भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी पिछले कुछ मैचों से अपने एक अलग ही अवतार में नजर आ रहे हैं। महेन्द्र सिंह धोनी ने पिछले कुछ मैचों में जबरदस्त बल्लेबाजी की है। एम एस धोनी में इसमें से सबसे खास बात ये रही है कि वो क्रीज पर खेलने के लिए उतरने के बाद तो मानों आउट होने का नाम तक नहीं ले रहे हैं। श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में महेन्द्र सिंह धोनी एक भी मैच में आउट नहीं हो सके।
धोनी की शानदार बल्लेबाजी का खुल गया राज
आखिर महेन्द्र सिंह धोनी के बदले अवतार के पीछे की मिस्ट्री क्या है ये सभी के मन में बार-बार हिचकोले मार रही होगी। महेन्द्र सिंह धोनी की बल्लेबाजी को देखा जाए तो श्रीलंका के खिलाफ खेली गई वनडे सीरीज से पहले कुछ खास नहीं थी और क्रिकेट आलोचकों ने धोनी को वनडे क्रिकेट से सन्यास लेने तक की सलाह दे दी थी, लेकिन धोनी ने इस सब आलोचकों को करारा जवाब देते हुए अपनी ही एक अलग साथ बनायी है।
धोनी ने अपने बल्ले का वजन 10 ग्राम करवाया कम
अब बात करते हैं धोनी के बदले रूप या अवतार के पीछे का राज क्या है तो अब आप जान ही लिजिए। महेन्द्र सिंह धोनी ने श्रीलंका के दौरे पर जाने से पहले अपने स्पाटर्न बल्ले का वजन 10 ग्राम कम करवाया है। वैसे पहले धोनी के बल्ले का वजन 1230 ग्राम था लेकिन उन्होनें अपनी बेट बनाने वाली कंपनी से बात कर अपने बल्ले का वजन 1220 ग्राम का करवा दिया।
स्ट्राइक रोटेट में दिक्कत के चलते किया ये फैसला
महेन्द्र सिंह धोनी ने अपने बल्ले के वजन को 10 ग्राम का कम करवाने के साथ ही अपने बल्ले का हैडल बड़ा करवाया है और उनके बल्ले का निचला हिस्सा हल्का हुआ है। महेन्द्र सिंह धोनी ने ये फैसला बाउंड्री नहीं लगने के कारण एक या दो रन आसानी से लेने के लिए किया है। दरअसल धोनी को साल 2016 में सिंगल-डबल लेने और स्ट्राइक को रोटेट करने में बहुत ही परेशानी होती थी जिसके बाद धोनी ने अपने बल्ले का वजन कुछ कम करने का फैसला किया। वैसे धोनी स्लॉग ओवर्स के लिए अपना वहीं पुराना भारी बल्ले ही इस्तेमाल करते हैं।