भारत के इस राज्य क्रिकेट ने बीसीसीआई को डाला मुसीबत में 1

दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड माने जाने वाला क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया (बीसीसीआई) की आये दिन विवादो में रहने की आदत सी हो गई है. बीसीसीआई के लिए विवाद अजनबी नहीं है. अपने अड़ियल स्वभाव के चलते उसने विश्व क्रिकेट में अपने बहुत से दुश्मन बना लिए है और अब वह भारत में भी अपने दुश्मन बड़ा रहा है. बीसीसीआई को लेकर आये दिन कोई ना कोई विवादित खबर आ ही जाती है और एसी ही एक खबर का और खुलासा हुआ है कि बीसीसीआई पर खुद अपने ही देश के राज्य क्रिकेट बिहार क्रिकेट बोर्ड ने भारत की एक सर्वोच्च न्यायालय पर ‘अपमानित’ करने का आरोप लगाया है. और याचिका दर्ज की है.कोहली की विराट मांग पर सीओए ने लगाई मुहर, अब भारतीय खिलाड़ियों को इस तरह मिलेगा सालाना वेतन

इस कारण की है बिहार क्रिकेट बोर्ड ने याचिका दर्ज 

Advertisment
Advertisment

बिहार क्रिकेट बोर्ड (सीएबी ) ने अपने सचिव आदित्य प्रकाश वर्मा के जरिए अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने अयोग्य सदस्यों को विशेष आम बैठक में हिस्सा लेने की अनुमति  दी थी. जो उस बैठक में प्रतिभाग करने के लिए अयोग्य थे.

इन लोगो पर की है बिहार क्रिकेट बोर्ड ने याचिका दर्ज 

बिहार  क्रिकेट एसोसिएशन (सीएबी)) ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और अन्य के खिलाफ शीर्ष अदालत के आदेशों का कथित तौर पर उल्लंघन करने के लिए अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की. सीएबी ने आरोप लगाया है कि चौधरी, झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव राजेश वर्मा, ओड़िशा क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव आशीर्वाद बेहरा और छत्तीसगढ़ राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया ने अदालत के आदेशों की गंभीर अवमानना की थी.

याचिका में लगाए है चौधरी पर गंभीर आरोप 

Advertisment
Advertisment

याचिका में आरोप लगाया गया है कि “बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने 18 अप्रैल को नयी दिल्ली में होटल आईटीसी मौर्या में बीसीसीआई की विशेष आम बैठक की अध्यक्षता करके चौधरी ने न सिर्फ सभी राज्य एसोसिएशनों से अयोग्य सदस्यों को विशेष आम बैठक में बुलाया, बल्कि बैठक की अध्यक्षता भी की और अपनी मौजूदगी में अयोग्य सदस्यों को बैठक में हिस्सा लेने की अनुमति भी दी.” पुणे सुपरजायंट को करना पड़ा हार का सामना, लेकिन धोनी बना गये ऐसा विश्वरिकॉर्ड जिसके आस पास भी नहीं है कोई

अमिताभ चौधरी भूले थे अपने कर्तव्य को

अमिताभ चौधरी का कर्तव्य था कि वह इस बात को सुनिश्चित करें कि राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के किसी भी अयोग्य सदस्य को विशेष आम बैठक में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जाए. न्यायालय ने तीन जनवरी को स्पष्ट किया था कि कोई व्यक्ति बीसीसीआई का पदाधिकारी बनने के लिए अयोग्य होगा अगर वह नकदी से संपन्न क्रिकेट बोर्ड या किसी राज्य एसोसिएशन में कुल नौ साल तक पदाधिकारी रहा.

vineetarya

cricket is my first and last love, I know cricket only cricket, I love watching cricket because cricket is my passion and my passion is my work my favourite player Mike Hussey and Kl Rahul