इस वर्ष इंडियन प्रीमियर लीग(आईपीएल) के दौरान बीसीसीआई ने 6 पूर्व महिला क्रिकेटर्स को पुरस्कृत किया था. सभी 6 खिलाड़ियों को भारतीय महिला क्रिकेट में उनके योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया था. निर्णय प्रशासक समिति (सीओए) ने दीपा कुलकर्णी, संगीता दबीर और अरुंधती घोष को 25-25 लाख, जबकि डायना एडलजी सीओए की सदस्य की बहन बेहौज एडलजी,सुनीता सिंह और वृंदा भगत को 15-15 लाख की पुरस्कार राशी से सम्मानित किया गया था.
अन्य महिला खिलाड़ियों ने भी की पुरस्कार की मांग
बीसीसीआई द्वारा आयोजित यह इवेंट अन्य महिला खिलाड़ियों को पसंद नहीं आया है. खबरों के अनुसार 5-6 अन्य महिला खिलाड़ियों ने बीसीसीआई को आवेदन किया हैं और साथ ही यह भी पूछा है, कि किस आधार पर पुरस्कृत की गई महिला खिलाड़ियों को चुना गया था. इन खिलाड़ियों ने यह भी कहा कि उन खिलाड़ियों ने भी पुरस्कृत की गई महिला खिलाड़ियों की तरह महिला क्रिकेट के लिए अपना सर्वश्रेठ योगदान दिया था, लेकिन बीसीसीआई के कुछ अधिकारियो ने उनका अपमान किया हैं. पहले धोनी-युवराज और अब इस खिलाड़ी के प्यार में पड़ी दीपिका पादुकोण, रणवीर को दे रही है धोखा!
यहाँ है एक और समस्या
बीसीसीआई के लिए समस्या यही खत्म नहीं हुई हैं. सीओए ने फ़ैसला किया है, कि जिन-जिन महिला खिलाड़ियों ने एक से चार टेस्ट खेले है उन्हें 15000 रूपए का पुरस्कार किया गए, जबकि 10 या उससे अधिक टेस्ट खेलने वाली खिलाड़ियों को 22500 रूपए का पुरस्कार दिया जाए. सीओए के फ़ैसले को अभी तक कोषाध्यक्ष द्वारा पास नहीं किया गया है, लेकिन अधिकारियों ने पहले से ही समस्याओं का सामना करना शुरू कर दिया है. कई पूर्व क्रिकेटरों ने पहले ही पेंशन के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया है. वीडियो: युवराज सिंह के मना करने के बाद भी पत्नी हेजल कीच ने वायरल किया युवराज के साथ अपनी निजी वीडियो
एक समस्या यह भी है पहले महिला खिलाड़ी भारतीय महिला क्रिकेट संघ (डब्लूसीएआई) के तहत खेलती थी. बाद में जिसमे बीसीसीआई ने बदलाव किया था, लेकिन उनके पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है की कौन से खिलाड़ी इस स्कीम के लिए को मान्य हैं, और इसलिए कोई भी नहीं जानता कि क्या वे वास्तव में भारत के लिए खेली है भी या नहीं.
महिला खिलाड़ियों को पुरस्कृत करने से लिए तैयार नहीं था बीसीसीआई
बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, बोर्ड क्रिकेटरों को एक बार भुगतान(वन टाइम भुगतान) करने के लिए तैयार नहीं था. यह यह एक ऐसी पॉलिसी थी, जिस पर केवल बीसीसीआई निर्णय कर सकता था, लेकिन सीएए ने निर्णय लिया है. सुनीता और वृंदा ने सिर्फ कुछ टेस्ट खेले हैं जबकि बिहरोज की बहन ने सिर्फ एक टेस्ट खेला था. एलिस्टर कुक ने सचिन और इमरान सहित दिग्गज भारतीय खिलाड़ियों का किया अपमान नहीं दी अपनी ड्रीम xi में जगह
बोर्ड के एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कहा, “यही चीज़ पेशन के साथ भी हुई है, क्योंकि यह एक निति निर्णय है और इस पर फ़ैसला जनरल बॉडी को अपने स्तर पर लेना होता हैं.”
आगे अधिकारी ने बताया, “इस पर फ़ैसला लेते समय सीओए ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया.”