भारत देश में वैसे तो हर आदमी ही क्रिकेट का एक बहुत बड़ा प्रसंशक होता है मगर इन्ही प्रसंशको में कुछ प्रसंशक एसे होते है, जो अपने क्रिकेट के प्रति दीवानगी और जूनून के चलते क्रिकेट को ही अपनी जिन्दगी बना लेते है. और इनमे क्रिकेट का इतना जूनून होता है कि ये प्रसंशक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कुछ भी कर सकते है. फिर चाहे वो एक आम आदमी हो या एक दिव्यांग आदमी हर कोई क्रिकेट के लिए अपनी जान न्योछावर करने को हमेशा तैयार रहता है.और ऐसा ही एक दिव्यांग प्रसंशक जो सालो से भारतीय टीम के मैच देखने स्टेडियम में मौजूद मिलता है और जिसने क्रिकेट को ही अपनी जिन्दगी बना लिया है वो है मध्य प्रदेश के दिव्यांग धर्मवीर पाल.विराट, सचिन या धोनी नहीं बल्कि यह है वो भारतीय खिलाड़ी जो कभी नहीं हुआ शून्य पर आउट, यहाँ देखें पूरी सूचि
बॉल बॉय की भूमिका में नजर आते है दिव्यांग धर्मवीर पाल
धर्मवीर पाल भारत के हर मैच में बाउंड्री के बाहर गेंद वापस करते नजर आते है. वह भारतीय टीम के लगभग हर मैच में बॉल बॉय की भूमिका अदा करते हुए नजर आते है वह 13 मई को भी कानपूर में गुजरात बनाम हैदराबाद के मैच में भी बॉल बॉय की भूमिका में नजर आयेंगे
24 साल के धर्मवीर पाल ने एक इंटरव्यू में कहा
”मुझे बचपन से क्रिकेट का शौक है. एक पैर से दिव्यांग होने के बावजूद क्रिकेट को लेकर मेरा जज्बा कम नहीं हुआ मैं अभी मध्य प्रदेश की दिव्यांग टीम का कैप्टन हूं”
कहा पहली बार एसे मिला था धोनी और युवराज से
“मैं 2006 में फरीदाबाद के नाहर सिंह क्रिकेट स्टेडियम में धोनी और युवराज से पहली बार मिला मैदान में टीम प्रैक्टिस कर रही थी और मैं बैठा उन्हें देख रहा था इस बीच धोनी की नजर मुझ पर पड़ी और वो मेरे पास आए उन्होंने मुझसे कहा कि आप चल नहीं पाते, हर मैच में मैं आपको देखता हूं, आप इतनी परेशानी क्यों उठाते हैं”
मैंने कहा, ”मैं आप जैसे खिलाड़ियों का फैन हूं और मेरे लिए भारतीय क्रिकेट ही मेरी जिन्दगी है इस दौरान युवराज भी वहां मौजूद थे उसके बाद से मैं टीम के साथ बतौर बॉल बॉय जाने लगा मेरे आने-जाने और रहने का पूरा खर्च टीम ही उठाती है”विराट कोहली के आईपीएल में 10 सालों के सफ़र पर एक नज़र, ऐसा रहा है इस खिलाड़ी का आईपीएल करियर
कहा गोलकीपर बना चुके है धोनी
”एक बार 2010 में मैदान पर मैच से पहले धोनी खिलाड़ियों के साथ फुटबॉल खेल रहे थे, एक खिलाड़ी की कमी थी, तो उन्होंने मुझे गोलकीपर बना दिया मुझे बहुत खुशी होती है कि सभी खिलाड़ी मुझे नाम से जानते हैं”