भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज़, वीरेंद्र सहवाग ने भारतीय एकदिवसीय और टी-ट्वेंटी टीम के कप्तान धोनी और उनकी कप्तानी के बारे बहुत कुछ कहा हैं. वीरू ने कहा, विश्वकप 2019 तक धोनी को कप्तान बना रहना चाहिए.
सहवाग ने एक टीवी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा
“धोनी को अगले विश्वकप तक कप्तानी जारी रखनी चाहिए, अगर वह ऐसा करते है तो, वह एक अच्छी विश्वकप टीम पीछे छोड़ सकते हैं”.
आगे वीरू ने कहा
“अगर वो संन्यास लेते हैं, तो लोगो को सोचना होगा कि किसे नंबर 5, 6 और 7 पर बल्लेबाजी करनी चाहिए?. नंबर 5,6 और 7 नंबर की पोजीशन पूरी तरह से खाली होगी, आप और किसी खिलाड़ी से उम्मीद नहीं कर सकते है, कि वे अच्छे से मैच को फिनिश कर सकता है”
50 ओवर के विश्वकप के दौरान धोनी 38 वर्ष के हो चुके होगे, लेकिन सहवाग ने धोनी के बारे में यह कहकर उनका बचाव किया है, कि टीम की हार के लिए सिर्फ कप्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता हैं. हाल में भारतीय टीम बांग्लादेश और दक्षिण-अफ्रीका से घरेलु एकदिवसीय और टी-ट्वेंटी सीरीज हारी थी.
वीरू ने कहा
“हम टीम की वजह से हारे, कप्तान की वजह से नहीं, क्योंकि ना तो हमारे बल्लेबाजों और ना ही गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया. कब तक धोनी अकेले टीम को मैच जीताते रहेगे?”
सहवाग ने विश्वकप 2011 की जीत का श्रेय टीम को दिया ना कि एक अकेले खिलाड़ी को, वीरू ने कहा
“यहाँ बैठे लोग मुझसे पुछ रहे है, कि मेरा धोनी के उपर दिया गया बयान सही था या गलत? मेरा बयान गलत नहीं था, मेरा बयान गलत तरह से पेश किया गया. मैंने धोनी पर ताना नही मारा था. मैंने ये कहा था, कि विश्वकप जीत का श्रेय अकेले धोनी को नहीं बल्कि पूरी टीम को मिलना चाहिए”.
कप्तानी स्किल पर बात करते हुए सहवाग ने कहा, कि
“इसमें कोई शक नहीं, अगर आप रिकॉर्ड की बात करे, तो धोनी आजतक के सबसे सफल भारतीय कप्तान हैं. गांगुली को पछाड़ते हुए, टेस्ट में टीम को नम्बर 1 टीम बनाया, एकदिवसीय और टी–ट्वेंटी दोनों विश्वकप जीते. यह कोई नाकार नहीं सकता, लेकिन इन सबका श्रेय सिर्फ एक खिलाड़ी को देना सही नहीं हैं. विश्वकप जीतने का श्रेय बाकि खिलाड़ियों को भी मिलना चाहिए”
अपने बयान का बचाव करते हुए सहवाग ने कहा
“मैंने पहले मैच में 175 रन बनायें, और धोनी ने अंतिम मैच में 92 रन बनायें. इस दौरान मैं 2-3 मैचो में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया और धोनी एक भी मैच मे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए. गौतम गंभीर ने रन बनायें, युवराज सिंह ‘मैन ऑफ़ द सीरीज’ रहे. और अगर कल कोई कहे, कि युवराज सिंह की वजह से विश्वकप जीते, तो आप सब इस बात से सहमत होगे?”