आज इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को लगातार तीन मैच हराकर वनडे सीरीज अपने नाम कर लिया। टेस्ट सीरीज में वाइट वॉस झेलने के बाद इंग्लैंड ने वनडे टीम में बड़ी ही जबरदस्त तरीके से वापसी की है। इंग्लैंड ने सीरीज के पहले तीन मैच हराकर ऑस्ट्रेलिया पर 3-0 की बढ़त भी बना ली और सीरीज भी अपने नाम कर ली। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेलते हुए इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी में 6 विकेट खोकर 302 रन बनाए। जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया 286 रन ही बना सकी और उसे 16 रन से हार का सामना करना पड़ा।
मोर्गन ने तोड़ा पोटिंग का रिकॉर्ड
इंग्लैंड की ओर से जॉस बटलर ने पारी की आखिरी गेंद पर डबल लेकर अपने करियर का पांचवा शतक पूरा किया। इसके अलावा इस मैच में इंग्लैंड के कप्तान इयान मोर्गेन ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पॉन्टिंग का एक बेहद खास रिकॉर्ड तोड़ दिया। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला में इंग्लैंड के मौजूदा कप्तान इयान मोर्गेन सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए। आज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के तीसरे मैच में मोर्गेन ने 41 रन की पारी खेली और इस रिकॉर्ड को अपने नाम किया। इससे पहले ये रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल कप्तान रिकी पॉन्टिंग के नाम था। पॉन्टिंग ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच हुए द्विपक्षीय श्रृंखला में 1598 रन बनाए थे जिसे मोर्गन ने अब तोड़ दिया है।
मोर्गन ने 44 पारियों में तोड़ा पोटिंग का रिकॉर्ड
ऑस्ट्रेलिया और विश्वभर के महानतम खिलाड़ी और कप्तानों में से एक रिकी पॉन्टिंग ने इंग्लैंड के खिलाफ 39 वनडे मैचों में 48.42 की औसत से 1598 रन बनाए थे। इस दौरान उन्होंने 5 शतक और 8 अर्धशतक लगाया था। वहीं इंग्लैंड के मौजूदा कप्तान इयान मोर्गेन ने अपने 45वें वनडे मैच में ये रिकॉर्ड अपने नाम किया है। मोर्गेन ने 45 मैच की 44 पारियों में पोटिंग के रिकॉर्ड को तोड़ा। जबकि पोटिंग ने 38 पारियों में ये उपलब्धि हासिल की थी। आपको बता दें कि 2007 के वर्ल्ड कप में इयान मोर्गेन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैच आयरलैंड के लिए खेला था।
आयरलैंड से की थी करियर की शुरुआत
आपको बता दें कि इयान मोर्गन का जन्म ऑयरलैंड में हुआ था और उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत भी साल 2006 में ऑयरलैंड के लिए ही की थी। लेकिन 3 साल बाद ही उनका चयन इंग्लैंड टीम में हो गया और 2015 विश्व कप से कुछ ही महीने पहले 2014 में जब एलिस्टेयर कुक ने कप्तानी छोड़ी तब उन्हें इंग्लैंड टीम की कमान सौंपी गई। 2015 विश्व कप में इंग्लैंड की टीम पहले दौर से ही बाहर हो गई लेकिन उसके बाद उनके प्रदर्शन में काफी सुधार आया और मोर्गन ने टीम का नेतृत्व काफी अच्छे तरीके से किया और इसका जबरदस्त प्रभाव देखने को मिला।