2007 विश्वकप फाइनल में लगाये गये शतक को नहीं बल्कि बांग्लादेश जैसी टीम के खिलाफ लगाये गये इस शतक को यादगार मानते है गिलक्रिस्ट, वजह है चौकाने वाली 1

अगर क्रिकेट के 140 साल के इतिहास में विस्फोटक खिलाड़ियों की बात की जाये तो उनमे से एक नाम पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट का आ ही जाता है.विश्व के सर्वश्रेष्ठ फिल्डर जोंटी रोड्स ने विराट कोहली को हटा इस खिलाड़ी को भारतीय कप्तान बनाने की बीसीसीआई को दिया सुझाव

एडम गिलक्रिस्ट अपने समय के सबसे विस्फोटक खिलाड़ियों में से एक माने जाते थे, क्रिकेट का चाहे कोई भी फ़ॉर्मेट हो एडम गिलक्रिस्ट के खेलने का अंदाज विस्फोटक ही रहता था.

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यादगार शतक आया याद 

2007 विश्वकप फाइनल में लगाये गये शतक को नहीं बल्कि बांग्लादेश जैसी टीम के खिलाफ लगाये गये इस शतक को यादगार मानते है गिलक्रिस्ट, वजह है चौकाने वाली 2

ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश के बीच 27 अगस्त से शुरु होने वाली दो टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट को अपना सबसे यादगार शतक याद आ गया, इस सीरीज के बारे में बात करते हुए अपने एक इंटरव्यू में एडम गिलक्रिस्ट ने अपना सबसे यादगार शतक याद किया.

 2007 विश्वकप का नहीं बल्कि ये शतक है सबसे खास

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2007 विश्वकप फाइनल में लगाये गये शतक को नहीं बल्कि बांग्लादेश जैसी टीम के खिलाफ लगाये गये इस शतक को यादगार मानते है गिलक्रिस्ट, वजह है चौकाने वाली 3

एडम गिलक्रिस्ट ने अपना सबसे यादगार शतक बताते हुए कहा “मेरा सबसे खास व यादगार शतक 2007 विश्वकप का नहीं बल्कि 2006 में बांग्लादेश दौरे में खेले गए फ्तेऊल्लाह टेस्ट मैच का शतक है, उस टेस्ट में मैंने 144 रन की पारी खेली थी जो मेरे दिल के सबसे करीब है.”

बताया इस वजह से है खास 

2007 विश्वकप फाइनल में लगाये गये शतक को नहीं बल्कि बांग्लादेश जैसी टीम के खिलाफ लगाये गये इस शतक को यादगार मानते है गिलक्रिस्ट, वजह है चौकाने वाली 4

फ्तेऊल्लाह टेस्ट मैच के शतक को खास बताते हुए एडम गिलक्रिस्ट ने कहा “फ्तेऊल्लाह टेस्ट की वो 144 रन की इनिंग मेरे लिए इस वजह से खास थी क्योंकी हमारी टीम की पहली पहली पारी में स्तिथि काफी खराब थी, बांग्लादेश ने उस मैच में पहली इनिंग में 427 रन बनाए थे, और हमारी टीम 61 रन पर 4 विकेट गवा कर संघर्ष कर रही थी ऐसे में मुझे एक शानदार शतक लगाकर काफी आनंद महसूस हुआ, हाँ हलाकि ये मेरी अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट की सबसे धीमी सेंचुरी थी. ये सेंचुरी मैंने 212 गेंद पर बनाई थी.”एक भाई का क्रिकेट करियर बनाने के लिए दुसरे ने अपने करियर की चढ़ाई बली, धोनी से है इस खिलाड़ी का खास कनेक्शन

ऐसा रहा था वो टेस्ट मैच 

2006 में बांग्लादेश के फ्तेऊल्लाह में खेला गया ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश के उस टेस्ट को ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 3 विकेट से जीता था, इस मैच में बांग्लादेश ने पहली पारी में 427 रन बने जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी एडम गिलक्रिस्ट के शतक के बावजूद 269 रन ही बना सकी, इसके बाद बांग्लादेश की दूसरी पारी मात्र 148 पर आल आउट हो गई, और ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में मिले हुए लक्ष्य को 3 विकेट रहते हासिल कर लिया.

vineetarya

cricket is my first and last love, I know cricket only cricket, I love watching cricket because cricket is my passion and my passion is my work my favourite player Mike Hussey and Kl Rahul