भारत में टी ट्वेंटी विश्वकप की शुरूआत हो चुकी है, और हर जगह उत्साह का माहौल है. भारतीय टीम को दुसरी बार विश्वकप जीतते हुए हर दर्शक देखना चाहता है. भारतीय टीम इस विश्वकप जीतने की प्रबल दावेदार है.
भारतीय दर्शक काफी अंधविश्वासी होते है, और मुझे अभी भी याद है,कि 2011 विश्वकप फाइनल से पहले हर भारतीय दर्शक प्रार्थना कर रहे थे भारत की जीत के लिए.
तो ये है भारतीय दर्शकों के 5 अंधविश्वास:
1. जहां 2011 की विश्वकप जीत का जश्न मनाया था वहीं ये टी ट्वेंटी विश्वकप देखना:
एक एड हमने काफी देखी है,कि एक लड़का जहां वो भारत की 2011 विश्वकप जीत के वक्त था वहीं इस बार रहना चाहता है. इसके लिए वो अपने मकान मालिक से गलत व्यवहार करने के बाद भी माफ़ी माँगता है, और फिर उसी रूम में रहता है, जिसमे उसने 2011 का फाइनल देखा था.
2. जब अपने पसंदीदा खिलाडी की तारिफ मत करो, वर्ना वो आउट हो जाएगा
भारतीय दर्शक हमेशा अपने खिलाड़ी की तारिफ नहीं करते, क्योंकि उनको लगता है की अगर उन्होंने उसकी तारिफ की, तो वो आउट हो जाएगा. यह मात्र एक अंधविश्वास है, इससे अधिक कुछ नहीं.
3. मैच से पहले भगवान से प्रार्थना
भारतीय दर्शक हमेशा मैच से पहले भगवान से प्रार्थना करते है की, भारत जीते. और न्यूजीलैंड के खिलाफ हार से वे लोग काफी दुखी हुए. लोग इसके लिए यज्ञ पूजा हवन आदि करते है.
4. मैच खत्म होने तक अपनी जगह मत बदलो
भारतीय दर्शक हमेशा पुरा मैच एक जगह बैठकर ही देखना पसंद करते है, क्योंकी उनको काफी अंधविश्वास होता है,कि वे अपनी जगह से नहीं हिले तो भारत मैच जीत जाएगा. जैसे गौतम गंभीर ने विश्वकप फाइनल में अपने पैड नहीं उतारे थे.
5. भारतीय दर्शक पुरे मैच में हाथ जोड़े बैठते है
भारतीय दर्शक हमेशा हाथ जोडकर बैठते है, और प्रार्थना करते है. और हिंदू लोग ज्यादा ऐसा करते है. वो भगवान से प्रार्थना करते है, कि भगवान मेरी टीम को कैसे भी कर के जीता दो.