पुर्व भारतीय महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा कि, टेस्ट क्रिकेट को मजेदार बनाने के लिए टेस्ट क्रिकेट में प्रतिद्वंद्वीता दिखनी चाहिए.
उन्होंने कहा, कि “जब मैं छोटा था तब मुझे इमरान खान और सुनिल गावस्कर के बीच प्रतिद्वंद्वीता देखने को मिलती थी. इसके अलावा विव रिचर्ड्स बनाम जैफ थॉमसन, कर्टली एंब्रोज बनाम स्टिव वॉ से लेकर ब्रायन लारा बनाम ग्लैन मैग्रा के बीच प्रतिद्वंद्वीता देखने को मिलती थी.”
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सचिन तेंदुलकर ने कहा, 80 और 90 के दशक में वेस्टइंडीज टीम कमाल की थी. पुरा विश्व तब वेस्टइंडीज को हराने की रणनीती बनाता था. फिर अॉस्ट्रेलिया आया. उनके पास 9 वर्ल्ड क्लास खिलाड़ी थे और 2 शानदार खिलाड़ी. अगर कोई 3 खिलाड़ी अच्छा करते तो अॉस्ट्रेलिया जीत जाता, और इस चीज की कमी आज खल रहीं हैं.
रिटायर हुए सचिन तेंदुलकर के मुताबिक टी ट्वेंटी क्रिकेट आने के बाद लोग ज्यादा टी ट्वेंटी क्रिकेट देखते हैं.
सचिन तेंदुलकर ने कहा, “लोगों की सोच बदल गयी हैं. टी ट्वेंटी और टैकनॉलजी ने लोगों की सोच बदली हैं. मैं जब छोटा था तो टेस्ट देखता था, तो अबके बच्चें टी ट्वेंटी क्रिकेट देखते हैं.”
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सचिन तेंदुलकर ने कहा, “मैं क्रिकेट को मिस नहीं कर रहा, लेकिन कुछ मैच खेलने में अब भी मजा आता हैं. मैनें रिटायर हुए खिलाड़ीयों के साथ अमेरिका में तीन मैच खेले थे. लेकिन हां मैं असली क्रिकेट को मिस करता हूं. अब मैं क्रिकेट के अलावा दूसरे चीजें कर रहा हूं, और मैं इस जिंदगी से खुश हूं.”
सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने के लिए कई सुझाव दिए.