भारतीय टीम इन दिनों श्रीलंका के दौरे पर है। यहां पर भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेल रही थी जिसमें भारत ने श्रीलंका को 3-0 से हरा दिया है। इस टेस्ट सीरीज के खत्म होने के साथ ही दोनों ही टीमों के बीच 20 अगस्त से पांच मैचों की वनडे सीरीज का आगाज होने जा रहा है। इस वनडे सीरीज को लेकर रविवार को भारतीय टीम का चयन हो गया है। इस वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम में जहां मनीष पांडे और लोकेश राहुल की वापसी हुई है वहीं युवराज सिंह को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
युवराज को लेकर सबा करीम ने दी अपनी प्रतिक्रिया
भारतीय वनडे टीम का इस सीरीज को लेकर जो चयन किया गया है उसमें भारतीय चयनकर्ताओ ने स्पिन जोड़ी रविचन्द्रन अश्विन और रविन्द्र जडेजा को आराम दिया है। वहीं इस साल की शुरूआत में सीमित ओवर की क्रिकेट में वापसी करने वाले टीम इंडिया के सिक्सर किंग युवराज सिंह को बाहर का रास्ता दिखा दिया। युवराज सिंह को टीम से बाहर करने को लेकर भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ता के पैनल में शामिल सबा करीम ने अपनी प्रतिक्रिया दी।
युवराज को फॉर्म नहीं फिटनेस के कारण किया बाहर
सबा करीम ने युवराज सिंह को टीम से बाहर निकालने को लेकर पीटीआई से एक खास बातचीत में माना कि युवराज को टीम से बाहर उनकी फॉर्म के कारण नहीं बल्कि उनकी फिटनेस के कारण निकाला गया है।
सबा करीम ने इसको लेकर कहा कि “युवराज सिंह एक फाइटर खिलाड़ी हैं। लेकिन मुझे लगता है कि 2019 के विश्वकप में खेलने के लिए उन्हें फिटनेस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है बजाय फॉर्म के। 20 ओवर की क्रिकेट और 50 ओवर की क्रिकेट में फिटनेस का अंतर होता है।”
मनीष पांडे को देने होंगे पर्याप्त मौके
इसके साथ ही सबा करीम ने टीम सेलेक्शन को लेकर आगे कहा कि “मनीष पांडे अच्छी प्रतिभा हैं, इसलिए उन्हें अपनी जगह को पुख्ता करने के लिए पर्याप्त मौके देना जरूरी है। इससे आगे युवराज के स्थान पर मनीष पांडे को शामिल करने को लेकर कहा कि वो हमारा पैनल ही था जिन्होनें युवराज सिंह को साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 में मौका दिया था। उस समय हम सिर्फ विश्व टी-20 और युवराज के अनुभव को ध्यान में रखे हुए थे, लेकिन अब चीजें अलग हैं । मुझे लगता है कि मनीष एक बेहतरीन प्रतिभा हैं और पर्याप्त मौके उन्हें मिलने चाहिए।”
विश्वकप को लेकर तैयार करनी है टीम
इसके साथ ही सबा करीम ने कहा कि “विश्वकप 2019 को अब डेढ़ साल ही रह गया है। इसलिए मुख्य टीम को लय में आने के लिए ज्यादा से ज्यादा खेलने की जरूरत है। विश्वकप के लिए हमारे पास डेढ़ साल से थोड़ा ज्यादा समय बचा है। ऐसे में कोर टीम को कम से कम 40 मैच खेलने की जरूरत है और मनीष पांडे ने इंडिया ए की कप्तानी के रूप में शानदार प्रदर्शन किया और मौजुदा टीम में भी सबसे अच्छे फील्डर हैं।”