भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विश्व विजेता चैंपियन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी मौजूदा समय में भले ही सभी के निशने पर बने हुए हो, लेकिन भारतीय क्रिकेट इतिहास में उनके बहुमूल्य योगदान को ठुकराया नहीं जा सकता. एक कप्तान, एक खिलाड़ी और एक विकेटकीपर पर तौर पर एमएस धोनी हर समय पर तीम्म इंडिया के लिए सबसे आगे खड़े रहे. यह धोनी पॉवर का नतीजा था, कि मौजूदा समय में टीम इंडिया सम्पूर्ण विश्व क्रिकेट पर अपना राज कर रही हैं.
महेंद्र सिंह धोनी को वनडे क्रिकेट में विश्व का सबसे बेस्ट फिनिशेर माना जाता हैं. इस बात में कोई शक भी नहीं हैं. धोनी ने अकेले अपने दम पर टीम इंडिया को ना जाने कितने ही मुकाबलें जीताये हैं. धोनी की पॉवर हिटिंग के तो खेल प्रेमी दिवाने हैं.
खोला अपनी ताकत का राज
डेथ ओवर में महेंद्र सिंह धोनी की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से सभी भलीभांति परिचित हैं. धोनी जब अपने असली रंग में होते हैं, तो विपक्षी टीम के गेंदबाज उनके सामने पानी भरते हुए दिखाई देते हैं. हाल में ही महेंद्र सिंह धोनी ने The Print से बात करते हुए अपनी पॉवर हिटिंग क्षमता के बारे में बात करते हुए कहा, कि
”जब मैं छोटा था, तब हम एक कॉलोनी में रहा करते थे. उस समय हम एक ही उम्र के दो से तीन लड़के हुआ करते थे और हम अपने से पांच और छह साल बड़े बच्चो के साथ खेला करते थे. मेरी पॉवर हिटिंग का यह भी एक कारण हो सकता हैं, क्योंकि मैं अपने से बड़ी उम्र के खिलाड़ियों के साथ काफी क्रिकेट खेला हूँ. इससे मुझे खेल को समझने की पूरी मद्द मिलती थी और ताकत के शॉट लगाने की छुट भी. उन लोगों के साथ क्रिकेट खेलने का मुझे बहुत फायदा मिला.”
सबसे यादगार क्रिकेटिंग पल
महेंद्र सिंह धोनी ने इस दौरान अपने सबसे यादगार क्रिकेटिंग पल के बारे में बात की. धोनी के अनुसार साल 2011 का विश्व कप जीतना उनके लिए बहुत ही ज्यादा स्पेशल था. 2011 के विश्व कप को याद करते हुए एमएस धोनी ने अपने बयान में कहा, कि
”साल 2011 में जब हम एकदिवसीय विश्व कप का फाइनल खेल रहे थे, तब सभी दर्शकों को इस बात का अंदाजा हो गया था, कि हम विश्व कप जीतने वाले हैं और तभी अंतिम के चार और पांच ओवरों से पहले वानखेड़े के मैदान पर मौजूद सभी दर्शक देशभक्ति और वंदेमातरम् के गाने जोर जोर से गाने लगे थे. ऐसा वातावरण मैंने पहली बार देखा था. वैसा ही लम्हा बार बार नहीं बनाया जा सकता, लेकिन मैं उम्मीद करता हूँ ऐसा एक बार फिर से होगा और मैं एक बार फिर से उस पल का एक गवाह बनूंगा.”