'विश्व बाल दिवस' के मौके पर सचिन तेंदुलकर ने बच्चों को जीवन में सफलता पाने के लिए दे डाली ये खास सलाह 1

क्रिकेट की दुनिया में अनगिनत रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने बच्चों को अपने एक बयान से सफलता पाने के लिए एक बहुत अच्छी सिख दी है.

आपको बता दे, कि यूनिसेफ के ब्रांड एम्बेसडर सचिन ने यह बात यूनिसेफ द्वारा आयोजित आज ‘विश्व बाल दिवस’ के मौके पर कही है.

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सफलता पाने के लिए अनुशासित होना जरुरी

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क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने बच्चों को जीवन में सफलता पाने के लिए सिख देते हुए कहा है, कि अगर हमें अपने लक्ष्य को हासिल करना है तो सबसे पहले अनुशासित होना जरुरी है.

तेंदुलकर ने अपने बचपन का खुलासा भी किया उन्होंने बताया, कि वह बचपन में बहुत शरारती थे, लेकिन भारत की तरफ से खेलने का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने खुद को अनुशासित किया और बाद में काफी अनुशाशन में रहने लगे.

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तेंदुलकर ने बच्चों को जीवन में सफलता पाने की सिख देते हुए कहा, “अगर हमें अपने लक्ष्य को हासिल करना है, तो सबसे पहले अनुशासित होना जरुरी है.”

मैं जब छोटा था, तो बहुत शाररती था

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तेंदुलकर ने आगे अपने बयान में अपने बचपन को लेकर कहा, “मैं जब छोटा था, तो बहुत शाररती था, लेकिन जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया, तो अपना लक्ष्य तय कर दिया, कि मुझे भारत की तरफ से खेलना है. 

मैं अपने लक्ष्य से डिगा नहीं. मेरी शरारतें पीछे छुटती गई और आखिर में एक शरारती बच्चा लगातार अभ्यास से अनुशासित बन गया है.”

विश्वकप जीतना मेरे क्रिकेट करियर का सबसे बड़ा पल 

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सचिन ने आगे अपने बयान में कहा, “जिंदगी उतार-चढ़ावों से भरी है. मैं तब 16 साल का था. जब पाकिस्तान गया और इसके बाद 24 साल तक खेलता रहा. इस बीच मैंने काफी उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन मैं हमेशा अपने सपनों के पीछे भागता रहा.

मेरे क्रिकेट करियर का सबसे बड़ा पल 2011 में विश्वकप फाइनल में मिली जीत थी और इसके लिए मैंने 21 साल तक इंतेजार किया था.”

बच्चो के माता-पिता से भी किया यह आग्रह

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सचिन ने इस मौके पर बच्चों के माता-पिता से भी बच्चों पर दबाव ना बनाने का आग्रह किया और कहा, “मेरे पिताजी लेखक थे, लेकिन उन्होंने मुझे कभी भी लेखक बनने का दबाव नहीं बनाया. बच्चो को आजादी चाहिए. मुझे भी क्रिकेट खेलने की पूरी छूट मिली और तभी मैं अपना सपना सकार कर पाया. “

इस अवसर पर सचिन तेंदुलकर ने बच्चों के साथ एक पांच-पांच ओवर का क्रिकेट मैच भी खेला. सचिन तेंदुलकर की अगुवाई वाली टीम ने यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक जस्टिन फारसिथ की टीम को एक रन से इस मैच में हरा दिया था.

वीडियो ऑफ़ द डे

vineetarya

cricket is my first and last love, I know cricket only cricket, I love watching cricket because cricket is my passion and my passion is my work my favourite player Mike Hussey and Kl Rahul