चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में आखिरकार वो दो टीमे पहुची है. जिन दो टीमो दुनिया भर के प्रशंसक सबसे ज्यादा चाहते थे. सारी दुनिया में अगर खेल की सबसे बड़ी कोई लड़ाई है तो वो भारत और पाकिस्तान का मैच ही है. और अब तैयार हो जाइये ये लड़ाई आपको मात्र 1 दिन बाद 18 जून को इंग्लैंड के ओवल मैदान में ये लड़ाई देखने को मिलने वाली है. भारत बनाम पाकिस्तान का ये मैच एक हाई वोल्टेज मुकाबला होने की पूरी उम्मीद रहेगी.बांग्लादेश के खिलाफ तूफानी पारी खेलने के बाद विराट कोहली ने कहा इनकी वजह से मैदान पर लगाता हूँ चौका-छक्का
मगर दोनों की हालिया फॉर्म देखते हुए ये मैच में फेवरेट भारत ही रहेगी. और ऐसा भारत के ही पूर्व दिग्गज नहीं बल्कि बांग्लादेश को 2007 के विश्वकप में ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले कप्तान हबीबुल बशर कह रहे है.
70-30 की है लड़ाई
बांग्लादेश के पूर्व कप्तान हबीबुल बशर ने अपने एक इंटरव्यू में कहा “भारत इस फाइनल मैच में बहुत आगे है. उसकी बल्लेबाजी क्रम बहुत मजबूत है और उसके पास दुनिया के दो सर्वश्रेष्ठ स्पिनर भी मौजूद है. इसलिए मुझे नहीं लगता पाकिस्तान भारत को इस मैच में रोक पायेगी मुझे लगता है ये लड़ाई 70-30 की है”
सुनी है बहुत कहानियाँ
बांग्लादेश के पूर्व कप्तान हबीबुल बशर ने आगे अपने इंटरव्यू में कहा “मैंने अपने बचपन में भारत और पाकिस्तान के मैचों की बहुत सी कहानियाँ सुनी है और कई मैच देखे है. मुझे अपने बचपन में तो पाकिस्तान मजबूत नजर आती थी, मगर पिछले 15 सालो से मुझे भारत पाकिस्तान से काफी आगे नजर आती है.”
ब्राजील और अर्जेंटीना के मैच से की तुलना
बांग्लादेश के पूर्व कप्तान हबीबुल बशर ने आगे अपने इंटरव्यू में भारत-पाकिस्तान मैच की तुलना ब्राजील और अर्जेंटीना के फुटबाल मैच से करते हुए कहा “मुझे ये मैच ऐसा लग रहा है जैसे विश्व कप के फुटबाल फाइनल में ब्राजील और अर्जेंटीना एक दुसरे से भीड़ रहे हो शायद मैं ही नहीं बल्कि पूरा विश्व इस मैच को लेकर उत्साहित है.”साक्षी धोनी के बाद इस भारतीय खिलाड़ी को आई चेन्नई सुपरकिंग्स की याद , सोशल मीडिया पर शेयर की फोटो
सेमीफाइनल को लेकर कहा
बांग्लादेश के पूर्व कप्तान हबीबुल बशर ने आगे अपने इंटरव्यू में बांग्लादेश को लेकर कहा “बांग्लादेश को भारत जैसी मजबूत टीम के खिलाफ जीतने के लिए कुछ खास करने की जरुरत थी ,जैसा हमने 2007 के विश्वकप में किया था मगर दुर्भाग्यवश बांग्लादेश ऐसा कुछ नहीं कर पाई, जिसके चलते उसे टूर्नामेंट में सेमीफाइनल से ही संतोष करना पड़ा.”