न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन और कोच माइक हैसन दोनो का भारतीय गेंदबाजों के लिए सामंजस्यता से एक ही मत है। दोनों ही यह मानते हैं कि बल्लेबाजों के लिए रविचंद्रन अश्विन का सामना करना करना थोड़ा मुश्किल होगा। जबकि उनके अपने स्पिनरों को कूकाबुरा गेंद से एसजी टेस्ट में खेलने के लिए जल्दी से अनुकूलित होना सीखना होगा। विलियमसन कहते हैं कि उन्हें इस बात से कोई गुरेज नहीं है कि स्पिन गेंदबाजों का मैच के दौरान अहम भूमिका निभानी होगी।
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पिछली श्रृंखला की बात की जाये तो स्पिन गेंदबाजों की बड़ी भूमिका देखी गयी। बल्लेबाजों को स्पिन गेंद खेलने में काफी मुश्किल हुई। इसमें कोई शक नहीं है कि यह कठिनाइयों से भरा नहीं होगा। हमारी टीम में भी तीन बहुत अच्छे स्पिनर शामिल हैं। भारतीय टीम के साथ खेलना टेड़ी खीर साबित होने वाला है। विलियमसन ने कहा, लेकिन एक टीम के रूप में हम बहुत ही उत्साहित हैं उनका सामना करने के लिए।
कोच हैसन ने कहा कि उप-महाद्वीप की स्पिन अनुकूल पिच पर बल्लेबाजों को गेंद का सामना करने में काफी मुश्किल होगी। हमने बुलावायो में काफी समय बिताया है। यह प्रमुख श्रृंखला स्पिन गेंदबाजों पर ही निर्भर है। यहां विकेट धीमी गति से मिलते हैं और अब देखना यह होगा कि हमें भारत में क्या देखने को मिलता है। भारत के साथ उनकी अपनी सरजमी पर खेलना काफी मुश्किल होगा।
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हैसन को उम्मीद है कि मिशेल स्टेनर और ईश सोढ़ी की तरह न्यूजीलैंड के स्पिनरों को भी ‘कूकाबुरा’ गेंद से एसजी टेस्ट खेलने में सक्षम होना होगा। कोच हैसन का कहना है कि वह टीम के गेंदबाजों में परिवर्तन कर रहे हैं। हमारे गेंदबाज अभी नये हैं और उपमहाद्वीप के गेंदबाजों की तरह गेंदबाजी करने के लिए उन्हें गेंद को समझना और परखना होगा। साथ ही उन्होंने कहा भारतीय स्पिनर गेंदबाजों को खेलना किवी बल्लेबाजों के लिए टेढ़ी खीर जैसा साबित होगा लेकिन उनकी टीम अपना बेहतर प्रदर्शन देन का प्रयास करेगी।