हर भारतीय हमेशा यहीं चाहता है,कि भारतीय टीम हमेशा जीते और हमे खुश करे. लेकिन भारतीय गेंदबाजी कमजोर होने के वजह से ऐसा हर बार मुमकिन नहीं होता. लेकिन काफी बार दबाव में ही टीम जीत जाती है. भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ऐसे खिलाडी है जो अंदर की बाते ज्यादा शेयर नहीं करते, लेकिन धोनी ने 2011 विश्वकप फाइनल के बारे में बात की है, जो भारत ने जीता था.
विमल कुमार द्वारा लिखित एक पुस्तिका में धोनी ने कहा,कि ड्रेसिंग रूम में हम सभी रोये थे. सभी मतलब सभी, हर खिलाडी, कोचिंग स्टाफ, टीम से जुडा हर शख्स रोया था तब, क्योंकी ये विश्वकप जीत सभी चाहते थे.
धोनी ने यहां दबाव के बारें में भी कहा, हमारे उपर काफी दबाव था, और हर जीत के बाद हमारे टीम से दर्शकों की उम्मीद भी बढने लगी थी. क्वार्टर फाइनल हमारा अॉस्ट्रेलिया के खिलाफ था, जो बडा मैच था. लेकिन इस मैच जीत के बाद सेमीफाइनल में उससे भी बडा मैच था, जो पाकिस्तान के खिलाफ था.
पाकिस्तान के खिलाफ उस मैच पर धोनी ने कहा, आपको पता है,कि भारत और पाकिस्तान के बीच विश्वकप मैच में कैसा माहौल रहता है. लोग आपसे कहते है,कि ये असली फाइनल है. और हमने वो मैच भी जीता, तब हमने सोचा की, अब लोग हमसे क्या उम्मीद रखेंगे. हमारे उपर तब काफी ज्यादा दबाव था, और हमारे सामने खाना रखा हुआ था, वो भी हम खा नहीं पाए, इतना दबाव था.
धोनी ने कहा, हम भारतीय लोग भावुक होते है, और विश्वकप जीत के बाद भी हम सभी भावुक हुए. लोग कहते है,कि खिलाडियों को पैसा मिलता है उन्हें हार जीत से क्या मतलब, लेकिन विश्वकप जीत के बाद हम हमी रोये थे, और ये सब उस खिताब को जीतने के लिए था, जो जज्बा हमारे अंदर था.
धोनी ने आखिर में कहा, मैनें नहीं सोचा था की विश्वकप जीतने के बाद मुझे रोना आएगा, लेकिन हम सभी रोये थे. पुरा विश्व हमारे आसु नहीं देख सका, क्योंकी वहां कैमरा नहीं था, लेकिन ये एक अद्भुत दिन था.