अजहर का नामांकन खारिज, नहीं लड़ सकेंगे एचसीए चुनाव 1

हैदराबाद, 14 जनवरी (आईएएनएस)| भारतीय टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अहजरूद्दीन की क्रिकेट प्रशासक बनने की मुहिम को उस समय तगड़ा झटका लगा जब निर्वाचन अधिकारी ने शनिवार को हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) अध्यक्ष पद के लिए उनका नामांकन खारिज कर दिया। निर्वाचन अधिकारी के. राजीव रेड्डी ने कहा कि मैच फिक्सिंग मामले में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के कारण अजहर इस चुनाव में उम्मीदवार नहीं हो सकते।WWE सुपरस्टार डेमियन सेंडो कल TNA में अपना पदार्पण

अजहर ने हालांकि कहा कि निर्वाचन अधिकारी ने उनका नामांकन खारिज करने के कारणों के खुलासा नहीं किया और इसी कारण उन्हें लिखित में कारणों का उल्लेख मांगा है। अजहर ने कहा, मैं निराश हूं। यहां अजीब तरह की राजनीति चल रही है। अजहर ने निर्वाचन अधिकारी के इस फैसले को चुनौती देने के लिए अदालत का रुख करने का फैसला किया है। अगले सप्ताह वह इस मामले को लेकर अदालत जाएंगे।अजय शिर्के को बीसीसीआई की बैठकों में उपस्थित होने की अनुमति नहीं : लोढ़ा समिति

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अजहर ने कहा कि ऐसे में जबकि अदालत ने उन पर लगे प्रतिबंध को खारिज कर दिया है, उन्हें चुनावों लड़ने से नहीं रोका जा सकता। यह याद दिलाए जाने के बाद कि बोर्ड ने आधाकारिक तौर पर उन पर से प्रतिबंध नहीं हटाया है, अजहर ने कहा कि बोर्ड ने अदालत के फैसले को चुनौती नहीं दी थी। अजहर ने कहा,

“मैं बीसीसीआई का सम्मान करता हू्ं, लेकिन यह चीजें मेरे नियंत्रण से बाहर हैं। मैंने बुरा समय देखा है, लेकिन मैं किसी को दोष नहीं देना चाहता।”

अजहर ने कहा कि इस पद के लिए चुनाव लड़ने का उनका इकलौता मकसद सिर्फ खेल के विकास में अपना ज्यादा से ज्यादा योगदान देना था। अजहर का नामांकन खारिज होने के बाद पूर्व सांसद जी.विवेक और पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी एम.एल जयसिम्हा के बेटे विद्युत जयसिम्हा एचसीए के अध्यक्ष बनने की दौड़ में हैं।

एचसीए के चुनाव 17 जनवरी को होने हैं। अजहर ने विवेक के नामांकन खारिज ने होने पर भी आश्चर्य जताया क्योंकि विवेक तेलंगाना सरकार में सलाहकार हैं और कैबिनेट मंत्री का दर्जा उन्हें प्राप्त है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक सरकारी कर्मचारी चुनाव नहीं लड़ सकते। विराट कोहली ने क्रिकेट की दुनिया में इस खिलाड़ी को बताया सबसे बुद्धिमान खिलाड़ी

अजहर के साथ इस मौके पर एचसीए के पूर्व अध्यक्ष अरशद अयूब और एचसीए के सचिव जॉन मनोज भी थे। इन दोनों ने भी अजहर के नामांकन खारिज होने के फैसले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने इस फैसले को अदालत के आदेश की अवहेलना बताया है। उनका कहना है कि अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि चुनाव के परिणाम 18 जनवरी से पहले नहीं घोषित किए जाएंगे।

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लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए अयूब ने एचसीए का अध्यक्ष पद छोड़ दिया था। निचली अदालत ने एचसीए को 17 जनवरी को चुनाव कराने का आदेश दिया था। कुछ अधिकारियों ने निचली अदालत के इस फैसले को हैदराबाद उच्च न्यायालय में यह कहते हुए चुनौती दी थी कि यह चुनाव लोढ़ा समिति और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बिना नहीं कराए जा सकते। 11 जनवरी को उच्च न्यायालय ने चुनावों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि अदालत ने कहा था कि चुनाव के नतीजे अगले आदेश तक नहीं घोषित किए जाएंगे।संन्यास ले चुके इस खिलाड़ी ने दोबारा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने को लेकर जताई इच्छा