भारत-श्रीलंका सीरीज़ के पहले टेस्ट मैच को भारत ने बड़े ही शानदार तरीके से 304 रनों के बड़े अंतर से जीत लिया है। इस मैच को जीतने के बाद भारतीय टीम ने कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए। इतनी बड़ी जीत दर्ज करने के बाद कई रिकॉर्ड बने और टूटे। उनमें से एक रिकॉर्ड यह बना कि भारत की विदेशी धरती में ये जीत पिछले 85 सालों में सबसे बड़ी जीत है। क्रिकेट के पिछले 85 वर्षों के इतिहास में यह पहला मौका है जब भारतीय क्रिकेट टीम ने भारत से बाहर जाकर 304 रनों की बड़ी जीत हासिल की है।
85 वर्षों में सबसे बड़ी जीत के पीछे विराट ने लगाया दिमाग
भारत ने यह मैच चौथे दिन ही खत्म कर दिया। पहली पारी में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 600 रन बनाए थे, जिसके जवाब में श्रीलंका मात्र 291 रनों पर ही ऑल आउट हो गई। जिससे भारत को 309 रनों की बड़ी लीड हासिल हो गई। हालांकि उस वक्त भारत श्रीलंका को फॉलोऑन खिला सकता था, लेकिन कप्तान विराट कोहली फॉलोऑन खिलाने का फैसला नहीं किया और भारतीय टीम दूसरी पारी खेलने मैदान पर उतर गई। दूसरी पारी में भारत ने तेजी से रन बनाते हुए 3 विकेट खोकर 241 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे भारत की लीड 549 रन की हो गई और भारत ने श्रीलंका को 550 रन को विशाल लक्ष्य दे दिया।
भारत ने श्रीलंका को दूसरा सबसे बड़ा लक्ष्य दिया
जवाब में श्रीलंका की बल्लेबाज 245 रन ही बना पाई। इस मैच के हीरो बहुत सारे खिलाड़ी रहे। सबसे पहले शिखर धवन ने शतक जमाया फिर चतेश्वर पुजारा ने भी शतक लगाया उसके बाद रहाणे का अर्धशतक और हार्दिक पांड्या ने भी अपने पहले टेस्ट मैच में अर्धशतक जमाया। इनके अलावा भारत के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने भी कई छक्के लगाए। उसके बाद गेंदबाजी में शमी, अश्विन, जडेजा और उमेश ने भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया। दूसरी पारी में कप्तान विराट ने एक बार फिर शतक लगा के दिखा दिया कि उनकी फॉर्म अभी भी बरकरार है। उनके साथ अभिनव मुकुंद ने भी अच्छी साझेदारी निभाई और 81 रन भी बनाए। टेस्ट क्रिकेट में जीत के लिए भारत ने श्रीलंका के सामने दूसरा सबसे बड़ा लक्ष्य (550 रनों का) रखा था। इससे पहले भारत ने जीत के लिए सबसे बड़ा लक्ष्य वर्ष 2009 में न्यूजीलैंड के सामने (617 रनों का) रखा था।
भारत की सबसे बड़ी जीत, श्रीलंका की सबसे बड़ी हार
भारत ने यह टेस्ट 304 रनों से जीता। विदेशों में रनों के मामले में ये भारत की सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले विदेशी धरती पर भारत ने रनों के लिहाज से सबसे बड़े अंतर 279 रनों से वर्ष 1986 में लीड्स टेस्ट में इंग्लैंड को हराया था। कुल मिलाकर रनों के मामले में ये भारत की चौथी सबसे बड़ी जीत रही और श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच में सबसे बड़ी जीत थी। वहीं अगर श्रीलंका की बात करे तो टेस्ट क्रिकेट में रनों के मामले में ये श्रीलंका की सबसे बड़ी हार साबित हुई। इससे पहले श्रीलंका को रनों के लिहाज से टेस्ट में सबसे बड़ी हार वर्ष 1994 में कोलंबो में पाकिस्तान के हाथों मिली थी। इस मैच में पाकिस्तान ने श्रीलंका को 301 रनों से हराया था।