आंकड़े: वेस्ट-इंडीज बनाम भारत, पहले टेस्ट का चौथा ऐतिहासिक दिन 1

वेस्ट-इंडीज बनाम भारत पहले टेस्ट के चौथे दिन सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम (नार्थ साउंड,एंटिगा) पर भारत ने वेस्ट-इंडीज के विरुद्ध एक बड़ी जीत हासिल की हैं. चौथे दिन की शुरुआत में वेस्ट-इंडीज ने फॉलोऑन खेलते हुए 21/1 के स्कोर से खेलना शुरू किया. वेस्ट-इंडीज की टीम तीसरे दिन की तरह चौथे दिन भी ताश के पत्तो की तरह बिखर गयी. चौथे दिन की शुरुआत में वेस्ट-इंडीज की पारी को हार बचाने के लिए 323 रनों की जरुरत थी, लेकिन मेजबान टीम केवल 231 रन ही बना पाई और टीम को एक पारी और 92 रनों से हार झेलनी पड़ी.

पहले टेस्ट में जीत के बाद मेहमान भारतीय टीम 4 मैचो की सीरीज में 1-0 से आगे हो गयी हैं.

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संक्षिप्त स्कोर: भारत – 566/8d. (विराट कोहली 200, रविचंद्रन आश्विन 113, कर्लोस ब्रेथवेट 3/65)

वेस्ट-इंडीज- 243 (क्रैग ब्रेथवेट 74, शेन डॉव्रीच 57* , उमेश यादव 4/41)

&  231 (कार्लोस ब्रेथवेट 51* , मार्लोन सैमुल्स 50 , रविचंद्रन 7/83)

नतीजा : भारत एक पारी और 92 रनों से जीता)

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पहले टेस्ट के चौथे दिन बने कुछ बड़े रिकॉर्ड:

1) भारतीय ऑफ-स्पिनर रविचंद्रन आश्विन ने वेस्ट-इंडीज टीम की दूसरी पारी में 7 विकेट हासिल किये, दूसरी पारी के अंत में आश्विन का गेंदबाजी विश्लेषण 25-8-83-7 रहा. वेस्ट-इंडीज सरजमी पर किसी भी भारतीय गेंदबाजो द्वारा किया गया यह सबसे अच्छा प्रदर्शन हैं. इस से पहले भारतीय गेंदबाज़ सुभाष गुप्ते ने वर्ष 1953 में पोर्ट ऑफ़ स्पैन के मैदान पर 162 रन देकर 7 विकेट हासिल किये थे.

i) आश्विन 7/83 वेस्ट-इंडीज सरजमी पर तीसरे सबसे सफल मेहमान स्पिनर रहे, जबकि वेस्ट-इंडीज सरजमी पर आश्विन  पांचवे सबसे सफल स्पिनर रहे.

ii) आश्विन 7/83 एक भारतीय स्पिन गेंदबाज़ द्वारा विदेशी सरजमी पर तीसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा. आश्विन से पहले इरापल्ली प्रसन्ना (    8/76 बनाम न्यूज़ीलैण्ड, वर्ष 1976, ऑकलैंड) और अनिल कुंबले (8/141 बनाम ऑस्ट्रेलिया, वर्ष 2004, सिडनी) ने आश्विन से अच्छा प्रदर्शन किया हैं.

iii) आश्विन के 7/83 का प्रदर्शन, एशिया के बाहर आश्विन का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा, जबकि आश्विन के करियर का यह दूसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा, इस से पहले आश्विन ने वर्ष 2015 में नागपुर की पिच पर दक्षिण-अफ्रीका के विरुद्ध 66 रन देकर 7 विकेट हासिल किये थे.

2) आश्विन ने दुसरी बार एक टेस्ट में शतक और 5 विकेट हॉल (एक पारी में 5 विकेट) लिया. इस मैच से पहले आश्विन ने वर्ष 2011 में मुंबई के मैदान पर वेस्ट-इंडीज के विरुद्ध यह कारनामा किया था. आश्विन से पहले कोई भी भारतीय यह कारनामा दो बार नहीं कर पायें हैं. भारतीय खिलाड़ी विनु मांकड़ और पोली उमरीगर यह कारनामा एक बार कर चुके हैं.

3) वेस्ट-इंडीज के निचलेक्रम के बल्लेबाज़ कार्लोस ब्रेथवेट और देवेन्द्र बिशु ने दूसरी पारी में नौवे विकेट के लिए 95 रनों की साझेदारी बनाई. यह वेस्ट-इंडीज बल्लेबाजों द्वारा बनायी गयी पांचवी सबसे बड़ी साझेदारी रही, जबकि भारत के विरुद्ध 9वे विकेट के लिए तीसरी सबसे बड़ी साझेदारी रही.

वेस्ट-इंडीज के दूसरी पारी के दौरान फॉलोऑन खेलते हुए कार्लोस ब्रेथवेट और बिशु ने 9वे विकेट के लिए 95 रनों की साझेदारी बनाई. फॉलोऑन खेलते हुए 9वे विकेट के लिए बिशु और कार्लोस ब्रेथवेट की यह दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी रहे. इस से पहले श्रीलंका के बल्लेबाज़ नुवान कुलाशेकरा और चमिंडा वास ने फॉलोऑन खेलते हुए 9वे विकेट के लिए वर्ष 2006 में लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर इंग्लैंड के विरुद्ध 105 रनों की साझेदारी बनाई थी.

4) पहले टेस्ट के दौरान भारतीय विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने 7 शिकार (6 पहली पारी में,1 दूसरी पारी में) किए. क्रिकेट इतिहास में यह 12वाँ मौका रहा जब एक भारतीय विकेटकीपर कम से कम 7 शिकारों में शामिल रहा. भारतीय विकेटकीपर एमएस धोनी  ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर वर्ष 2014 में रिकॉर्ड 9 शिकार किये थे. टेस्ट क्रिकेट में भारतीय विकेटकीपर सिर्फ 1 बार 9 शिकार में शामिल रहा , जबकि 5 मौके पर विकेटकीपर ने 8 शिकार किये, 6 बार भारतीय विकेटकीपर 7 शिकार करने में भी कामयाब रहे.

5) भारत ने पहला टेस्ट एक पारी और 92 रनों से जीता. एशिया के बाहर भारत के यह सबसे बड़ी जीत (पारी द्वारा) रही. इस से पहले भारत में वर्ष 2005 में ज़िम्बाब्वे को बुलवाओ टेस्ट में एक पारी और 90 रनों से हराया था.

i) वेस्ट-इंडीज के विरुद्ध भारत की यह 5वी सबसे बड़ी जीत रही. वेस्ट-इंडीज के विरुद्ध (पारी के अनुसार) भारत के यह तीसरी सबसे बड़ी जीत रही. इस से पहले भारत ने वर्ष 2013 में मुंबई के मैदान पर वेस्ट-इंडीज को एक पारी और 126 रनों से हराया था, इसके अलावा वर्ष 2002 में मुंबई के मैदान पर भारत को एक पारी और 112 रनों की जीत हासिल हुई थी.

6) वेस्ट-इंडीज को भारत के विरुद्ध पहले टेस्ट में एक पारी और 92 रनों की हार झेलनी पड़ी. वेस्ट-इंडीज सरजमी पर वेस्ट-इंडीज की यह सबसे बड़ी हार (पारी के अनुसार) रही. इस से पहले वर्ष 2005 में ब्रिजटाउन में वेस्ट-इंडीज को दक्षिण-अफ्रीका के विरुद्ध एक पारी और 86 रनों की हार झेलनी पड़ी थी.

7) सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम (नार्थ-साउंड, एंटिगा) पर भारत का यह पहला टेस्ट था, जिसमें भारत ने बड़ी जीत हासिल किया. एशिया के बाहर पहली बार किसी मैदान पर खेलते हुए भारत की यह पांचवी जीत हैं. इस से पहले भारत तीन बार न्यूज़ीलैण्ड में यह कारनामा कर चुका है, (बेसिन रिज़र्व, कारिस्ब्रूक और ईडन पार्क), ज़िम्बाब्वे  के बार (बुलवाओ एथलेटिक क्लब) कुछ ऐसे मैदान है जहाँ भारत ने पहली बार टेस्ट मैच खेला और जीत दर्ज किया.

8)टीम इंडिया ने एशिया से बाहर सबसे बड़ी जीत भी अपने नाम की और इस जीत में अहम भूमिका निभाने वाले आर अश्विन के नाम तो कमाल का रिकॉर्ड दर्ज होना ही था. जी हां आर अश्विन वर्ल्ड क्रिकेट में एक टेस्ट में शतक और 7 विकेट लेने वाले दुनिया के मात्र तीसरे खिलाड़ी बन गए हैं. अश्विन ने इस टेस्ट में पहली पारी में शतक लगाया था जिसके बाद उन्होंने दूसरी पारी में 7 विकेट चटकाए.

जिन तीन खिलाड़ियों ने एक टेस्ट में शतक या 7 विकेट लिए हैं उनमें सबसे पहले ये कमाल ऑस्ट्रेलिया के जैक ग्रॉगरी ने किया था, ग्रॉगरी ने साल 1921 में शतक और 7 विकेट लिए थे.

जैक के बाद इंग्लैंड के दिग्गज इयान ब़ॉथम ने साल 1978 और 1980 में दो बार ये कारनामा कर दिखाया था.

Gautam

I am Gautam Kumar a Cricket Adict, Always Willing to Write Cricket Article. Virat and Rohit are My Favourite Indian Player.