भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने आईसीसी की सालाना बैठक से पहले ‘बिग थ्री’ पॉलिसी को ना हटाने के लिए जो बात रखी थी, उसे आईसीसी ने नज़रंदाज़ करते हुए, ‘बिग थ्री’ को ख़त्म करने के लिए कहा है.
आपको बता दें, कि ‘बिग थ्री’ पॉलिसी के तहत भारतीय क्रिकेट बोर्ड को आईसीसी के सालाना प्रॉफिट में से 20 प्रतिशत का मुनाफा मिलता था. ‘बिग थ्री’ में भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीम शामिल है. इन तीन देशों को आईसीसी की ओर से आईसीसी के मुनाफे का सबसे अधिक हिस्सा मिलता था, जिसे अब आईसीसी ख़त्म करने वाली है.भारत को दो वर्ल्ड कप जीताने वाले भारतीय पूर्व कप्तान ने की बीसीसीआई से ये माँग
क्रिकिंफो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने आईसीसी के इस निर्णय का विरोध किया था, लेकिन श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के अलावा बीसीसीआई को और किसी का समर्थन नहीं मिला.
आईसीसी के चेयरमैन, शशांक मनोहर ने कहा, कि
“आज का दिन क्रिकेट के इतिहास में काफी महत्वपूर्ण था, आईसीसी और क्रिकेट के भविष्य के रूप में. हम आईसीसी को सभी 105 सदस्यों के लिए बिलकुल निष्पक्ष बनाना चाहते है.”
शशांक मनोहर ने आगे कहा,
“अभी भी कई ऐसे पहलु है, जिनपर हमे ध्यान देना है, लेकिन बिग थ्री पॉलिसी के ख़त्म करने का निर्णय हम ले चुके है और अब इस पर कोई चर्चा नहीं होगी.”
आपको बता दें, कि आईसीसी की इस बैठक से पहले बीसीसीआई के एक पूर्व कर्मचारी ने कहा था, कि यदि बीसीसीआई की बातों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो हमारे पास चैंपियंस ट्राफी से नाम वापस लेने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचेगा.
लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किये गए, नए अध्यक्ष विनोद राय ने इन सभी बातों का खंडन करते हुए कहा है, कि टीम इंडिया ज़रूर चैंपियंस ट्राफी में हिस्सा लेगी.आईसीसी की बैठक से खतरे में भारतीय क्रिकेट का भविष्य
अब ऐसे में इस मुसिबत से निपटने के लये बीसीसीआई क्या कदम उठाता है, यह देखना दिलचस्प रहेगा.