जावेद मियादाद के अनुसार 14 फरवरी से 29 मार्च के बिच ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में आयोजित होने वाले विश्वकप 2015 में पाकिस्तान को ओपनर सरफराज की जगह पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी से पारी की शुरुआत करानी चाहिए, मियादाद का मानना है, कि सरफराज से पारी की शुरुआत कराने से पाकिस्तान को काफी नुकसान हुआ है.
पाकिस्तानी चयनकर्ताओ ने अभी हाल ही में मोहम्मद हाफिज और अहमद सहजाद से पारी की शुरुआत करावाना शुरू किया, लेकिन मियादाद का मानना है, कि इससे पाकिस्तान टीम बड़े लक्ष्य का पीछा करने में असफल रही है, और यही कारण है, कि अभी हाल ही में UAE में उन्हें न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा.
मियादाद का मानना है, कि अफरीदी तेज खेलने वाले बल्लेबाज है, और अगर उनसे विश्वकप में पारी की शुरुआत करायी जाती है, तो इससे वो शुरू के 10 ओवर में मिलने वाले पॉवरप्ले का पूरा फायदा उठा सकते है. और पाकिस्तान के लिए ज्यादा रन स्कोर कर सकते है, जिससे बाद में बल्लेबाजी के लिए आने वाले बल्लेबाजो को काफी फायदा होगा और वो लम्बी पारी खेल सकते है.
इससे पहले पाकिस्तान गेंदबाजी में भी कमजोर हो गयी है, क्यूंकि सईद अजमल और मोहम्मद हाफिज को आईसीसी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में गेंदबाजी करने से मना कर दिया है, ऐसे में हाफिज को एक बल्लेबाज के रूप में विश्वकप टीम में शामिल किया गया है, जबकि अजमल ने इस सूचि से अपना नाम वापस ले लिया था, और अभी भारत के चेन्नई में स्थित लैब में परिक्षण के लिए आये हुए है.
खबरों के मुताबिक पाकिस्तानी तेज गेंदबाज उमर गुल अभी विश्वकप के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है, तो ऐसे में बल्लेबाजो को एक बड़ा लक्ष्य बनाना होगा साथ ही बड़े लक्ष्य का पीछा करने के लिए तैयार रहना चाहियें, पाकिस्तान ने 5 गेंदबाजो को टीम में शामिल किया है, साथ ही नये खिलाड़ी हैरिश सोहेल को टीम में शामिल किया है, जो बाये हाथ के बल्लेबाज के साथ बाये हाथ के स्पिनर गेंदबाज है. और पाकिस्तान टीम को उनसे खासी उम्मीदे है.
पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी का पूरा जिम्मा जुनैद खान, एहशान आदिल और वहाब रियाज़ के कन्धो पर है, जबकि पाकिस्तानी तेज गेंदबाज जुनैद खान अभी चोटिल है, और उनके विश्वकप में खेलने को लेकर काफी संशय है. पिछले कुछ दिनों से अनुभवी बल्लेबाज उमर अकमल ने बल्ले से कोई खास प्रभाव नहीं दिखाया है, और शोयब मकसूद भी अभी हाल ही में चोटों से उभर कर आ रहे है, ऐसे में शाहिद अफरीदी से पारी की शुरुआत कराने का फैसला सही साबित हो सकता है.
पूर्व खिलाडियों का मानना है, कि पाकिस्तान को मिलकर संयुक्त रूप से खेलना चाहियें, क्यूंकि यहाँ की पीचे तेज गेंदबाजो को ज्यादा सपोर्ट करती है, ऐसे में जीत का जिम्मा पूरी तरह से बल्लेबाजो के कंधो पर है, टीम की जीत पूरी तरह से उनके प्रदर्शन पर निर्भर करती है. अब देखना है, कि पाकिस्तान की यह टीम मिस्बाह-उल-हक की अगुवाई में फिर से 1992 के इतिहास को दोहराती है या कुछ और होता है.