एशिया कप फाइनल से पहले बांग्लादेश के कप्तान मशरफे मुर्तजा ने संकेत दिए है, कि टी-20 विश्वकप उनका आखिरी विश्वकप हो सकता है, इस बंगलादेशी कप्तान ने कहा, अगर वह फिट रहे, तो 2016 तक खेलते रहेंगे.
जब इस बंगलादेशी कप्तान से पूछा गया, कि क्या उन्होंने 2017 में आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी या 2018 में विश्व टी20 में खेलने को अपना लक्ष्य बनाया हैं तो उन्होंने कहा कि वह अब लंबे समय तक टीम में नहीं बने रहना चाहते हैं. इस दिग्गज खिलाड़ी ने फाइनल से पहले अभ्यास सत्र के बाद कहा, कि-
‘‘मैं ऐसा नहीं मानता. एक बात पक्की है कि मैं लंबे समय तक नहीं खेलूंगा. खुदा का शुक्र रहा और यदि मैं फिट रहा तो 2016 के पूरे साल खेलना चाहूंगा. इसके बाद मुझे नहीं लगता कि लंबे समय तक कोई बड़ी वैश्विक प्रतियोगिता है. ’’
इस 32 वर्षीय खिलाड़ी ने आगे बात करते हुए कहा, कि-
“बहुत छोटी उम्र से मैं एक सहज प्रवृति का इंसान रहा हूं. मैं वर्तमान में जीता हूं. हां जब भी मैं कोई बड़ा फैसला करूंगा तो मेरे परिवार से पहले मेरी टीम के साथियों को उसका पता चलेगा क्योंकि वह क्रिकेट से जुड़ा फैसला होगा. जब भी मैं कोई बड़ा फैसला करूं तो यह सुनिश्चित करना चाहूंगा कि वह सभी के अनुकूल हो. ’’
वर्तमान समय में मुर्तजा सिर्फ अकेले ऐसे खिलाड़ी है, जो बांग्लादेश की तरफ से पिछले 15 सालो से क्रिकेट खेल रहे है, वर्तमान टीम में वो सबसे सीनियर और अनुभवी खिलाड़ी है, साथ ही उनके बाद के सीनियर खिलाड़ी शाकिब अल हसन, तमीम इकबाल और मुशफिकर रहीम से उनके अच्छे संबंध हैं.
मुर्तजा ने कहा:
‘‘अब वे अपनी जिम्मेदारी समझते हैं. यहां तक कि यदि वे लगातार दस मैच में हार भी जाते हैं तब भी उनका इरादा बांग्लादेश को जीत दिलाना होता है. हम ऐसे खिलाड़ी को टीम में बनाये रखते हैं. ’’
इसके साथ ही इस 32 वर्षीय कप्तान ने बांग्लादेशी प्रसंशको से अपील किया, कि वो एशिया कप में होने वाले भारत-बांग्लादेश मैच को एक जंग के रूप में न ले, इसे एक मैच की तरह ही ले, उन्होंने कहा:
‘‘असल में भावनाओं का अनुमान लगाना मुश्किल होता है लेकिन एक क्रिकेट मैच निश्चित तौर पर जंग नहीं है. किसी को भी यह पता होना चाहिए कि मैच के बाद सभी खिलाड़ी एक ही होटल में ठहरते हैं, एक दूसरे से बात और हंसी मजाक करते हैं. इसलिए मुझे निजी तौर पर क्रिकेट की तुलना जंग से करना पसंद नहीं है. भारतीय टीम में युवराज मेरा करीबी मित्र है. मेरे हरभजन के साथ भी अच्छे रिश्ते हैं. ’’