भारतीय टीम के सबसे सफलताम कप्तानों में से एक सौरव गांगुली ने किया हैं एक ऐसा खुलासा जिसे सुनकर सभी के होश उड़ना लाजमी हैं. साल 2002 में जब भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर गयी थी, तब वहां भारतीय टीम के कप्तान सौरव गांगुली के साथ ऐसा कुछ हुआ था, जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता.
साल 2002 का इंग्लैंड दौरा यह वही दौरा था, जब भारतीय टीम के कप्तान सौरव गांगुली ने लॉर्ड्स के मैदान पर नेटवेस्ट ट्राफी जीतने के बाद लॉर्ड्स की बॉलकनी में खड़े होकर अपनी टी शर्ट उतारकर हवा में लहराई थी.
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सौरव गांगुली यह वो नाम हैं, जिन पर सभी भारतवासियों को बहुत गर्व हैं. सौरव गांगुली यह वो नाम हैं, जिसने भारतीय टीम को जीतना सीखाया. साल 2002 के दौरे पर भारतीय कप्तान रहे सौरव गांगुली के ऐसा क्या घटित हुआ था, क्या जानना नहीं चाहेंगे आप? आइये आपको बताते हैं, कि बात क्या हैं.
गुरूवार को एक इवेंट के दौरान एक क्रिकेट की किताब ”बीफी क्रिकेट टेल्स” का अनावरण किया गया. इस किताब में चैप्टर का नाम हैं ”ट्रबल इन इंग्लैंड” इस मौके पर सौरव गांगुली ने साल 2002 से जुड़ी एक ऐसी बात बताई जो किसी को नहीं पता थी.
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सौरव गांगुली के अनुसार-
”हमारी टीम को डरहम से लंदन जाना था. तब मैं और नवजोत सिंह सिद्धू एक ट्रेन से सफ़र कर रहे थे, तभी पिन्नर नाम की जगह के पास कुछ नौजवान लड़के लड़कियां ट्रेन में छड़े, जिनमें दो लड़के और तीन लड़कियां थी. यही नहीं वो लड़के लड़की बीयर पी रहे थे, वो हमारे ठीक सामने आकर बैठे गये थे.”
सौरव गांगुली ने बताया, कि-
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”मैं और नवजोत बातें कर रहे थे और वो लोग लगातार हमें घूरे जा रहे थे. तभी उनमे एक युवक हमारे नजदीक आया और हमसे पंगे लेने लगा. मैंने तुरंत सिद्धू से बोला जाने दो, इसकी बातों पर ध्यान मत दो. तभी वह लड़का चिल्लाते हुए बोला, क्या बोले तुम.”
सौरव गांगुली ने आपनी बात को आगे जारी रखते हुए कहा, कि-
”मैंने कुछ नहीं बोला और चुप रहा, लेकिन सिद्धू को गुस्सा आ गया. मुझे भनक लग चुकी थी, कि जरुर कुछ बुरा होने वाला हैं. मैंने अपना चश्मा उतार कर दूर फेंक दिया और आने पल के लिए तैयार हो गया. तभी एक स्टेशन के पास एक लड़की ने मुझे धक्का दिया और जब मैं उठा तो मेरे चहरे पर बंदूक तनी हुई थी. मुझे लगा मेरा जीवन यही समाप्त हो गया.”
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दादा के नाम से मशहुर सौरव गांगुली ने आगे कहा, कि-
”तभी एक लड़की आई और उन लोगो से लड़ पड़ी. वह वाकई में बड़ी ताकतवर लड़की थी और डटकर उन बदमाशों का सामना कर रही थी. बाद में मैंने उस लड़की का शुक्रिया किया और कसम खा ली, कि आज के बाद कभी भी इंग्लैंड की ट्रेन में नहीं बैठूँगा.”