बाएं हाथ के बल्लेबाज़ क्रिकेट में जब पुरे रंग में नज़र आते है, तो उससे खुबसूरत नज़ारा किसी भी क्रिकेट प्रेमी के लिए और कुछ नहीं हो सकता. लेकिन अगर यही बात बाएं हाथ के गेंदबाजों के लिए भी कही जाये तो किसी को कोई दोराह नहीं होगी.
चेपक सुपर गील्लिस के टीम लांच इवेंट में रविवार(21 अगस्त) को 37 वर्षीय नेहरा ने बताया कि इन टी-20 लीग का आज के दौर के क्रिकेट में कैसे एक अहम योगदान है. नेहरा ने और भी कई बातों का जवाब दिया जैसे कि कैसे वह अपनी चोट से उभरे, और किस तरह उन्होंने व्हाट्सेप पर मेसेज भेजना सीखा और भी ढेर सारी बातें की.
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चोट से उभर रहे नेहरा ने अपनी चोट के बारे में रिपोर्टर्स से बात चीत में कहा कि,
“अपने घुटने की सर्जरी के बाद लगभग ढाई महीने के लिए मैं लंदन में ही था, और अभी कुछ हफ़्तों पहले ही मैं भारत लौटा हूं. और फिलहाल टीम में दोबारा वापसी के लिए राष्ट्रीय क्रिकेट एकेडमी में हूं, जहा मैंने दौड़ना और छोटी मोटी ट्रेनिंग शुरू कर दी है.”
नेहरा ने आगे बताया कि किस तरह आज कल के क्रिकेटर्स इतना क्रिकेट खेलने के बाद भी फिट रह सकते है, नेहरा का कहना था कि
“चोट तो खेल का ही एक हिस्सा है और बतौर तेज़ गेंदबाज़ मुझे मेरे करियर में दुर्भाग्यपूर्ण बहुत सारी चोटों के चलते काफी समय तक टीम से बाहर रहना पड़ा. अंत में आप किस तरह से इन चोटों का सामना करते है यह व्यक्तिगत तौर पर सभी खिलाड़ियों के लिए अलग बात है.”
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नेहरा ने बताया कि जब मैं 17-18 साल का था उस समय हमारे पास इतनी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी जितनी आज कल के खिलाड़ियों के पास है. आज के दौर में खिलाड़ियों को अपने शरीर के बारे में अधिक जानकारी है और उनकी मदद के लिए फिज़ियो भी मौजूद है.
टी-20 लीग्स के बारे में नेहरा का कहना था कि वह इन लीग्स के पुरे समर्थन में है, उन्होंने कहा कि बहुत से लोग है जो यह कहेंगें कि यह टी-20 लीग क्रिकेट के लिए खतरनाक है और ऐसा ही कुछ लेकिन मेरे ख्याल से यह लीग्स युवा खिलाड़ियों के लिए एक अवसर प्रदान करते है कि वह बड़े चेहरों के साथ खेल सके और उनसे क्रिकेट की बारीकियां सीख सकें. इतना ही नहीं जो खिलाड़ी तमिलनाडु लीग में अच्छा प्रदर्शन करेंगे उनके लिए आगे आईपीएल जैसी लीग में खेलने का अवसर आ सकता है, या फिर भारतीय टीम में भी खेल सकने का अवसर उनके सामने आ सकता है.
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युवा गेंदबाजों को राय देनें की बात पर नेहरा ने कहा कि
“मैं कभी भी किसी गेंदबाज़ को गेंदबाज़ी के बारे में कभी राय नहीं देता, मैं उन्हें केवल सुझाव देता हूं. बोलर्स को खुद समझदार होना पड़ता है, परिस्थितियों का फायदा उठाने के लिए क्योंकि ऐसा आप किसी को नहीं सीखा सकते. आज कल मैं कोच को सुनता हूं जो अपने खिलाड़ियों को कहते है कि पहले खेल के बारे में सीखो और बाद में खेलना, जबकि इसके बिलकुल उलट होना चाहिए. जब आप 20-30 साल की उम्र में होते है उस समय आप जितना खलेते है उतना ही सीखते है.”
आईपीएल पर नेहरा ने बताया, कि जब आप आईपीएल जैसे बड़े मंच पर अच्छा प्रदर्शन करते है तो ज़ाहिर सी बात है कि लोग आपकी तरफ आकर्षित होंगे. पिछले साल हुई आईपीएल ने मुझे खुद पर विश्वास दिलाने में एक अहम भूमिका निभाई, वहां अच्छा प्रदर्शन करने के बाद अगर आप खराब फॉर्म से भी गुज़र रहे हो तो आपका आत्मविश्वास बढ़ जाता है. इस साल आईपीएल में भुवनेश्वर कुमार ने हैदराबाद के लिए अच्छी गेंदबाज़ी की. इससे पहले वह ख़राब फॉर्म से जूझ रहे थे लेकिन आईपीएल के बाद उनका प्रदर्शन आप सभी के सामने है.
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आख़िर में जब एक रिपोर्टर ने मज़ाकिया तौर पर पूछा कि क्या आप अब भी नोकिया 1100 फ़ोन इस्तेमाल कर रहे है?
‘तो इस पर नेहरा ने जवाब दिया कि नहीं, अब मैंने आई-फ़ोन ले लिया है और मैंने केवल नई चीज़ सीखी है जो कि है व्हाट्सेप पर मैसेज भेजना. मुझे अभी भी इमेल भेजना नहीं आता लेकिन मैसेज भेजना व्हाट्सेप पर मैं अब सीख गया हूं.’
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