28 साल कें बाद पहली बार विश्वकप कें फाइनल में कोई भी एशियाई टीम नहीं पहुंची. आखिरी बार 1987 में कोई भी एशियाई टीम फाइनल में नहीं पहुंची थी. इस बार चार एशियाई टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी, लेकिन सिर्फ भारत ही सेमीफाइनल में पहुंच पाया.भारत को कल सेमीफाइनल में आँस्ट्रेलिया सें हार झेलनी पडी और उनका सफर यहीं समाप्त हुआ.
1992 सें अब तक हर बार एशियाई टीम फाइनल में पहुंचती थी, लेकिन इस बार वैसा नहीं हो पाया.
1992 विश्वकप: (आँस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में):
यें पहला विश्वकप था जों रंगीन कपडों में खेला गया. और इमरान खान की कप्तानी में पाकिस्तान नें इंग्लैंड को फाइनल में हराकर यें विश्वकप जीता.
1996 विश्वकप: (भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका में):
इस विश्वकप में क्रिकेट विश्व कों नयें स्टार दियें, और सबको चौकातें हुयें श्रीलंका नें यें विश्वकप जीता, इसकें बाद सें श्रीलंका क्रिकेट में शानदार टीम बनीं हुई है.
1999 विश्वकप: (इंग्लैंड में):
यें विश्वकप इंग्लैंड में खेला गया था, और यें विश्वकप आँस्ट्रेलिया नें जीता, भारत और श्रीलंका नें निराशाजनक खेल खेला, लेकिन पाकिस्तान फाइनल में पहुंचने में कामयाब रहीं.
2003 विश्वकप: (दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाम्बे, और केन्या में):
इस विश्वकप में केन्या सबको चौकातें हुए सेमीफाइनल तक पहुंची थी, लेकिन आँस्ट्रेलिया एक बार फिर चैम्पियन बनी. भारत फाइनल में पहुंचा था, लेकिन आँस्ट्रेलिया को हरा नहीं पाया.
2007 विश्वकप: (वेस्टइंडीज में):
भारत और पाकिस्तान कें लिए यें विश्वकप किसी बुरें सपनें जैसा था, दोनो टीमें पहले ही दौर सें बाहर हुई थी, लेकिन श्रीलंका फाइनल में पहुंची थी, जहां उसें आँस्ट्रेलिया सें हार मिली.
2011 विश्वकप: (भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश में):
यें विश्वकप एशियाई टीमों कें लिए शानदार रहा था, पहली बार फाइनल में दोनो ही एशियाई टीम पहुंची थी, जहां भारत नें श्रीलंका को हराकर विश्वकप जीता था.