आईपीएल की शुरुआत अब कल होने वाली है, आईपीएल का पहला मैच मुंबई इंडियंस और राइजिंग पुणे सुपर जायन्ट्स के बीच खेला जायेगा, लेकिन मैच के इस पूर्व संध्या पर जब आज अश्विन पत्रकारों के सामने आये, तो आज एक बार उनसे वही सवाल पूछा गया, जो वेस्टइंडीज के हाथो सेमीफाइनल हार के दौरान अश्विन से नहीं पूछा जा सका था, कुछ भारतीय क्रिकेट प्रसंशको का मानना था, कि भारत के सेमीफाइनल हार के पीछे अगर किसी का हाथ था, तो वह था भारत के ऑफ़ स्पिनर दिग्गज गेंदबाज रविचन्द्र अश्विन का, क्यूंकि इस मैच में भारत द्वारा डाले गये 2 नो-बाल में से एक अश्विन ने डाला था, और इस गेंद पर बुमराह ने इस मैच के हीरो रहे लेंडल सिमोंस का शानदार कैच लपक लिया था, और इस जीवनदान की वजह से ही सिमोंस ने भारत के हाथों मैच छीनकर 193 रनों का लक्ष्य हासिल करने में वेस्टइंडीज की मदद किया था.
अगर यह गेंद नो-बाल नहीं हुई होती, तो शायद आज भारत दूसरी बार टी-20 विश्वकप का विजेता होता.हालाँकि जो भी हुआ उसमे अश्विन को दोष देना गलत होगा, लेकिन अश्विन को हार के पीछे जिम्मेदार ठहराने का कारण है, कि अश्विन स्पिन गेंदबाज है, और ऐसे में उनके द्वारा नो-बाल डालना थोड़ा अटपटा लगता है.
इस मैच के बाद से अश्विन का पत्रकारों से आमना-सामना नहीं हुआ था, लेकिन अब जब अश्विन पत्रकारों के सामने आये, तो उनसे वहीं सवाल पूछा गया, जिसके जबाब में अश्विन थोड़ा गुस्से में दिखे और कहा,“उस दिन जब मैं घर गया तो मेरे कुत्ते को लू लग गई थी, इससे मुझे पता चला कि क्या अधिक महत्वपूर्ण है और क्या बहुत अहम है. मैने अगले तीन दिन पेपर नहीं पलटा, मैने नहीं पढ़ा कि लोग क्या कह रहे हैं”
आईपीएल में राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के सदस्य अश्विन ने कहा,”कई बेहतरीन पत्रकारों और जानकार लोगों ने कहा कि मैने बरसों से नो-बॉल नहीं फेंकी थी, और वह नो-बॉल फेंककर मैं विलेन नहीं बन गया. यदि ऐसी धारणा है तो मुझे नहीं पता कि उसका जवाब कैसे देना है.”
अधिकतर लोगों का मानना था, कि अगर भारत उस दिन टॉस जीत गया, होता और पहले गेंदबाजी करता, तो शायद मैच का परिणाम कुछ और ही होता, ऐसे में जब अश्विन से पूछा गया, कि ओस के कारण गीली गेंद से गेंदबाजी करना उन्हें कैसा लगा, उन्होंने कहा , “जिस समय ओस थी, मैने गेंदबाजी नहीं की. मुझे नहीं पता कि उस समय कैसा लगा होगा.”
अश्विन ने यह सवाल पूछने वाले पत्रकार से कहा, “मैं आपको दोष नहीं दे रहा, लेकिन आपको जिम्मेदारी से लिखना चाहिए, क्योंकि उसे पढ़कर लाखों लोग अपनी राय बनाते हैं.”