क्रिकेट में हमने कई महान खिलाडी देखे, लेकिन सर डॉन ब्रैडमन जैसा क्रिकेटर नहीं देखा. वो क्रिकेट को उस जमाने में एक नयी ऊचांई पर लेकर गये, और उनका क्रिकेट में योगदान कोई भूल नहीं सकता, जैसे आज उनका जन्मदिन है, ये कोई नहीं भुला.
ये है सात रोचक तथ्य डॉन ब्रैडमन के बारें में:
पहला शतक:
उन्होंने अपना पहला शतक 12 साल की उम्र में लगाया था. बोवराल हाई स्कूल की तरफ से खेलते हुए, दुसरे मैच में उन्होंने 115 रन बनाए थे, जबकी उनकी टीम का स्कोर सिर्फ 156 हुआ था. तो अपने पहले मैच में उन्होंने 8 विकेट लिए थे, और 55 रन बनाए थे.
अपनी पत्नी से पहली बार मिले तब:
12 साल की उम्र में ही, सर डॉन ब्रैडमन अपनी पत्नी जैसी मैनजीस से मिले थे. जब जैसी ब्रैडमन के घर आयी थी, और ब्रैडमन के साथ उनके स्कुल भी गयी थी.
पढाई:
पढाई में ब्रैडमन काफी होशियार थे. ब्रैडमन को पढाई में सबसे ज्यादा प्यार गणित विषय से था, और ब्रैडमन उसमे काफी होशियार थे.
शौक:
क्रिकेट, गणित, और संगीत से ब्रैडमन को सबसे ज्यादा प्यार था. ब्रैडमन खुद पियानो बजाते थे. सात साल की उम्र में ही ब्रैडमन ने गाना गाया था. 1930 में उन्होंने एवरी डे इज रेन्बों डे फॉर मी ये गाना रिकॉर्ड किया था. संगीत के अलावा, ब्रैडमन टेनिस, गोल्फ, स्कावश, रग्बी, और एथलेटिक भी खेलते थे.
ऐसी उपलब्धिया जिसके बारे में ज्यादा किसीको पता नहीं:
ब्रैडमन के नाम ऐसे रिकॉर्ड है, जिसे तोडना असंभव है. लेकिन ब्रैडमन को सिर्फ एक ही बार टीम से निकाल दिया गया था, और वो भी उनके पहली सीरीज में. ब्रैडमन एक बार भी नर्वज 90 में आउट नहीं हुए है.
उनके प्रती प्यार:
अॉस्ट्रेलिया के एबीसी में ब्रैडमन के टेस्ट औसत पर अपना एंड्रेस लिखा है, पिओ बॉक्स 9994 रखा है. उनके नाम अॉस्ट्रेलिया में कई जगहों पर उनको ऐसा ही सन्मान मिला है. लेकिन सबसे ज्यादा उनका सन्मान रणजी ट्रॉफी मैच में हुआ था. महाराष्ट्र के बल्लेबाज भाऊसाहेब निंबालकर 443 रन पर खेल रहे थे, और ब्रैडमन के सर्वाधिक स्कोर के रिकॉर्ड तोडने से काफी करिब थे, लेकिन ये रिकॉर्ड ना तुटे इसलिए पारी घोषित की थी.
शानदार अंत:
ब्रैडमन को शानदार विदाई दी गयी थी, प्राईम मिनिस्टर टीम की तरफ से एमसीसी की खिलाफ खेला था, और उसमे उन्होंने 4 रन बनाए थे. 25 फरवरी 2001 को ब्रैडमन का निधन हुआ. ब्रैडमन ऐसे खिलाडी थे, जिनको क्रिकेट कभी नहीं भुल सकता.