जैसा कि हम सभी यह बात बहुत ही अच्छे से जानते हैं, कि रविवार (29 अक्टूबर) को भारत और न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के बीच तीन वनडे मैचों की श्रृंखला का अंतिम और निर्णायक मुकाबला खेला गया था. दोनों टीमों के लिए यह मैच जीतना बहुत ही जरुरी थी, क्योंकि मैच जीतकर ही दोनों टीम श्रृंखला पर भी कब्ज़ा कर पाती.
सभी को उम्मीद थी, कि चाहे जो भी हो विराट एंड कंपनी की जीत का स्वाद चखेगी और हुआ भी कुछ ऐसा ही. मेहमान किवी टीम ने जीत के लिए अपनी पूरी जी जान लगा दी, लेकिन भारत को मात ना दे सके. भारतीय टीम कानपुर एकदिवसीय सिर्फ 6 रनों से जीतने में सफल रही और टीम ने इसी जीत के साथ वनडे सीरीज भी 2-1 से जीतकर अपने नाम कर ली.
चर्चा में रहे भुवी
भारतीय क्रिकेट टीम ने कानपुर में खेले गये अंतिम वनडे मैच में एकदम जोरदार खेल दिखाया. कप्तान विराट कोहली और उपकप्तान रोहित शर्मा का बल्ला ग्रीन पार्क में जमकर बोला. साथ ही तेज गेंदबाज और जीत के असली हीरो जसप्रीत बुमराह ने भी अपने प्रदर्शन से सभी का मन मोह लिया.
मगर इन सभी खिलाड़ियों से भी ज्यादा चर्चा माध्यम गति के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने बटौरी. भुवी ने मैच में दस ओवर की गेंदबाजी के दौरान 92 रन खर्च कर डाले. जी हाँ ! आप ने एकदम सही पढ़ा पूरे 92 रन लुटाये भुवनेश्वर ने कानपुर में और हासिल की एक विकेट.
आप सभी की जानकारी के लिए बता दे, कि वनडे क्रिकेट के अब तक के इतिहास में भारतीय टीम की तरफ से एक पारी में यह तीसरा सबसे शर्मनाक और बेहद ही निराशाजनक प्रदर्शन रहा. इस मामले में भी भुवी का नाम सबसे पहले स्थान पर ही आता हैं. भुवी 106 बनाम दक्षिण अफ्रीका और आर. विनय कुमार 102 बनाम ऑस्ट्रेलिया.
ग्रीन पार्क में पहले भी किया निराश
जी हाँ ! यह कोई पहला ऐसा मौका नहीं रहा हैं, जब भुवनेश्वर कुमार ने कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में अपनी गेंदबाजी से सभी को खासा निराश किया हो.
आप सभी की जानकारी के लिए बता दे, कि भुवनेश्वर कुमार ने अभी तक कानपुर के इस मैदान पर कुल तीन वनडे मैच खेले हैं, जिसमे उन्होंने क्रमशः (1/42 बनाम वेस्टइंडीज), (0/67 बनाम दक्षिण अफ्रीका) और कल (1/92 बनाम न्यूजीलैंड) यह आंकड़े दर्ज किये हैं.
यानी की तीन मैचों में कुल 28 ओवर और 201 रन विकेट भी सिर्फ दो ही. उत्तर प्रदेश से होने के कारण भुवी का यह घरेलू मैदान माना जाता हैं और अपने घरेलू मैदान पर इस तरह के आंकड़े भुवनेश्वर जैसे दिग्गज और चैंपियन गेंदबाज को बिलकुल भी शोभा नहीं देते. हम आशा करते हैं, कि आने वाले समय ऐसा देखें को नही मिलेंगा.
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