पूर्व भारतीय अंतराष्ट्रीय अंपायर सुब्रतो बैनर्जी का कल कोलकाता में 71 साल की उम्र में निधन हो गया. सुब्रतो बैनर्जी ने 13 वनडे अंतराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग की थी. सुब्रतो बैनर्जी ने साल 1967 में 22 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी के एक मैच में सबसे पहले अंपायरिंग की थी. उस समय वो भारत के सबसे कम उम्र के अंपायर बने थे.
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सुब्रतो बैनर्जी ने साल 1983 में बड़ौदा में खेले गये भारत और वेस्टइंडीज के बीच मैच में बतौर अंपायर अपना पदार्पण किया था.
अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में बतौर अंपायर उनका करियर 15 सालों का था, और साल 1998 में ग्वालियर में खेले गये भारत और केन्या के बीच मैच में उन्होंने आखिरी बार अंपायरिंग की थी. लेकिन उनका करियर 39 साल तक चला, और 64 प्रथम श्रेणी मैचों में वे अंपायर बने.
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किसी भी फॉर्मेट में भारत और पाकिस्तान महिला टीम के बीच खेला गया मैच बतौर अंपायर उनका आखिरी मैच रहा. ये मैच साल 2006 में सवाई मानसिंह स्टेडियम जयपुर में खेला गया था. 2001 में भारत और इंग्लैंड के बीच मोहाली में खेले गये टेस्ट मैच में वे तीसरे अंपायर बने थे.
फिल्ड के बाहर सुब्रतो बैनर्जी का बीसीसीआई से काफी अच्छे संबंध थे, और अंपायरिंग में वो कई युवा अंपायरों को कोचिंग देते थे. इसके अलावा वे बंगाल क्रिकेट में अंपायरों की समिती का हिस्सा थे, और बंगाल क्रिकेट कमिटी के भी हिस्सा थे.
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