भारत बनाम न्यूज़ीलैण्ड के बीच की सीरीज इस समय एक रोमांचक मोड़ पर खड़ी है, न्यूज़ीलैण्ड ने सीरीज में शानदार वापसी करते हुए दिल्ली वनडे जीत कर सीरीज को बराबर कर दिया, लेकिन भारत ने मोहाली वनडे जीतकर हिसाब फ़िर से बराबर कर दिया. आख़िरी दो मैचों के लिए टीम का चयन तीसरे एकदिवसीय के बाद होना वाला था, चयनकर्ताओं को टीम का चयन इस बात को ध्यान में रखते हुए करना चहिये था, कि आने वाले समय में टीम को काफी टेस्ट मैच खेलने है. पर ऐसा नही हुआ.
आइये एक नज़र डालते है पांच ऐसे खिलाड़ियों पर जो आख़िरी दो वनडे के लिए बन सकते थे टीम का हिस्सा:
1) युवराज सिंह
युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट में सबसे सफल फिनिशर के रूप में जाने जाते है. युवराज ने भारत को दो विश्वकप जीताने में अहम भूमिका निभाई है, 2011 विश्वकप में तो वह कैंसर जैसी जानलेवा बिमारी के बावजूद मैन ऑफ द सीरीज चुने गए थे, इसमें कोई दोराहे नहीं होगी, कि वो विश्वकप युवराज ने ही भारत को दिलाया.
कैंसर से लड़कर वापसी करने के बाद युवराज की फॉर्म कुछ खास नहीं रही है. उन्होंने ज़रूर इस साल टी-20 फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन किया. पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में और उसके बाद एशिया कप में युवी का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा. लेकिन टी-20 विश्वकप के दौरान टीम इंडिया को उस समय बड़ा झटका लगा जब युवी चोट के चलते टीम से बाहर हो गए.
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युवराज ने अपना आख़िरी वनडे 2013 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेला था, और उन्होंने हाल ही में रणजी ट्राफी के दौरान एक शतकीय पारी खेल कर अपनी फॉर्म का परिचय दिया था, चयनकर्ता के पास उन्हें टीम में शामिल कर आने वाले मैचों में मौका देना चाहिये थे. सुरेश रैना की जगह क्यूँकि रैना बीमारी के चलते बाहर हो गये है. जहा युवी को टीम में शामिल किया जा सकता था. भारत को भी इस समय मध्यक्रम में एक अनुभवी खिलाड़ी की खासी जरुरत थी जिस के लिए युवी से बेहतर विकल्प कुछ नही था.