इंग्लैंड के बल्लेबाज़ केविन पीटरसन अपनी तूफानी बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते है. उन्होंने सबसे ज़्यादा सुर्खिया 2005-06 में बटौरी थी जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों के विरुद्ध रन बनाये थे और इंग्लैंड को एशेज जिताने में एक अहम भूमिका निभाई थी.
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हाल ही में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने एक टीम को बांग्लादेश भेजा था सुरक्षा जांच का जायेज़ा लेने. और उन्होंने यह साफ़ कर दिया कि सुरक्षा के इन्तजाम पुख्ता हैं, और इंग्लैंड की टीम बांग्लादेश के दौरे पर आएगी.
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लेकिन इस पर केविन पीटरसन का कहना है, कि
“बांग्लादेश इस समय एक ऐसी जगह है जहाँ, मैं अगले छह हफ़्तों के लिए नहीं जाना चाहूँगा.” ESPNCRICINFO को दिए एक इंटरव्यू में पीटरसन ने बताया.
पीटरसन ने आगे कहा कि शायद नई एकदिवसीय टीम को वहा जाने में कोई समस्या ना हो लेकिन अनुभवी टेस्ट टीम को ज़रूर होगी. जो खिलाड़ी उम्र में बड़े है उनके पास परिवार और बच्चों की भी ज़िम्मेदारी है और शायद इसलिए वो सभी इस समय बांग्लादेश का दौरा नहीं करना चाहेंगे.
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एलेस्टर कुक के लिए यह निर्णय लेना बेहद ही मुश्किल होगा कि क्या वो इस दौरे पर जाना चाहेंगे या नहीं जाना चाहेंगे. लेकिन अगर सभी खिलाड़ी जा रहे हो तो आप ऐसे किसी दौरे से नाम वापस नहीं ले सकते.
पीटरसन 2008 में इंग्लैंड टीम के कप्तान थे जब भारतीय दौरे के दौरान टीम दौरा बीच में छोड़ कर वापस चली गयी थी, उस दौरे को याद करते हुए पीटरसन ने लंदन के एक अख़बार ‘डेली मेल’ को दिए इंटरव्यू में कहा कि
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“भारत का दौरा उस समय तनावपूर्ण और डरावना था. मैं यही सोचता हूं की काश में उस टीम का कप्तान ना होता, क्योंकि एक ऐसी टीम की कप्तानी करना जिसमे कई खिलाड़ी ऐसे हो जिनके बच्चे और परिवार हो बहुत ही मुश्किल होता है.”
“टीम के कुछ खिलाड़ी ऐसे थे जो भारत वापस जाना चाहते थे और कुछ खिलाड़ी ऐसे थे जो भारत वापस नहीं जाना चाहते थे, लेकिन कुछ रिश्ते होते है दो देशों और उनके बोर्ड्स के बीच जिन्हें आप ख़राब नहीं करना चाहते, और बीसीसीआई और ईसीबी के रिश्ते भी कुछ उसी तरह है, जिसकी वजह से आप चाह कर भी दौरे से नाम वापस नहीं ले सकते.आप किसी भी कीमत पर बीसीसीआई को नाराज़ नहीं करना चाहेंगें और मैं अभी भी सोचता हूं कि मैं उस समय कप्तान ना होता तो बेहतर रहता.”