अभी कुछ समय पहले दुबई में हुई आईसीसी की बैठक में आईसीसी ने एक नया प्रपोजल रखा था, जिसमे आईसीसी ने बिग थ्री मॉडल को ख़त्म करने की बात कही थी. बिग थ्री मॉडल में तीन बोर्ड थे, जिसमें बीसीसीआई, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड. आईसीसी के नए फैसले से बीसीसीआई को लगा बड़ा झटका
बिग थ्री मॉडल के हिसाब से यह तीनों बोर्ड्स आईसीसी के साथ अपने अपने निश्चित प्रतिशत राजस्व के हकदार थे, जिसमें बीसीसीआई के लिए 20.3 %, इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के लिए 4.4% और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के लिए 2.7% राजस्व का हक़ था.
आईसीसी ने दुबई में हुई बैठक में इस मॉडल को ख़त्म करने के लिये कहा है और इस प्रपोजल के लिए सभी बोर्ड सदस्यों के मत माँगे है. अगर इस प्रपोजल के लिए थ्री-फोर्थ क्रिकेट बोर्ड्स ने मत कर दिए, तो जल्द ही इस मॉडल को ख़त्म कर दिया जायेगा. बीसीसीआई के विरोध के बाद भी आईसीसी ने उठाया यह भारी कदम, भारत को होगा बड़ा नुकसान
आईसीसी ने इस मॉडल को ख़त्म करने के बाद टेस्ट क्रिकेट में टू- टायर सिस्टम को लाने के लिए भी एक प्रपोजल की माँग रखी है, जिसका विरोध करते हुए ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष तवेंग्वा मुकुह्लानी ने कहा, “टू – टायर सिस्टम की वजह से ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बिलकुल निचे पायदान पर पहुँच जायेगा, जहाँ वह अफ़ग़ानिस्तान और आयरलैंड के साथ दिखाई देगा, जबकि हम ज़िम्बाब्वे क्रिकेट में टेस्ट स्टेटस को और ऊपर बढ़ाना चाहते है.”
ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष तवेंग्वा मुकुह्लानी ने आगे कहा, “हम आईसीसी के उस बिग थ्री मॉडल को ख़त्म करने वाले प्रपोजल का भी विरोध करना चाहते है, क्योंकि अगर वह प्रपोजल स्वीकार हुआ तो, उसके बाद जल्द ही टू – टायर सिस्टम चालू होगा, जो हम बिलकुल नहीं करना चाहते.” आईसीसी की बैठक से खतरे में भारतीय क्रिकेट का भविष्य
आईसीसी को इस बिग थ्री मॉडल को ख़त्म करने के लिए ज्यादा से ज्यादा बोर्ड की सहमती की जरुरत है. इसकी वजह से बीसीसीआई को बहुत घाटा होगा, लेकिन इस प्रपोजल का विरोध करते हुए बीसीसीआई का साथ श्रीलंका बोर्ड पहले ही दे चुका है और अब ज़िम्बाब्वे की तरफ़ से आये इस कमेंट की वजह से लग रहा है, कि ज़िम्बाब्वे क्रिकेट भी बीसीसीआई का समर्थन करेगा.