सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सचिव अजय शिरके और बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को उनके पद से हटा दिया है और नए साल पर काफी बुरा तोहफा दिया है. पद से हटाए जाने के बाद अनुराग ठाकुर ने अभी तक कोई बयानबाजी नहीं की है और चुप्पी बनाए रखी है.
सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का इन्तजार लोढ़ा समिति काफी समय से कर रहा था और अब आज सुबह सर्वोच्च न्यायालय ने इसके ऊपर अपनी मुहर लगा दी है.
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कोर्ट का फैसला आने के बाद इसके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाई किसी ने और इसका सम्मान करते हुए बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के ने कहा,
“इस फैसले का मैं सम्मान करता हूँ. मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, कि मुझे पद से हटा दिया गया मेरे पास और बहुत से कार्य हैं, करने के लिए. मैं पिछले इतिहास में नहीं जाना चाहता हूँ, क्योंकि उसमे विभिन्न तरह से लोगो को देखना होगा और मैं किसी के खिलाफ कुछ कहना भी नहीं चाहता हूँ अगर यह क्रिकेट खेल के हित में लिया गया है तो मुझे कोई समस्या नहीं है.”
लोढ़ा समिति और बीसीसीआई के बीच काफी दिनों से विवाद चल रहा था, जिसके चलते न्यायालय ने बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को लोढ़ा समिति से माफ़ी मांगने को भी कहा था, लेकिन अनुराग ठाकुर अपनी जिद पर अड़े रहे और उन्होंने माफ़ी नहीं मांगी. इसके बाद कोर्ट ने 2 जनवरी की सुबह उनको अध्यक्ष पद से हटा दिया है.
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बिशन सिंह बेदी सहित कई दिग्गज और पूर्व खिलाड़ियों ने इस फैसले को सही बताया और क्रिकेट के लिए नए साल की अच्छी शुरुआत बताया है.
कोर्ट के इस फैसले के बाद सबके मन में यह विचार आने लगा है, कि भारतीय क्रिकेट कट्रोल बोर्ड का अगला अध्यक्ष कौन होगा.