स्वास्थ्य खेल के किसी भी रूप में महत्वपूर्ण है. एक खिलाड़ी को चाहे वह कोई भी खेल खेलता हो उसे सामान्य व्यक्ति की तुलना में अधिक फिट रहने की जरुरत होती है. पहले के दौर में खेल में फिटनेस को इतनी तवज्जो नहीं दी जाती थी. लेकिन आज वक्त बदल चुका है और खिलाड़ी अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देते हैं और अच्छा व पौष्टिक खाना लेते हैं . हालाँकि कुछ खिलाड़ियों का अपना ही मापदंड है. स्वास्थ्य सेहत में , ख़राब खानपान , अनुचित प्रशिक्षण व आलसीपन बाधा डालते हैं.
यह हम लेकर आये हैं सभी समय के शीर्ष 7 आलसी खिलाड़ियों की सूची :
इंज़माम उल हक़ –
एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैचों में पाकिस्तान के लिए अग्रणी रन बनाने वाले और पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम अपनी प्रतिभा के अलावा अन्य चीज़ों की वजह से भी लोकप्रिय रहे. उनमे से एक कारण उनका अधिक वजन और आलसी होना था. वे एक बेहतर फील्डर नहीं थे.
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वे विकेट के बीच में दौड़कर रन लेने में असमर्थ रहते थे और जल्द ही ज्यादातर इसी कारण आउट होते थे. इंजमाम 40 बार रन आउट हुए जो, कि क्रिकेट के इतिहास में दूसरा रिकॉर्ड है.
क्रिस गेल
वेस्ट इंडीज का ये खिलाड़ी बढ़िया बल्लेबाज़ तो है लेकिन सुस्तपने के चलते वह एक या दो रन लेने में आलास करता है. क्रिस का मानना है, कि विकेट के बीच में दौड़कर ऊर्जा बेकार करने वाली बात है. इन्होने अपने करियर के आधे मैच तो पूरी तरह तंदरुस्त व फिट न होते हुए ही खेले हैं.
मुनाफ पटेल
बड़ोदा का जन्मा यह भारतीय तेज़ गेंदबाज अपने आलसी और निष्क्रिय फील्डिंग के कारण खबरों में बना. गंभीर चोटें लगने के बाद मुनाफ की फील्डिंग में और बाधा होने लगी और उसकी गति धीमी पड़ने लगी.
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साधारण फील्डिंग और प्रयास की कमी के कारण भी मुनाफ का क्रिकेट करियर मंद रहा.
मोहम्मद इरफ़ान
पाकिस्तान का दुबला तेज़ गेंदबाज फील्डिंग के क्षेत्र में लोगों का पसंदीदा रहा. इरफ़ान को लेकर गेंद को उठाने के लिए झुकने या कूदने के बारे में तो भूल ही जाओ. इरफ़ान की लम्बी टांगों ने भी इस काम को आसान नहीं किया. क्रिकेट जगत में इस खिलाड़ी के आलसीपन व सुस्त फील्डिंग कि वजह से उपहास भी हुआ.
नासिर जमशेद
आंकड़ों का आंकलन करने वाले नासिर की तुलना में अधिक कैच छोड़ने वाले किसी अन्य खिलाड़ी को खोजने का संघर्ष कर रहे हैं. खिलाड़ी की सिर्फ फील्डिंग ही नहीं विकेट के बीच दौड़ कर रन लेने में भी कमी है. पाकिस्तान क्रिकेट में सबसे ख़राब फील्डिंग के लिए बिना किसी शक के नासिर, इरफ़ान को टक्कर देता है.
ड्वेन लेवेरॉक
ड्वेन का उपनाम स्लग्गो है. यह खिलाड़ी क्रिकेट की पिच पर कदम रखने वाला सबसे भारी खिलाड़ी है. अपनी राष्ट्रिय टीम बरमूडा के लाइट यह ऑल राउंडर रहा है.
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जब 2007 में ICC विश्व कप हुआ था तब ड्वेन का वजन लगभग 280 पौंड था. इस खिलाड़ी ने कभी अपने स्वास्थ पर ध्यान नहीं दिया.
युसूफ पठान
क्रिकेट के मैदान पर यह भारतीय हरफनमौला सबसे बड़ी प्रेरक शक्ति नहीं है. वह एक एक रन लेने की बजाये ग्राउंड के बहार गेंद को हिट कर रन बनाने में यकीन करता था. अपनी सुस्त फील्डिंग और लगातार रन न दौड़ने के कारण युसूफ को टीम से बाहर नहीं.