भारतीय टीम के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर अग्निपरीक्षा 5 जनवरी से शुरू होने जा रही है। भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन के न्यूलैंड्स मैदान में तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला टेस्ट मैच 5 जनवरी को खेलना है। भारतीय टीम के लिए पहले से ही दक्षिण अफ्रीका की जबरदस्त उछाल लेती पिचों पर कड़ी चुनौती माना जा रहा है और इसी के साथ भारतीय टीम के लिए ये मुश्किल टेस्ट टेस्ट सीरीज के साथ देना है।
केपटाउन में होने वाले टेस्ट से पहले भारतीय टीम को मिली राहत
भारतीय टीम के लिए वैसे भी तेज और उछाल भरी पिचों पर खेलना इतना आसान नहीं है जो परिस्थितियां दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर तो मिलेगी ही लेकिन भारतीय टीम के लिए पहले टेस्ट मैच से ठीक पहले एक बड़ी और खुशखबरी मिली है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 5 जनवरी को केपटाउन के न्यूलैंड्स मैदान पर पहला टेस्ट मैच खेला जाना है। जहां पिच को लेकर बड़ी राहत भरी खबर आयी है।
न्यूलैंड्स की पिच पर पानी की कमी के चलते नहीं दिखेगा उछाल
उम्मीद तो की जा रही थी कि घरेलु टीम को फायदा पहुंचाने के लिए केपटाउन की पिच पर जबरदस्त उछाल और तेजी देखने को मिलेगी लेकिन वहां की हालिया स्थिति देख ऐसा नहीं लग रहा है कि केपटाउन की न्यूलैंड्स की पिच पर इतना ज्यादा उछाल दिखेगा। दरअसल केपटाउन में कई सालों से सुखा चल रहा है और इसी कारण से वहां के लोगों के लिए भी हर दिन 87 लीटर पानी नहीं दिया जा रही है ऐसे में पिच पर पानी नहीं देने के कारण पिच में उछाल के हालात को बना पाना मुश्किल माना जा रहा है।
पिछले हफ्ते दो बार ही दे सके पिच पर पानी
केपटाउन के न्यूलैंड्स की पिच को लेकर मैदानकर्मी इवान फ्लिंट ने क्रिकइंफो से बात करते हुए कहा कि “चीजें पेचिदा हो सकती है। पिच पर हम आमतौर पर हर दिन बोरहोल सप्लाई से पानी दे रहे हैं लेकिन आउटफील्ड पर हमने एक हफ्ते में केवल दो बार ही पानी दिया है। इसी कारण से ये थोड़ी सूखी होगी और उतनी ही हरी नहीं होगी जितनी हम इसे देखना चाहते थे।”
विकेट पर घास छोड़ने पर नहीं है सुनिश्चित
इसके साथ ही आगे फ्लिंट ने कहा कि “चुनौती ये है कि हमें घास विकेट पर छोड़नी पड़ेगी, तो जो पतली घास है जिससे कि इसमें तेजी रहे लेकिन हम ये सुनिश्चिच करना चाहते हैं कि गेंद इतनी ग्रिप और टर्न नहीं करे।आदर्श रूप में हमें सुबह में थोड़ी बारिश की जरूरत है और फिर दोपहर में धूप की। मुझे नहीं पता कि हमें इसे मिलने में कितने दिन लगेंगे।”