गौतम गंभीर और महेंद्र सिंह धोनी दोनों का अंदाज काफी अलग है. धोनी जहां शांत और ठंडे दिमाग से सोचते है, तो वहीं गंभीर काफी आक्रमक और गुस्से में रहते है. महेंद्र सिंह धोनी बतौर कप्तान सीएसके के लिए काफी शानदार कप्तानी कर चुके है, तो वहीं गौतम गंभीर कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए लगातार अच्छी कप्तानी कर रहे है.
और इसी वजह से गौतम गंभीर आईपीएल में धोनी को कप्तानी के मामलें में पिछे छोड़ते है.
अब हम आपको बता रहे है गंभीर के आईपीएल में धोनी से बेहतर कप्तान होने की 5 वजह:
5. नयी फ्रेंचाइज के दौर में बेहतर कप्तान
गंभीर बतौर कप्तान काफी आक्रमक खिलाड़ी है, जो हमेशा उनकी आखों में मैदान पर आक्रमकता दिखती है. दिल्ली डेयरडेविल्स से बाहर होने के बाद, 2011 में गंभीर को कोलकाता का कप्तान बनाया गया. गांगुली की जगह गंभीर को कोलकाता का कप्तान बनाने के बावजूद बतौर टीम गंभीर ने कोलकाता को हमेशा उपर लाया. तो वहीं धोनी चेन्नई के लिए 2008 से कप्तानी करते आए थे. गंभीर के कप्तान बनने के बाद केकेआर पहली बार आईपीएल के सेमीफाइनल में पहुंची, और अगले 3 सालों में 2 आईपीएल खिताब जीते. धोनी की कप्तानी में सीएसके हमेशा प्ले अॉफ में पहुंची, लेकिन अब पुणे की कप्तानी करते हुए धोनी नाकाम रहे. तो गंभीर लगातार अच्छा करते आए है.
4. गंभीर के पास है मैनेजमेंट स्किल
2012 के अॉक्शन से पहले गंभीर ने कोलकाता के ओनर को कहा था,कि अगर पैसे की लिमिट 2 मिलियन है तो 2 मिलीयन तक जाए, हमे और कुछ नहीं चाहिए. ये गंभीर ने सुनिल नरेन के लिए कहा था, और केकेआर उन्हें गंभीर के कहने पर लिया था. नरेन की शानदार गेंदबाजी के बदौलत ही केकेआर ने 2012 और 2014 का आईपीएल जीता. अब नरेन की गेंदबाजी एक्शन पर सवाल उठे थे, लेकिन नरेन ने गेंदबाजी एक्शन में सुधार लाकर वापसी की है. और गंभीर ने भी उन्हें डेथ ओवरों में गेंदबाजी नहीं दी, जिससे उनपर दबाव नहीं आयेगा. गंभीर हमेशा अपने खिलाड़ियों को बैक करते है, तो वहीं धोनी इसमे मात खाते है. जोगिंदर शर्मा जिन्होंने 2007 टी ट्वेंटी विश्वकप फाइनल में भारत की ओर से आखिरी ओवर डाला था, वो अब कहां है? ये सोचना होगा.
3. गंभीर आक्रमक फिल्ड लगाने से डरते नहीं
गंभीर जिस तरह से धोनी को हमेशा आक्रमक फिल्ड लगाते है, उससे इन दोनों खिलाड़ियों के बीच के संबंध बताते है. गंभीर हमेशा विकेट लेने की सोचते है, और धोनी जैसे बल्लेबाज को धोनी ने एक नहीं बल्कि चार बार आक्रमक फिल्ड लगाई है. खुद धोनी ने भी गंभीर की तारीफ की है. और जिस तरह गंभीर आक्रमक फिल्ड लगाते है, ये उनकी कप्तानी की सोच को बयां करती है.
2. अपने खिलाड़ियों को सपोर्ट करते है गंभीर
सभीने देखा है, कि इस साल धोनी ने इरफान पठान को सिर्फ 3 मैच खेलने दिया. तो पिछले साल भी धोनी ने इरफान पठान को एक भी मैच नहीं टीम में शामिल किया था. धोनी सिर्फ कुछ अपने खास खिलाड़ियों को ही ज्यादा सपोर्ट करते है. जैसे अश्विन और जडेजा. लेकिन गंभीर की बात करे, तो गंभीर ने 2012 में युसुफ पठान के खराब प्रदर्शन के बावजूद उन्हें टीम में रखा. तो वहीं उथप्पा, चावला और उमेश यादव जैसे खिलाड़ियों को काफी विश्वास दिया और हमेशा टीम में जगह देते रहे.
1. गंभीर हालात के अनुसार बदलाव करने में माहिर
गंभीर की कप्तानी में अॉस्ट्रेलियाई कप्तानों जैसी झलख दिखती है, जो हालात के अनुसार बदलाव करते है. ईडन गार्डन जैसी पिच पर गंभीर 4 स्पिनरों के साथ खेलते है, तो बेंगलोर और मुंबई में गंभीर ज्यादा तेज गेंदबाज खिलाते है. धोनी भले ही अपनी टीम में ज्यादा बदलाव नहीं करते, लेकिन हालात के अनुसार फैसले गंभीर अच्छे लेते है.