लोढ़ा समिति की वित्तीय अनुशासन की सिफारिशों पर सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले आने से पहले बीसीसीआई बड़ी मुसीबत में दिख रही हैं. फैलसा आने में सिर्फ एक महीना का वक़्त बाकी हैं.
दिल्ली राज्य क्रिकेट एसोसिएशन ने पिछले 3 वर्षो से बीसीसीआई को अपनी बैलेंस शीट जमा नहीं किया हैं, गोवा क्रिकेट एसोसिएशन ने पिछले 5 वर्षो से टैक्स जमा नहीं किया है जिसकी राशि 19 करोड़ हैं, असम क्रिकेट एसोसिएशन ने पिछले वर्ष की बैलेंस शीट जमा नहीं किया है, और जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन पर पैसे के गबन का आरोप हैं.
लोढा समिति ने राज्य संघो की जवाबदेही और उनके अकाउंटस के ऑडिट सहित कई प्रमुख सुधारों का सुझाव दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने बीसीसीआई से राज्य संघो को पिछले पांच सालों में दिए गए फंड की रिपोर्ट जमा करने को कहा था.
डीडीसीए के अकाउंटेंट रविन्द्र मनचंदा ने कहा “वर्ष 2013-14 की बैलेंस शीट पर जयादातर डायरेक्टर ने हस्ताक्षर कर दिए हैं, वर्ष 2014-15 की बैलेंस शीट ऑडिटर के पास है औऱ वर्ष 2015-16 की बैलेंस शीट तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है”.
अब बीसीसीआई ने डीडीसीए को फण्ड देने के लिए इनकार कर दिया हैं, बीसीसीआई ने कहा कि जब तक डीडीसीआई पिछले 5 वर्षो की बैलेंस शीट जमा नहीं कर देता तब तक इसे किसी भी प्रकार का फण्ड नहीं दिया जायेगा.
बीसीसीआई असम क्रिकेट एसोसिएशन से भी नाखुश है. बीसीसीआई सचिव अजय सिरके का कहना है कि “असम क्रिकेट एसोसिएशन के लिए मैं भौतिक निरीक्षण चाहता था, जिसके परिणामस्वरूप हमने अपने इंफ्ररास्ट्राकचर कमेटी के प्रमुख प्रकाश दीक्षित को पिछले हफ्ते वह भेजा. मैं औपचारिक रिपोर्ट का इंतजार कर रहा हूँ”.
जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के बारे में बात करते हुए सिरके ने कहा “बीसीसीआई के पास जम्मू और कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन और डीडीसीए के आंतरिक मामलों पर नियंत्रण नहीं है. हम सिर्फ इनका अनुदान बंद कर सकते है जोकि हमने किया हैं. इस सभी राज्य इकाईयों को जब तक कोई अनुदान नहीं दिया जायेगा तब तक वह अपने आंतरिक मामलो को सुलझा ना ले”.
साथ ही बीसीसीआई सचिव ने कहा “हम राज्य बोर्ड के सभी बुरे काम को नहीं जांच सकते.”