ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की मेजबानी में खेले गए आईसीसी विश्वकप 2015 में न्यूजीलैंड की टीम ने अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया था। न्यूजीलैंड ने ब्रेंडन मैकुलम की कप्तानी में 2015 के इस विश्वकप में शानदार प्रदर्शन दिखाकर फाइनल तक का सफर तय किया था, जहां इनको ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
न्यूजीलैंड से नही थी हार की उम्मीद
न्यूजीलैंड की टीम से इस चैंपियंस ट्रॉफी में भी कुछ इसी तरह की उम्मीद थी, लेकिन शुक्रवार को बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मैच में अपने से कमजोर बांग्लादेश के हाथों 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही न्यूजीलैंड का इस आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में खत्म हो गया है।
2015 विश्वकप में न्यूजीलैंड का था स्वर्णिम युग
न्यूजीलैंड की टीम के बाहर होने के बाद अब फिर से वहीं दौर याद आ रहा हैं। जब 2015 के विश्व कप में इस टीम ने शानदार प्रदर्शन किया था। वैसे माना जाए तो न्यूजीलैंड के लिए 2015 के विश्वकप का वो दौर स्वर्णिम माना जा सकता है। न्यूजीलैंड की टीम में उस समय कप्तान और सबसे अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज ब्रेंडन मैकुलम टीम का हिस्सा था, साथ ही स्पिन के सुरमा और पूर्व कप्तान डेनियल वेटोरी भी टीम में शामिल थे। इसके अलावा बल्लेबाज ग्राट इलियट मिडिल ऑर्डर में मजबूती प्रदान करते थे, लेकिन इन तीनों खिलाड़ियों के उसके बाद टीम से बाहर होने के बाद अब एक बार फिर से न्यूजीलैंड की टीम बन रही है।
अब युवा टीम है केन विलियम्सन के हाथ
न्युजीलैंड की टीम ने विश्वकप 2015 के बाद एक के बाद एक अपने इन तीनों खिलाड़ियों को खोया है। अब कप्तानी युवा बल्लेबाज केन विलियम्सन के हाथों में है। टीम में सबसे अनुभवी खिलाड़ी के रूप में रॉस टेलर ही हैं। हां इतना जरूर है कि केन विलियम्सन, टीम साउथी और ट्रेंट बोल्ट में अनुभव आता जा रहा है। इसके अलावा इस टीम में युवा खिलाड़ियों की फौज है। जो अब धीरे-धीरे अपने क्रिकेट प्रतिभा को निखार रहे हैं।
2019 विश्वकप के लिए हो जाएगी तैयार
न्यूजीलैंड की टीम भले ही इस चैंपियंस ट्रॉफी से तो निराशाजनकर रूप से बाहर हो गई हैं लेकिन अब ये टीम 2019 के विश्वकप के लिए तैयार हो रही है। न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों की प्रतिभा को देखते हुए 2019 विश्वकप में इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।जिस तरह से न्यूजीलैंड की यहीं टीम पिछले दिनों करती आयी है वो देखकर तो 2019 के विश्वकप तक कीवि टीम एक अच्छे स्तर पर रहेगी जहां से इन्हें एक बार फिर से विश्वकप का दावेदार माना जा सकता है।