पिछले एक महीने से भारतीय क्रिकेट टीम में विवादों की कई खबरें सामने आयी। ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि लोगों को खिलाड़ियों से संबंधित खबरें कम और टीम के सपोर्ट स्टाफ से संबंधित खबरें ज्यादा पढ़ने को मिली हो। पर अब मुख्य कोच और सहायक स्टॉफ की नियुक्ति के बाद शायद यह विवाद थमता लग रहा है। आपको बता दें मुख्य कोच की नियुक्ति वर्ल्ड कप 2019 तक के लिए की गयी है।
आइए हम आपको बताते हैं कि किस व्यक्ति को कौन सा पद मिला हैं-
मुख्य कोच की भूमिका निभाएगें रवि शास्त्री
काफी उठापटक के बाद क्रिकेट अडवाइजरी कमेटि ने मुख्य कोच की भूमिका मेें रवि शास्त्री को दे दिया। इसके पहले अनिल कुंबले की कोच की नियुक्ति एक साल के लिए थी। क्रिकेटर, कमेंटेटर, विशेषज्ञ, सलाहकार, टीम निदेशक ऐसी तमाम भूमिकाओं से गुजरते हुए तकरीबन पिछले 40 सालों से शास्त्री क्रिकेट से जुड़े रहे हैं। मौजूदा टीम के खिलाड़ी उनका सम्मान करते हैं, टीम निदेशक के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान टीम इंडिया का प्रदर्शन अच्छा ही रहा, जिसमें दो विश्व कप सेमीफाइनल, एशिया कप का खिताब और श्रीलंका व दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में जीत कुछ खास सफलताएं रहीं।रवि शास्त्री को भारतीय टीम का कोच बनाने के लिए रचा गया था बड़ा षड़यंत
संजय बांगड़ को मिली सहायक व बल्लेबाजी कोच की भूमिका
भारत को सहायक औऱ बल्लेबाजी कोच के रूप में संजय बांगड़ को भूमिका मिली है। 2001 से 2004 के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुके महाराष्ट्र के इस 44 वर्षीय ऑलराउंडर ने 12 टेस्ट और 15 वनडे खेले लेकिन उनका अंतरराष्ट्रीय करियर ज्यादा नहीं चल सका। टीम के साथ पिछले कुछ सालों से जुड़े और अच्छा काम करने के चलते अगले विश्व कप में तैयारी के लिए उन्हें ज्यादा शुरुआती मेहनत की जरूरत नहीं पड़ेगी।
बॉलिंग कोच की भूमिका में दिखेंगें भरत अरुण
रवि शास्त्री के कहने पर भरत अरुण को यह जिम्मेदारी दी गई है। रवि शास्त्री के कोचिंग सपोर्ट स्टाफ में अब भरत अरुण गेंदबाजी कोच की भूमिका निभायेंगे। इसके पहले जहीर खान को बोंलिग कोच की भूमिका मिली थी जिसे मुख्य कोच बनने के बाद रवि शास्त्री ने खारिज कर दिया था। आपको बता दे भरत अरुण बांगड़ के साथ 2014 में वो आइपीएल की पंजाब टीम के गेंदबाजी कोच बने और उसी साल टीम निदेशक शास्त्री ने उन्हें भारतीय टीम के सपोर्ट स्टाफ में एंट्री दिला दी।
रामकृष्ण श्रीधर (फील्डिंग कोच)
फील्डिंग कोच की भूमिका में रामकृष्ण श्रीधर को दी गयी है। क्रिकेट विशेषज्ञ विभोर शुक्ला के मुताबिक, ‘फील्डिंग कोच एक ऐसा पद है जिसकी शुरुआत कुछ ही समय पहले हुई है। टीमें इन्हें फिटनेस एक्सपर्ट के रूप में भी देखती हैं। श्रीधर ने इससे पहले अच्छा काम किया है लेकिन विश्व कप जैसे टूर्नामेंट के लिए उन्हें और कड़ी मेहनत करनी होगी।’श्रीलंका के खिलाफ गाले टेस्ट में उतरते ही अश्विन हासिल कर लेंगे ये खास उपलब्धि, दी विरोधी बल्लेबाजो को चेतावनी