलकर ने खुलासा किया कि उन्हें मीडिया के किसी सदस्य से उन्हें बर्खास्त करने के बारे में पता चला था. जिससे उन्हें बहुत दुःख हुआ था.

संदीप पाटिल-

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संदीप पाटिल 1983 वर्ल्ड कप टीम के प्रमुख सदस्य रहे. वह नेशनल क्रिकेट अकादमी के प्रमुख भी रहे. साथ ही वह  बीसीसीआई के चेयरमैन भी रहे. उन्होंने केन्या को भी 2003 विश्व कप के दौरान प्रसिक्षित किया.

उन्होंने इंडिया A टीम को कोचिंग देने के बाद वह 1996 में भारतीय टीम के भी कोच बने. उनके कोच रहते हुए अजित वाडेकर सफल कप्तान हुए. लेकिन उन्हें थोड़े ही समय बाद बोर्ड ने कोच पद से हटा दिया.

इंग्लैंड में भारतीय टीम के 0-2 से वनडे और 0-1 से टेस्ट हरने का ठीकरा पाटिल पर फूटा. बोर्ड ने उन्हें हटा मदन लाल  को कोच बनाया.

सुनील गावस्कर -(कप्तान 1979)

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सन 1 978-79 के मौसम में बिशन सिंह बेदी से कप्तानी का पदभार संभालने के बाद, सुनील गावस्कर ने वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ घरेलू सीरीज में अपनी पहली जीत का नेतृत्व किया. भारत को पहली कामयाबी दिलाने के बावजूद भी उनसे 1979 इंग्लैंड दौरे के लिए कप्तानी छीन ली गयी.

बोर्ड ने तर्क दिया कि बेदी को इंग्लिश कंडीशन का तजुर्बा है. हालाँकि, गावस्कर पर यह भी आरोप लगे कि उन्होंने पैकर रेबेल्स के साथ करार कर लिया था इस वजह से उन्हें हटाया गया. गावस्कर ने इसका जवाब ओवल में दोहरा शतक लगा कर दिया.

prashant

PROUD INDIAN,..CRICKET LOVER...