क्रिकेट डेस्क। टीम इंडिया ने सिडनी में ऑस्ट्रेलिया को पांचवे वन-डे में छह विकेट से हराया। ऑस्ट्रेलिया ने यह सीरीज 1-4 से गंवाई। हालांकि टीम इंडिया ने आईसीसी वन-डे रैंकिंग में अपना दूसरा स्थान कायम रखा। रोहित शर्मा 99 और मनीष पांडे 81 गेंदों में नाबाद 104 रन की मदद से भारतीय टीम ने क्लीनस्वीप को टालने में सफलता हासिल की।
भारत की जीत के साथ, ऑस्ट्रेलिया ने ऐसा मैच हारा जिसमें उसके दो खिलाडि़यों ने चौथी बार शतक जड़े हो। पहले तीन बार भारत के खिलाफ ही ऑस्ट्रेलिया ने यह कमाल किया था।
सीरीज में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 3000 से अधिक रन बनाए। इस बीच दोनों टीमों के गेंदबाजों का बुरा हाल रहा। हालांकि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने मौकों पर वापसी करते हुए टीम को जीत दिलाई जबकि भारतीय गेंदबाज पूरी तरह बेअसर रहे। विशेषकर ईशांत शर्मा और उमेश यादव जिन्होंने काफी निराश किया।
अब जब भारत में वर्ल्ड टी-20 दो महीने के भीतर शुरू होने वाला है, भारतीय टीम को जरूरत है कि ऐसे गेंदबाजों का चयन किया जाए जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है। आइए नजर डालते हैं उन पांच गेंदबाजों पर जिनका घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन सराहनीय रहा।
इरफान पठान
2007 वर्ल्ड टी-20 विजेता के हीरो इरफान पठान ने हाल ही में सम्पन्न सैयद मुस्ताक अली ट्रॉफी में कमाल का प्रदर्शन किया। उन्होंने बड़ौदा का नेतृत्व किया और गेंद व बल्ले दोनों से योगदान दिया। वह सैयद मुस्ताक अली ट्रॉफी के सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। टूर्नामेंट में इरफान ने 15.76 की औसत से 10 मैचों में 17 विकेट चटकाए। जब भारतीय टीम के मौजूदा तेज गेंदबाज बुरी तरह फ्लॉप हो रहे हैं, ऐसे में चयनकर्ताओं को एशिया कप और वर्ल्ड टी-20 के लिए इरफान पठान के नाम पर विचार करना चाहिए।
रुद्र प्रताप सिंह
गुजरात के इस गेंदबाज ने सैयद मुस्ताक अली टूर्नामेंट में शानदार गेंदबाजी की। उन्होंने 9 मैचों में 15.78 की औसत से 14 विकेट लिए। आरपी सिंह भी 2007 वर्ल्ड टी-20 विजेता टीम के सदस्य हैं। अब जब उमेश यादव और भुवनेश्वर कुमार बुरी तरह पिटे हैं तो ऐसे में लगता है कि आरपी सिंह मौका पाने के हकदार हैं।
जसप्रीत बुमराह
पदार्पण मैच में इस गेंदबाज ने सभी को प्रभावित किया। उनके अजीब एक्शन ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजो को खूब परेशान किया। 22 वर्षीय गेंदबाज ने पहले ही मैच में अच्छी लाइन और लेंथ का नमूना पेश किया। उन्होंने आखिरी मैच में 40 रन देकर दो विकेट लिए। बुमराह को मोहम्मद शमी की जगह टीम में शामिल किया गया था। बुमराह ने सैयद मुस्ताक अली ट्रॉफी में भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 9 मैचों में 15.42 की औसत से 14 विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की टी-20 सीरीज में बुमराह पर चयनकर्ताओं की पैनी नजर रहेगी। अगर वह अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो निश्चित ही एशिया कप व वर्ल्ड टी-20 के लिए मौका मिलेगा।
आशीष नेहरा
यह बूढ़े हो चुके हैं। मगर गेंदबाजी का आधार जानते हैं। आईपीएल में निलंबित चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से नेहरा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने 16 मैचों में 20.40 की औसत से 22 विकेट चटकाए। 10 रन पर चार विकेट लेने का उनका प्रदर्शन टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। आईपीएल में उनका प्रदर्शन प्रभावी रहा जिसका नतीजा यह निकला कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज के लिए उनका चयन किया गया।
धवल कुलकर्णी
मुंबई के इस गेंदबाज ने भारत के लिए सिर्फ आठ मैच खेले हैं। अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट में साधारण प्रदर्शन रहा, लेकिन सैयद मुस्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट के दूसरे सर्वश्रेष्ठ विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। भारतीय टीम के गेंदबाजों को फ्लॉप होता देख चयनकर्ताओं का ध्यान इस गेंदबाज पर पड़ना स्वभाविक है। अगर धवल अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो निश्चित ही टीम में चयनित होंगे।