हार जीत के इस खेल में कुछ कहा नहीं जा सकता कई बार खिलाडियों के बढ़िया प्रदर्शन के बावजूद भी टीम को हार का मुँह देखना पड़ता है . जायज़ है इस हालात से खिलाडियों को दुःख तो पहुँचता ही होगा. ख़ैर , ये भी खेल का एक पहलु ही है.
यहाँ हम बात करेंगे ऐसे ही कुछ खिलाडियों की जिन्होंने अपनी ओर से बढ़िया प्रदर्शन किया , सर्वोच्च रन बनाये लेकिन फिर भी टीम के हाथ हार ही लगी.
194 * चार्ल्स कोवेंट्री बनाम बांग्लादेश
2009 में बांग्लादेश के खिलाफ खेलते हुए ज़िम्बाब्वे ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 312 रन बनाये. जिसमे कि चार्ल्स ने 156 गेंदों पर 16 चौकों व् 7 छक्कों के साथ कुल 194 रनों का योगदान दिया लेकिन ज़िम्बाब्वे की ख़राब गेंदबाज़ी की वजह से बांग्लादेश 4 विकेट से ये मैच जीत गया.
181 * मैथ्यू हेडन बनाम न्यूज़ीलैंड
2007 में चैपल हेडली ट्रॉफी मैच के दौरान हेडन ने 166 गेंदों पर 11 चौकों व् 10 छक्कों की मदद से कुल 181 रन बटोरे ओर ऑस्ट्रेलिया की टीम ने कुल 346 का स्कोर खड़ा किया. जिसके बाद न्यूज़ीलैंड ने बढ़िया बल्लेबाज़ी करते हुए 1 विकेट से मैच जीत लिया .
175 , सचिन तेंदुलकर बनाम ऑस्ट्रेलिया
आज भी भारतीय टीम के प्रशंसकों के लिए ये मैच दुखद एहसास दे जाता है जिसमे कि सचिन ने बढ़िया प्रदर्शन करते हुए 175 रन पर आउट हो गए. ओर टीम को हार का सामना करना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया ने 350 रनों का लक्षय रखा था जिसे कि भारत सही तरीके से पूरा करता दिख रहा था लेकिन अंत में मात्र 3 रनों से भारत ये मैच गवां बैठा.
167 * रोबिन स्मिथ बनाम ऑस्ट्रेलिया
1993 में इंग्लैंड के लिए खेलते हुए रोबिन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 163 गेंदों पर 167 रन बनाये थे, इंग्लैंड को जीतने के लिए 277 रन बनाने थे लेकिन वह यह लक्ष्य पूरा करने में असमर्थ रहा ओर मैच में जीत ऑस्ट्रेलिया की हुई.
164 रिक्की पोंटिंग बनाम दक्षिण अफ्रीका
खेल के इतिहास में ये भी एक बढ़िया मैच रहा जहाँ ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 434 रनों का एक बड़ा स्कोर बनाया ओर दक्षिण अफ्रीका ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 438 रन बना डाले . वाकई लाजवाब बल्लेबाज़ी की! इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिक्की पोंटिंग ने 164 रनों का सहयोग दिया था लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी.