राहुल द्रविड का कहना हैं कि, टी ट्वेंटी क्रिकेट में बल्लेबाजों को पुरी तरह छूट मिलनी चाहिए. फिलहाल क्रिकेट में कोई भी बल्लेबाज फेल होता हैं, तो उस पर आवाज उठती हैं. और बल्लेबाज रिस्की शॉट खेलने से बचते हैं.
द्रविड ने कहा, “अगर टी ट्वेंटी में कोई रिवर्स स्विप या स्विप शॉट खेलता हैं, तो उसे हमे स्विकारना चाहिए. इससे बल्लेबाज अलग अलग तरीके से कुछ ना कुछ नया ट्राई करता हैं, जिससे बल्लेबाज के खेल में सुधार आता हैं.”
द्रविड ने डिविलियर्स का उदाहरण देते हुए कहा, “डिविलियर्स एक ऐसे बल्लेबाज हैं जो कुछ ना कुछ अलग शॉट लगाने की कोशिश करते हैं, और हम सभी उनके शॉट को स्विकारते भी हैं. इससे बल्लेबाज कुछ अलग कोशिश करता हैं, और हम ऐसे शॉट को नकारते भी नहीं.”
द्रविड ने कहा, “अगर आप कुछ अलग करते हैं और उसमे असफल होते हैं, तो आप उससे हर दिन सीखते रहते हैं. और मुझे लगता हैं कि, हर बल्लेबाज को ऐसे रिस्की शॉट खेलने की छूट देनी चाहिए, क्योंकि अगर कोई असफल रहता हैं, तो वो सीखता जाएगा. और बेहतर बल्लेबाज बनेगा.”
द्रविड आईपीएल में बतौर खिलाड़ी, कोच और मेंटोर काम कर चुके हैं. द्रविड ने कहा, “आज कल बल्लेबाज गेंदबाजों पर हावी हो रहे हैं, लेकिन गेंदबाज नेट्स में मेहनत करके बल्लेबाजों को परेशान करने के लिए काफी सोचते रहते हैं, और ये खेल के लिए अच्छी बात हैं.”
द्रविड ने कहा, “बल्लेबाज गेंदबाजी मशीन के जरिये 2 घंटे तीन घंटे अभ्यास कर सकते हैं, लेकिन गेंदबाज इतने घंटे अभ्यास नहीं कर सकता क्योंकि वो चोटिल हो सकता हैं. इसलिए गेंदबाजों को दिमागी तौर पर मजबूत होना पड़ेगा, और बल्लेबाजों की कमजोरियों पर ध्यान देकर काम करना होगा. और ऐसे करके गेंदबाज बल्लेबाजों से आगे जा सकते हैं.”
द्रविड ने कहा, “टी ट्वेंटी क्रिकेट ही क्यों ना हो, अगर आपको खेल में बैलेंस चाहिए, तो बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों के लिए कुछ ना कुछ होना चाहिए. लोग टी ट्वेंटी में हमेशा सिर्फ 200 रन नहीं देखना चाहते. दर्शक ये भी चाहते हैं कि, एक अच्छा बल्लेबाज अच्छी स्पिन लेती पिच पर बड़े शॉट लगाए, जिससे खेल का आनंद दुगना हो जाता हैं. क्योंकि अगर आपको सिर्फ बड़े शॉट देखने हो, तो गेंदबाजों की जगह गेंदबाजी मशीन ही रख दो.”