भारतीय टीम के बढ़त के बाद भी मुरली विजय की इस हरकत से दुखी है पूर्व टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री 1

मुरली विजय का घरेलू टेस्ट मैचों में लगातार अच्छा प्रदर्शन रहा है। ये क्रिज पर पहुंचते ही संतुलित हो जाते हैं और बहुत ही धैर्य के साथ बल्लेबाजी करते हैं। वो बल्लेबाजी की सभी तकनीकों को करीब से जानते हैं और उनका सही वक्त पर इस्तेमाल भी करते हैं।  चैंपियंस ट्रॉफी के लिए खुद को तैयार कर रहा हूँ : ग्लेन मैक्सवेल

इन सभी बातों का जिक्र भारतीय टीम के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री ने स्टार स्पोर्ट से बात करते हुए किया। उन्होंने कहा, ”विजय गेंद को काफी करीब से समझते हैं और इसके बाद तय करते हैं कि किस तरह खेलना है। ये ओपनिंग के लिए बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं। स्पिन गेंदों को कैसे खेलना है, यह अच्छी तरह जानते हैं। ये हर परिस्थिति में रन बना लेते हैं। बल्लेबाजी के दौरान मानसिक रूप से काफी मजबूत भी रहते हैं।” 

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विजय ने 2008 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में पदार्पण किया था। इन्होंने अब तक कई पारियों में अपनी धमाकेदारी बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया है। शास्त्री ने विजय के आस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रदर्शन के बारे में कहा, ”विजय ने पहली पारी में 82 रन बनाकर एक बार फिर अपनी काबिलियत साबित की है। वो पहले टेस्ट मैच के दौरान चोटिल हो गए थे। लिहाजा दूसरा टेस्ट मैच नहीं खेल पाए थे, हालांकि उन्होंने रांची टेस्ट मैच में शानदार वापसी की है।”  भारत के कप्तान कोहली के बीती बातें भूलने वाले बयान पर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्मिथ ने दिया चौकानें वाला बयान

विजय के 50वें टेस्ट मैच के बारे में कहा, ”इन्हें मालूम है कि दबाव में किस तरह खेलना है। अपने कैरियर के 50वें टेस्ट मैच में वो शतक लगाकर खुद को बेहतरीन तोहफा दे सकते थे। विजय 1 अप्रैल को 33 साल के हो जायेंगे। लेकिन इनमें अभी भी बहुत मैच खेलने की क्षमता है। इनसे अपने तजुर्बे का बेहतर इस्तेमाल करना सीखा जा सकता है।”