श्रीलंका के विश्व कप विजेता टीम के कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने 17 सितंबर को नित्तम्बुवा, कोलंबो में एक सार्वजनिक समारोह के दौरान दो सेवानिवृत्त क्रिकेट के महान खिलाडियों कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने की आलोचना की.
रणतुंगा ने आरोप लगाया कि युवा क्रिकेटरों को तैयार करने के लिए दोनों श्रीलंका के पूर्व कप्तान लंबी अवधि के लिए टीम में अपने बल्लेबाजी पदों पर बने रहे जिस वजह से युवा क्रिकेटरों को तैयार होने के लिए उन्होंने अवसर ही नहीं दिया.
रणतुंगा ने खुद का उदहारण देते हुए कहा कि इन्होने चार नंबर के बल्लेबाज के रूप में खेलना शुरू किया था और फिर अपने करियर के आगे के पड़ाव में युवा सितारों को मौका देने के लिए वह नीचे सातवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करने लगे.
“आज खिलाड़ियों का अनुशासन पूरी तरह से खराब हो गया है, मैंने चार नंबर के बल्लेबाज के रूप में खेलना शुरू किया था और फिर अपने करियर के आगे के पड़ाव में युवा सितारों को मौका देने के लिए मैं नीचे सातवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करने लगा. लेकिन हाल के दिनों में संगकारा हर दिन नंबर तीन पर खेले और महेला जयवर्धने चौथे नंबर पर खेले. इन्होने युवा खिलाड़ियों को उन पदों को मजबूत करने के अवसर ही नहीं दिए.”
इस बीच इन्होने केवल इस जोड़ी की आलोचना ही नहीं की बल्कि प्रशासक पर भी आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि पूर्व अंतरिम समिति के सदस्यों खिलाडियों से इंडोर्समेंट के लाभ पाने के लिए कुछ खिलाडियों को खुश करने की कोशिश की. रणतुंगा ,भारत के खिलाफ श्रृंखला के बीच में अनुभवहीन श्रीलंका को छोड़ने के साथ इंग्लिश काउंटी सरे के लिए खेलने के लिए संगकारा के इस फैसले से खुश नहीं है.
रणतुंगा ने कहा कि श्रीलंका क्रिकेट खिलाड़ियों को अपनी पहली प्राथमिकता के रूप में देश के लिए खेलने को स्वीकार करने के लिए एक नीति बनाने जा रहा है. रणतुंगा ने ये भी जाहिर किया कि वह अगले एसएलसी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में खड़े हो सकते हैं. हालाँकि इस पर अंतिम निर्णय की दो सप्ताह में घोषणा की जाएगी.