बुधवार, 4 जनवरी को भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एकदिवसीय और टी ट्वेंटी क्रिकेट की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया. महेंद्र सिंह धोनी देश के सबसे सफल कप्तान हैं. धोनी की अगुवाई में ही भारतीय टीम ने एक नहीं, बल्कि दो दो विश्व कप जीते. यही नहीं टेस्ट क्रिकेट में धोनी की कप्तानी में ही भारतीय टीम सबसे पहले टेस्ट में बेस्ट, यानी टेस्ट रैंकिंग में नंबर- 1 बनी.
अब जब महेंद्र सिंह धोनी ने वनडे और टी ट्वेंटी की टीम के कप्तानी के पद से इस्तीफा दे दिया हैं, तो सभी के जहन में 2007 और 2011 के भारतीय क्रिकेट के सबसे यादगार और ऐतिहासिक पल यादों में उमड़ पड़े हैं.
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धोनी के कप्तानी छोड़ने के बाद तमाम भारतीय दिग्गज धोनी की कप्तानी में बिताये अपने सुनहरे पलों को याद कर रहे हैं. भारतीय टीम के तेज गेंदबाज़ रुद प्रताप सिंह भी महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी को याद करते हुए बहुत कुछ बोले.
आर.पी.सिंह ये वो ही नाम हैं, जिसनें भारतीय टीम को 2007 के टी ट्वेंटी विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट हासिल किया थे. आर.पी.सिंह ने ”द हिन्दू” को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा, कि
”धोनी हमेशा कहते थे, कि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैच में हम किस हालत में हैं. धोनी हमेशा कहते थे, कि बस मैच के खुद को मौकें देते रहो और चैलेंज को स्विकारों.”
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आर.पी.सिंह के अनुसार-
”धोनी भाई हमेशा ही मुझे किस तरह से गेंदबाज़ी करनी हैं, यह बताते रहते थे. धोनी हमेशा कहते थे, कि प्रत्येक मैच से सीखो.”
आर.पी.सिंह ने 2007 के विश्व कप को याद करते हुए कहा, कि
”2007 के टी ट्वेंटी विश्व कप को मैं कभी नहीं भूल सकता. उस विश्व कप की जीत ने भारतीय क्रिकेट में बहुत कुछ बदल दिया था. मुझे अभी भी दक्षिण अफ्रीका के साथ खेला गया मुकाबला याद हैं. सेमी फाइनल में पहुँचने के लिए हमें वह मैच जीताने बहुत जरुरी था. मैच जीतने के लिए हमे ज्यादा से ज्यादा डॉट बाल फेंकने की जरुरत थी और मैं अपने ऊपर काफी दबाव महसूस कर रहा था, लेकिन हमारे कप्तान धोनी एकदम रिलैक्स थे.”
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आर.पी.सिंह के अनुसार-
”हम यदि कोई मैच हार भी जाते थे, तब भी मीडिया को संबोधित करते हुए धोनी एक दम रिलैक्स दिखाई देते थे. धोनी की यही बात, उन्हें हमेशा ख़ास बनाती रही हैं. यही नहीं मैच जीतने के बाद भी धोनी मीडिया के सामने मैच के असली हीरो को क्रेडिट देने से भी कभी भी नहीं कतराते थे.”