एक दिवसीय क्रिकेट में डी/एल विधि के क्रूर प्रभाव कई देशो की टीमों के लिए बुरे सपने के सामान साबित हुए तो कई टीमें विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में इसका शिकार बनी. बरसात के कारण प्रभावित होते मैचों में पहली बार इस विधि को लेन की जरुरत महसूस हुई 1992 में .

1992 के विश्व कप में जिसमे दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच हो रहे सेमी फाइनल मैच में 12 मिनट हुई वर्षा ने मैच को प्रभावित कर दिया था तब दक्षिण अफ्रीका बढ़िया खेल रहा था लेकिन एससीजी स्क्रीन पर इस अचंभित घटना में दक्षिण अफ्रीका को एक गेंद पर 22 रन बनाने को कहा गया. तब आई सी सी को वर्षा प्रभावित ओ डी आई मैच में असमानता दूर करने के लिए एक विधि को लाने में पांच साल लगे.

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और फिर 1997 में पहली बार आई सी सी , इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड और ज़िम्बाब्वे क्रिकेट यूनियन डी/एल विधि को इस्तेमाल करने के लिए राज़ी हो गए. यह विधि फ्रैंक डकवर्थ और टोनी लेविस द्वारा इजाज़ की गयी थी. फ्रैंक रॉयल स्टैटिस्टिकल सोसाइटी की मासिक पत्रिका “आर एस एस न्यूज़” में सलाहकार सांख्यिकीविद व् संपादक थे और टोनी वेस्ट इंग्लैंड के विश्विद्यलय में गणित के प्रवक्ता थे. हालाँकि यह विधि बारिश से प्रभावित मैच में हमेशा समता बहाल नही करती ,कई बार इस विधि ने राष्ट्र को रोने पर मजबूर किया है. देखिये क्यों और कैसे…

1 . रॉयल लंदन ओ डी आई सीरीज ,2015
ओवल में इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के बीच हो रहे दूसरे ओ डी आई मैच के दौरान इंग्लैंड आसानी से न्यूज़ीलैंड द्वारा तय किया गया 398 /5 के लक्ष्य तक पहुँच रहा था. लेकिन जब इंग्लैंड का स्कोर 345 /7 पर था तभी बारिश ने मैच प्रभावित किया . जहाँ पहले इंग्लैंड को 37 गेंदों पर 54 रन बनाने थे वहीँ वर्षा के बाद डी/एल विधि के आधार पर अब टीम की कठिनाइयां बढ़ गयी थी क्योंकि उन्हें 13 गेंदों में 34 रन बनाने थे. लेकिन इंग्लैंड लक्ष्य से 13 रन पीछे रह गया और मैच गवाना पड़ा.

2 . दक्षिण अफ्रीका और बारिश , 2003 विश्व कप
अंतिम ग्रुप बी मैच के दौरान श्रीलंका ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 9 विकेट खोकर 268 रनों का लक्ष्य निर्धारित किया जिसमे कि अटापट्टू का 124 रनों का योगदान रहा. 269 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने 6 विकेट खोकर 212 रन बनाये थे . दक्षिण अफ्रीका के कप्तान शॉन पोलाक रन आउट हो गए लेकिन फिर लांस और बोउचेर ने स्कोर 229 पर पहुँचाया कि तभी बारिश के कारण मैच को रोकना पड़ा. अधिकारीयों ने डी/एल शीट के आधार पर ये कहा कि अगर जल्द ही खिलाडी मैदान पर नहीं लौट सके तो मैच टाई के रूप में ख़त्म हो जायेगा. 35 मिनट बाद अंपायर मैदान में पहुंचे लेकिन कुछ हो पलों में फिर बरसात होने लगी . देखिये ये वीडियो…

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3 . 2011 में डी/एल विधि के कारण हार के साथ राहुल द्रविड़ ने ली विदाई
2011 में इंग्लैंड में पांच मैचों की ओ डी आई श्रृंखला के तहत राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारत आखिरी ओ डी आई मैच खेल रहा था. यह मैच पूर्व कप्तान द्रविड़ का अंतिम ओ डी आई मैच था. भारत ने 50 ओवरों में 6 विकेट खोकर 304 रन बनाये थे. विराट कोहली के 107 और धोनी के 50 रनों का सहयोग रहा वहीँ राहुल ने भी 69 रन कमाए . ऐसा लग रहा था कि भारत जीत के साथ दिग्गज खिलाडी द्रविड़ को विदाई देगा. लेकिन बरसात ने उनकी योजना पर पानी फेर दिया. बारिश ने इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी के दौरान मैच को ज्यादा प्रभावित किया. बारिश के कारण अंपायर ने मैच की दूसरी पारी देर से शुरू की जब इंग्लैंड का स्कोर 53 /1 था. इसके बाद 2 और बार बारिश ने खलल डाला. जिससे अंपायर बील्ली डॉक्ट्रोव और निगल लॉन्ग डी/एल विधि लगाने पर मजबूर हो गए. और इंग्लैंड को अब 41 ओवरों में 241 रन बनाने थे. इंग्लैंड ने 28 ओवरों में 200 का आंकड़ा पार कर लिया और बाकि बचे 41 रन बनाने में भी टीम को कोई दिक्कत नहीं हुई और वे ये मैच जीत गए.

4 . दक्षिण अफ्रीका की विश्व कप में बदकिस्मती, 2015
1992 ,1999 और 2003 में विश्व कप में मात खाने के कारण दिल टूटने के बाद दक्षिण अफ्रीका एक बार फिर बारिश का शिकार बन मैच हार गया. यह था 2015 विश्व कप का पहला सेमी फाइनल मैच जिसमे वह ऑकलैंड में न्यूज़ीलैंड का सामना कर रहा था. दक्षिण अफ्रीका ने 3 विकेट खोकर 38 ओवरों में 216 रन बनाये लेकिन फिर बरसात शुरू हुई और अफ्रीकन टीम की रणनीति ढेर हो गयी . अंपायर ने डी/एल विधि लागू की और मैच 43 ओवरों का हो गया और दक्षिण अफ्रीका को 281 /5 के स्कोर पर रुकना पड़ा . मैच हारने के बाद दक्षिण अफ्रीका के मोर्न मोर्केल रट हुए दिखाई दिए. आप भी देखिये ये वीडियो…

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