भारतीय टीम के टेस्ट कप्तान चले क्रिकेट के दुसरे भगवन बनने की राह पर 1

भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली मौजूदा समय में दुनिया के सबसे सफ़ल बल्लेबाज़ है, जिस कारण क्रिकेट फैन्स उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर से करते रहते हैं. कोहली ने लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए इस तुलना को सही भी ठहराया हैं.

मुंबई के वानखेड़े में खेले गए सीरीज के चौथे टेस्ट के दौरान जब भारतीय बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा आउट होकर पवेलियन लौट रहे थे, वही दूसरी ओर स्टेडियम “Koh-liiii! Kohli!” से गूंझ रहा था. कोहली की इस तरह की बढती लोकप्रियता को देखते हुए कुछ क्रिकेट विशेषज्ञ कहने लगे है, कि कोहली सचिन की राह पर चल दिए हैं.

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वर्ष 2013 में मुंबई के वानखेड़े मैदान से सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा और उसके बाद पहली बार कोई टेस्ट मैच खेला गया, इसमें दर्शकों ने सचिन की तरह ही विराट कोहली का अभिनंदन किया. विराट कोहली ने भी दर्शकों को निराश नहीं किया और शानदार 235 रनों की पारी खेली.

मुंबई में 235 रनों के साथ भारतीय कप्तान कोहली ने वर्ष 2016 में टेस्ट क्रिकेट में 1000+ रन पुरे किये. वर्ष 2011 के बाद यह पहला मौका है जब किसी भारतीय बल्लेबाज़ ने एक कैलेंडर वर्ष में 1000+ टेस्ट रन पुरे किये हैं. वर्ष 2011 में राहुल द्रविड़ ने सर्वाधिक 1145 रन बनायें थे, जिस दौरान द्रविड़ ने 5 शतक भी लगायें थे.

टेस्ट क्रिकेट में शानदार फॉर्म के बाद कोहली ने पहली बार टेस्ट क्रिकेट में 50+ की औसत को छुया है, इसके साथ विराट कोहली विश्व के पहले बल्लेबाज़ भी बन गए है, जिसके नाम क्रिकेट के तीनो फॉर्मेट में 50+ से अधिक की औसत से रन बनाने के रिकॉर्ड हैं.

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विराट कोहली मौजूदा समय में सचिन के रिकार्ड्स से बहुत पीछे है, लेकिन वह जिस तेज गति से रन बना रहे है, ऐसे में उन्हें नया सचिन कहना गलत नहीं होगा. विराट ने अपने 8 वर्षो के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर के दौरान 41 शतक लगाये हैं. जबकि सचिन तेंदुलकर ने 24 वर्षो के करियर के दौरान 100 शतक सहित 34000+ से अधिक रन बनायें थे.

सचिन की ही तरह कोहली के पास शानदार तकनीक है, जिसकी मदद से वह स्पिन और तेज दोनों गेंदबाज़ो को एक सामान खेलते हैं.

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सचिन के तरह विराट कोहली अपनी शानदार बल्लेबाज़ी के कारण बड़े ब्रांड और युवाओ के चाहिते बन गए है. भारत के बड़े ब्रांड में कोहली को अपने साथ जोड़ने की होड़ लगी हुई हैं.

इंग्लैंड सेटबैक

कुछ वर्षो पहले सब कुछ ऐसा नहीं था..

कोहली ने 19 वर्ष की उम्र में एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण किया और 3 वर्षो बाद पहला टेस्ट मैच खेला. जबसे कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में 15 और एकदिवसीय क्रिकेट में 26 शतक लगाये हैं.

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इस सीरीज से पहले कोहली ने नाम 13 टेस्ट शतक थे, जिस दौरान इंग्लैंड के विरुद्ध कोहली ने वर्ष 2012 में नागपुर के मैदान पर एकलौता शतक लगाया था.

वर्ष 2014 इंग्लैंड में हुई 5 टेस्ट मैचो की सीरीज में विराट कोहली ने महज 13.4 की औसत से 139 रन बनाये थे, जिस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर सिर्फ 39 रन रहा था.

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मौजूदा सीरीज शुरू होने पहले कोहली ने कहा,

“वर्ष 2014 की सीरीज के बाद मुझे महसूस हुआ कि मुझे मेरे खेल में सुधार की जरुरत है और मैं इसके लिए इंग्लैंड का बहुत आभारी हूँ.”

“वास्तव मैं तब से मेरे खेल में बहुत सुधार आया हैं.”

इंग्लैंड में नाकाम होने के बाद विराट कोहली ने सचिन तेंदुलकर की मदद ली थी. जिसके बाद विराट कोहली की तकनीक में बेहद सुधार देखने को मिला था.

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सचिन तेंदुलकर की सलाह के बाद कोहली को बहुत फ़ायदा हुआ, जिसका असर उनके प्रदर्शन में साफ़ देखा जा सकता हैं. मौजूदा सीरीज में कोहली ने 4 टेस्ट मैचो में 128 की औसत से 640 रन बनाये हैं.

कप्तानी

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एक बिंदु ऐसा है, जिसमे कोहली सचिन के बेहद अलग है, वो है कप्तानी में सफ़लता. युवा बल्लेबाज़ कोहली ने कप्तानी की जिम्मेदारी में भी शानदार बल्लेबाज़ी को कायम रखा है और टीम को कई ऐतिहासिक जीत दिलाई हैं.

वर्ष 2014 के अंत में एमएस धोनी के संन्यास के दौरान विराट कोहली की बल्लेबाज़ी औसत 41 थी, जोकि उनके कप्तान बनने के बाद 50+ से अधिक हो गई हैं. कोहली ने अपनी कप्तानी के दौरान 65.5 की शानदार औसत से रन बनाये हैं.

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वर्ष 2014 में ख़राब सपने की तरह रही टेस्ट सीरीज के बाद कोहली ने अगली टेस्ट सीरीज में ही शानदार प्रदर्शन किया है, जोकि तारीफ़ के काबिल हैं.

कोहली ने मुंबई टेस्ट जीत के बाद कहा, “यक़ीनन यह जीत पिछले 14-15 महीनो में सबसे अच्छी जीत हैं.”

“इससे अच्छा नहीं हो सकता, वानखेड़े में हम 3-0 से जीते हैं. इंग्लैंड के बेहद मजबूत टेस्ट टीम में ऐसे में 3-0 से बड़ी जीत से मैं अच्छा महसूस कर रहा हूँ.”

Gautam

I am Gautam Kumar a Cricket Adict, Always Willing to Write Cricket Article. Virat and Rohit are My Favourite Indian Player.