टी20

आज से ठीक 9 साल पहले टी20 की भारतीय युवा टीम का नेतृत्‍व करने का जिम्‍मा होनहार और अनुभव से परिपूर्ण खिलाड़ी  महेंद्र सिंह धोनी ने उठाया। जिसने अपने नेतृत्‍व में इतिहास रच दिया और आईसीसी विश्व टी-20 के मैच में अपने कट्टर प्रतिद्वंदी पाकिस्‍तान को दक्षिण अफ्रीका में पराजित कर दिया।

कमाल की बात तो यह थी, कि टीम में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्‍गज खिलाड़ी शामिल नहीं थे, और अटकलें लगाई जा रही थी, कि यह युवा भारतीय टीम विश्वकप जीत नहीं पायेगी। लेकिन इन सभी बातों को दरकिनार कर भारतीय टीम ने विश्वकप जीतकर इतिहास रच दिया।

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हाल ये रहा कि देखते ही देखते टीम का विजय अभियान चल पड़ा। आगे होने वाले मैचों में ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और पाकिस्तान सभी पराजित होते गये। लेकिन एक नाम जिसने इस काम को अंजाम देने में मुख्य भूमिका निभाया वह नाम है गौतम गंभीर का। वह हमेशा याद किये जाएंगे कि कैसे उन्‍होंने टी-20 विश्वकप फाइनल में टीम के लिए 54 गेंदों पर 75 रन बनाकर टीम के लिए 157 रन का सम्मानजनक स्‍कोर खड़ा किया था।

यह उन्‍होंने उस समय किया जब भारत के लगातार विकेट गिरते ही जा रहे थे और उसके बावजूद वो मैदान पर 18 ओवरों तक डटे रहे। जिसके बाद सारी जिम्‍मेदारी गेंदबाजों पर डाल दी गयी और उन्‍होंने भी कमाल का प्रदर्शन किया और आईसीसी का वर्ल्‍ड टी-20 फाइनल मैच भारत 5 रनों से जीत गया।

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उस ऐतिहासिक मैच की जीत की नौवीं सालगिरह पर गंभीर ने ट्विटर पर उनके द्वारा खेली गयी उस शानदार पारी को याद किया, जिसमें उनका प्रदर्शन सच में प्रशंसनीय था। अपने उस प्रयास को साझा कर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने लिखा कि मुझे गर्व है कि ‘‘मैं उस ऐतिहासिक जीत का हिस्‍सा बना और 75 रनों का योगदान दिया’’।